जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एम शिक्षा मित्र योजना 3 से 17 सितम्बर तक प्रायोजित रूप से लागू की गई थी। प्रारंभिक परिणाम में अधिकारी यह नहीं बता पा रहे हैं किस शिक्षक की उपस्ाििति दर्ज हुई अथवा नहीं। इस ऐप को लेकर उन क्षेत्रों मं ज्यादा परेशानी थी जहां नेट कनेक्टिविटी नहीं है।
Pay-scale / Merit / Counseling / Appointment / Transfer / Court - case & all Madhya Pradesh latest news - Source of Reliable Information
Important Posts
Advertisement
शिक्षकों के खट्टे-मीठे, आतंकी अनुभव!
लगभग एक दशक बाद जब मैं अपने शहर कानपुर की सड़कों से गुजर रहा था तो वहां के सबसे बड़े मॉल की चर्चा सुनने को मिली। पता चला कि वह क्राइस्ट चर्च कालेज के ठीक सामने बना था जहां कभी हम पढ़ते थे।
मप्र में तालाबंदी : अतिथि शिक्षकों ने संभाली स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था
भोपाल। मध्यप्रदेश में कार्यरत आध्यापक आन्दोलन पर चले गए हैं और स्कूल में तालाबंदी कर रहे। ऐसी परिस्थिति में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था अतिथि शिक्षकों के हाथ आ गई हैं जो इस हड़ताल में सम्मलित नही हैं। मध्यप्रदेश अतिथि संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जगदीश शास्त्री ने बताया की स्कूल में प्राचार्यो का काम भी अतिथि ही देख रहे हैं।
अनुपस्थित अध्यापकों एवं संविदा शाला शिक्षकों के विरुद्ध होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
भोपाल। आयुक्त, लोक शिक्षण
ने जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये हैं कि शासकीय शाला में अनाधिकृत रूप से
अनुपस्थित रहने वाले अध्यापकों एवं संविदा शाला शिक्षकों के विरुद्ध सख्त
अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये। जो अध्यापक एवं संविदा शाला शिक्षक
अनुपस्थित रहेंगे, उन्हें उस अवधि का वेतन नहीं दिया जायेगा।
आठ शिक्षकों को नोटिस जारी, निरीक्षण के दौरान शाला से थे अनुपस्थित
बालाघाट. जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अधिकारियों द्वारा शालाओं का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। जिसमें 8 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इन अनुपस्थित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। कलेक्टर व्हीकिरण गोपाल के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी एसपी लाल ने यह नोटिस जारी किया है।
354 शिक्षकों को रजामंदी से पसंद के जिलों में पोस्टिंग
प्रदेश टुडे संवाददाता, ग्वालियर : सरकारी स्कूलों में सेवारत जो सहायक अध्यापक लंबे समय से पसंद के दूसरे जिले में जाना चाह रहे थे,उनकी यह इच्छा स्कूल शिक्षा विभाग ने पूरी कर दी है। प्रदेशभर के ऐसे 354 सहायक अध्यापकों का अंतरजिला पारस्परिक संविलियन करने के आदेश निकाल दिए हैं। इनकी सूची विभागीय वेबसाइट पर डाल दी गई है। जिन शिक्षकों ने आवेदन किया था,उनकी एक दूसरे की सहमति से पसंद के जिलों के स्कूलों में पोस्टिंग की गई है। निर्देश दिए हैं कि संबंधित शिक्षक 15 दिन के भीतर नई पदस्थापना वाले स्कूल में ज्वाइनिंग देना सुनिश्चत करें।
एक कॉल पर ट्रेस होगी शिक्षकों की लोकेशन
स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति अब एम-शिक्षा मित्र योजना के तहत दर्ज होगी। ई-अटेंडेंस योजना को अब पूरे प्रदेश में एम-शिक्षा मित्र योजना से लागू किया है। इसमें कई बदलाव किए हैं। इसके तहत अब जीपीएस की मदद से भोपाल में बैठे अधिकारी शिक्षकों की लोकेशन भी ट्रेस कर सकेंगे।
सहायक शिक्षकों के हवाले स्कूल, अनशनरत तीन अध्यापकों की हालत बिगड़ी
भोपाल। प्रदेश के करीब सवा लाख स्कूल आज से सहायक और कनिष्ठ शिक्षकों के हवाले हो गए हैं। आजाद अध्यापक संघ के आव्हान पर भोपाल में जमे सैकड़ों अध्यापकों में दर्जनभर अनशन पर हैं जिनमें से तीन की हालत आज खराब हो गई। अध्यापकों का कहना है कि वे मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन पर रहेंगे।आजाद अध्यापक संघ के अध्यक्ष भरत पटेल सहित 12 लोग यादगारे शाहजहानी पार्क में अनशन पर हैं।
प्रमुख सचिव की एक चिठ्ठी से हड़ताली शिक्षकों में भ्रम
