भोपाल : साउथ
कोरिया की तर्ज पर मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के छात्र साइंस,
टेक्नोलॉजी और गणित के अलावा आर्ट यानि कला विषय में भी दक्ष होंगे. सरकारी
स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए साउथ कोरिया के स्टीम मॉडल
को लागू किया जाएगा. STEAM यानि साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स
और मैथ्स. इस मॉडल का उपयोग करके मध्य प्रदेश के कक्षा 9वीं से 12वीं तक के
बच्चों को हर विषय में दक्ष किया जाएगा.
इसके माध्यम
से छात्रों को सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं कौशल विकास में आगे लाया जाएगा. इस
मॉडल को समझने के लिए भोपाल में पहली बार बड़े स्तर पर 30 और 31 अक्टूबर को
दो दिवसीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इस कॉन्क्लेव में देश और
विदेश से आए हुए साढ़े 300 शिक्षाविद और विषेशज्ञ शामिल होंगे.
आपतो बता दें
कि स्कूली शिक्षा विभाग के अधिकारियों के 3 दल जिसमें करीब 100 सदस्य शामिल
थे. साउथ कोरिया का दौरा करके इस मॉडल को समझकर आए है. अभी ऐसी 3 और दल
साउथ कोरिया जाकर इस मॉडल को समझने वाले है. साउथ कोरिया का दौरा करके लौटे
दल के सदस्य भी कॉन्क्लेव में शामिल होंगे और अपना अनुभव साझा करेंगे.
STEAM मॉडल क्या है?
बच्चों के संपूर्ण विकास का मॉडल है STEAM
STEAM नाम में हर शब्द का मतलब एक विषय से है
S-साइंस, T-टेक्नोलॉजी, E-इंजीनियरिंग, A-आर्ट, M-मैथ्स
बच्चों के संपूर्ण विकास का मॉडल है STEAM
STEAM नाम में हर शब्द का मतलब एक विषय से है
S-साइंस, T-टेक्नोलॉजी, E-इंजीनियरिंग, A-आर्ट, M-मैथ्स
क्या होगा फायदा?
STEAM मॉडल से बच्चों का स्कूल में ही कौशल विकास किया जाएगा
9वीं से 12वीं तक जरुरी विषयों के अलावा आर्ट पर भी फोकस होगा
STEAM मॉडल से बच्चों का स्कूल में ही कौशल विकास किया जाएगा
9वीं से 12वीं तक जरुरी विषयों के अलावा आर्ट पर भी फोकस होगा