जिले में 9256 में से 8500 ने शिक्षकों में एप डाउनलोड किया है। अधिकारियों के प्रशिक्षण देने के बाद एप तो डाउनलोड हो गए, लेकिन ई-अटेंडेंस 4200 शिक्षक ही लगा रहे हैं। शिक्षक सुविधाएं मिलने के बाद ही इसका उपयोग करने की बात कह रहे हैं। शिक्षा विभाग ने बीआरसी और प्राचार्यों से बगैर नेटवर्क वाली स्कूलों की सूची मांगी है। ये सूची मिलने के बाद ऐसे शिक्षकों को छूट मिल सकती है। वहीं प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे कर्मचारियों की भी जानकारी मांगी है, क्योंकि पद स्थापना वाले स्थान से ही शिक्षकों की एप में अटेंडेंस होगी। प्रोग्रामर कुंदन भावसार ने बताया शिक्षक पांच किमी के दायरे में रहकर अटेंडेंस लगा सकेंगे। लेकिन इसमें उनकी लोकेशन पता चल जाएगी। शिक्षकों के मोबाइल का यूनिक आईडी दर्ज किया है।
संभाग, जिला और ब्लॉक में दिया प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग ने संभागस्तर पर 9 जुलाई को प्रशिक्षण दिया था। इसमें डीईओ, डीपीसी, एपीसी व प्रोग्रामर शामिल थे। 12 को जिला स्तर पर बीआरसी, जनशिक्षक और एमआईएस कॉ-आर्डिनेटर, 16 को विकासखंड स्तर पर एचएम, प्राचार्य को प्रशिक्षण दिया। प्राचार्य ने स्कूलों में शिक्षकों को जानकारी दी है। ई-अटेंडेंस की तीन स्तरों पर मॉनेटरिंग की जाएगी। संकुल स्तर पर जनशिक्षक स्कूलों की स्थिति देखेंगे। बीआरसी पूरे ब्लॉक पर नजर रखेंगे। इसके बाद जिला स्तर से जांच की जाएगी कि किस तरह से अटेंडेंस की जा रही है।
विरोध में शिक्षक संघ, सीएम को देंगे ज्ञापन
ई-अटेंडेंस के विरोध में शिक्षक संघ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को ज्ञापन देकर इसे बंद करने की मांग करेगा। संघ पहले ही इसके विरोध में आंदोलन कर चुका है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष लछीमन इंगले ने बताया जब तक अफसर सुविधा नहीं देंगे तब तक इसका विरोध करेंगे।
ये फायदा होगा एप में
शिक्षकों का कम्यूनिकेशन गेप खत्म होगा, हर स्कूल की जानकारी उनके हाथ में होगी
बच्चों की छात्रवृति, स्कूल के लिए जारी हुई राशि, मध्याह्न भोजन, अशासकीय स्कूलाें की जानकारी
शिक्षकों की पे-स्लीप और सर्विस बुक होगी
मैन्युअल लगाई
47 प्रतिशत शिक्षक एप से अटेंडेंस लगा रहे हैं। अभी मैन्युअल अटेंडेंस भी लगाई जा रही है। एप को लेकर प्रशिक्षण दिया गया है। - केके डोंगरे, जिला शिक्षा अधिकारी खरगोन