जबलपुर। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा के एक फरमान ने हड़ताल में शामिल शिक्षक, अध्यापकों को परेशानी के साथ ही भ्रम में डाल दिया है। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग संजय सिंह के नाम से सभी कलेक्टर्स को निर्देशित करती चिट्ठी में अध्यापक, संविदा शिक्षकों द्वारा की गई हड़ताल को अवैधानिक करार देते हुए हड़ताल में शामिल शिक्षकों की छुट्टी स्वीकृत न करने और शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
जबलपुर: शिक्षकों की होगी ऑनलाइन निगरानी
जबलपुर: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्यापन कार्य के वक्त सोशल साइट्स पर चैटिंग करने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं. प्रदेश का लोक शिक्षण संचालनालय ऐसे शिक्षकों पर नकेल कसने की तैयारियां कर रहा है. दरसअल, मॉनिटरिंग के लिए विभाग एक सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है, जो सोशल साइट्स पर समय बिताने वाले शिक्षकों की जांच करेगा. जांच में जो शिक्षक ऑनलाइन पाए जाएंगे, उन पर वेतन वृद्धि रोकने के अलावा कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
शाम तक जारी रहा शिक्षकों का प्रदर्शन, डीपीआई का करेंगे घेराव
भोपाल। राजधानी भोपाल में आज मंगलवार की शाम तक भी शिक्षकों का प्रदर्शन जारी रहा। लेकिन फिर भी स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा कोई भी नेता या अधिकारी शिक्षकों के पास नहीं है। प्रदेश भर से आये ये हजारों शिक्षक छठवें वेतनमान की बकाया किस्त एकमुश्त समेत 12 सूत्रीय मांग की सरकार द्वारा नहीं की जा रही है सुनवाई को लेकर अब सभी लोक शिक्षण संचालनालय और मंत्रालय का घेराव करने की तैयारी की है।
ई-हाजिरी के लिये शिक्षकों को लगेगा फटका
उज्जैन। राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष व भाजपा के सुसनेर से विधायक मुरलीधर पाटीदार की मौजूदगी में अध्यापकों-संविदा शिक्षकों की संभागीय बैठक के बाद इस आदेश की अनिवार्यता का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार कलेक्टर से लेकर चपरासी स्तर तक के कर्मचारियों के लिये इस तरह की अनिवार्यता करेंं तभी शिक्षकों- अध्यापकों पर इस तरह का आदेश थोपा जाये। शिक्षक- अध्यापक इस आदेश का जमकर विरोध करेंगे।
25 सितंबर को सरकार ने शिक्षकों- अध्यापकों की ई-उपस्थिति अनिवार्य करते हुए साफ्टवेअर विकसित किया है कि संबंधित शिक्षक अध्यापकों को एंड्रायड फोन के जरिये ऑनलाईन ही स्कूल से उपस्थिति दर्ज कराना पड़ेगी। शिक्षकों ने भारी विरोध के साथ सरकार के विरूद्ध हुंकार भर दी है।
25 सितंबर को सरकार ने शिक्षकों- अध्यापकों की ई-उपस्थिति अनिवार्य करते हुए साफ्टवेअर विकसित किया है कि संबंधित शिक्षक अध्यापकों को एंड्रायड फोन के जरिये ऑनलाईन ही स्कूल से उपस्थिति दर्ज कराना पड़ेगी। शिक्षकों ने भारी विरोध के साथ सरकार के विरूद्ध हुंकार भर दी है।
दो सूत्रीय मांगों को लेकर 5 हजार टीचर्स का जमावड़ा
भोपाल दो सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के हजारों अध्यापक आज राजधानी पहुंच रहे हैं। सुबह से ही इनके पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। दोपहर तक लगभग 5 हजार शिक्षक पहुंच चुके हैं। यह दोपहर बाद शाहजहांनी पार्क रैली निकालेंगे। आंदोलनकारियों ने 25 हजार शिक्षकों के इकट्ठे होने का दावा किया है। करीब डेढ़ साल से ठंडा पड़ा अध्यापकों का आंदोलन एक बार फिर शुरू हो गया है।
जरूरत होने पर तत्परता से करें अतिथि शिक्षकों की भर्ती
कलेक्टर ने बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश
ग्वालियर। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने निर्देश दिए कि अगर किसी भी स्कूल में शिक्षकों की कमी है। इस कारण यदि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है तो तत्काल अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर स्कूल में इस कमी को पूरा करें। इसके लिए किसी भी तरह की विशेष अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
ग्वालियर। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने निर्देश दिए कि अगर किसी भी स्कूल में शिक्षकों की कमी है। इस कारण यदि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है तो तत्काल अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर स्कूल में इस कमी को पूरा करें। इसके लिए किसी भी तरह की विशेष अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
फरवरी में मिला बजट, लेकिन अनुदानित शिक्षकों को नहीं मिला छटवां वेतनमान
स्कूल शिक्षा विभाग सभी जिलों को जारी कर चुके हैं बजट, नहीं मिला लाभ
भास्कर संवाददाता | मुरैना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अनुदान प्राप्त स्कूलों के 731 शिक्षकों को छटवां वेतनमान नहीं मिला है। यह स्थिति तब है जब स्कूल शिक्षा विभाग 28 फरबरी को इसके लिए सभी जिलों को बजट भी जारी कर चुका है। छटवां वेतनमान नहीं मिलने से अनुदानित शिक्षकों की वित्तीय स्थिति कमजोर है।
भास्कर संवाददाता | मुरैना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अनुदान प्राप्त स्कूलों के 731 शिक्षकों को छटवां वेतनमान नहीं मिला है। यह स्थिति तब है जब स्कूल शिक्षा विभाग 28 फरबरी को इसके लिए सभी जिलों को बजट भी जारी कर चुका है। छटवां वेतनमान नहीं मिलने से अनुदानित शिक्षकों की वित्तीय स्थिति कमजोर है।
आखिर शिक्षक प्रदीप जैन निलंबित
दमोह। नोहटा संकुल के अंतर्गत आने वाले हिनौती खेतसिंह प्राथमिक स्कूल में पदस्थ सहायक अध्यापक प्रदीप जैन को आखिरकार जिला पंचायत सीईओ ने निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। यह कार्रवाई डीपीसी द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन के आधार पर की गई है, जिसमें उसे कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शासन की योजनाओं का लाभ लेने का दोषी माना गया है। गौरतलब हो कि शिक्षक प्रदीप जैन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बीएड की अंकूसची की जानकारी ई-सेवा पुस्तिका में दर्ज कराई और उसके आधार पर अध्यापक संवर्ग में शामिल कर होकर वेतनवृद्घियों का लाभ लिया।
पोहरी में नियम विरुद्ध हुई हैं अतिथि शिक्षकों की भर्ती
शिवपुरी। पोहरी क्षेत्र में अतिथी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में जमकर धांधली होने की खबर आ रही है। बताया गया है कि जो अतिथि दो-तीन साल से सेवा देता आए है उन्है इस शिक्षण सत्र में नही रखा गया है।
म.प्र. शासन की मंशा थी कि विद्यालयों मे शिक्षा का स्तर सुधारने के उददेश्य से एंव विद्यालयों मे शिक्षको की कमी के चलते जिन विद्यालयों मे शिक्षकों की कमी है या छात्र सं या अधिक है वहा पर म.प्र. शासन ने अपने खजाने पर अतिरिक्त बोझा डालकर म.प्र. के सभी विद्यालयों मे अतिथि शिक्षक बनाने के आदेश दे डाले।
अधिकारियों को नहीं मालूम सहायक शिक्षक और सहायक अध्यापक का वेतन अंतर
माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल।
महोदय,
आपने महाकाल की नगरी उज्जैन से अध्यापकों को चार किश्तों में शिक्षक संवर्ग के समान वेतन देने की घोषणा की थी। अधिकारियों ने उसे अंतरिम राहत का नाम दिया है। अंतरिम राहत का जिस प्रकार निर्धारण किया गया है उससे तो यही लगता है कि आपके शिक्षा अधिकारियों को सहायक शिक्षक और सहायक अध्यापक का वेतन अंतर निकालना ही नहीं आता।
आठ लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी
बालाघाट. शाला दर्पण एप के माध्यम से अधिकारियों के द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान शाला से अनुपस्थित पाए गए आठ लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। सभी से लिखित में स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मप्र में शिक्षकों के लिए मोबाइल एप
भोपाल, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने शिक्षकों को विभिन्न सेवाएं तथा शैक्षणिक कार्य संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल एप तैयार किया है। इस मोबाइल एप को नाम दिया गया है 'एम-शिक्षा मित्र'। आधिकारिक तौर पर रविवार को दी गई जानकारी में बताया गया है कि नेशनल इंफॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी) द्वारा बनाए गए एप में शिक्षकों के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं।
Subscribe to:
Comments (Atom)