भोपाल। आदरणीय सीएम सर, गेस्ट लेक्चरर को पिछले 3 से 6
महीने से मानदेय नहीं मिला है। क्या उच्च शिक्षा और वित्त विभाग के
अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए हमारे साथ न्याय करेंगे? क्या हम भी
दीपावली मना पाएंगे? यह ट्वीट एमवीएम कॉलेज में कार्यरत अतिथि विद्वान डॉ.
रीतेश सिंगारे ने किया है। उच्च शिक्षा विभाग के कॉलेजों में पढ़ाई की
जिम्मेदारी संभाल रहे अतिथि विद्वानों को 6 माह से मानदेय नहीं मिला है।
प्रदेशभर में इनकी संख्या करीब 5 हजार है। कुछ कॉलेजों में जुलाई तो कुछ कॉलेजों में मई माह का अंतिम बार भुगतान किया गया था। शहर के मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय जैसे कॉलेज में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर का मानदेय नहीं मिला है। इन्हें न्यूनतम 30 हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है, लेकिन दीपावली जैसे त्योहार में आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। यह स्थिति पूरे प्रदेशभर में बनी हुई है।
रेगुलर प्रोफेसर को भी नहीं मिला इस महीने का वेतन
पिछले माह रेगुलर प्रोफेसर्स को वेतन में देरी होने से उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को दखल देना पड़ा। इसके बाद सितंबर महीने में प्रोफेसर्स को 10 दिन की देरी से वेतन मिला था। अतिथि विद्वान संघ के अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा और वित्त विभाग की खींचातानी के कारण अतिथि विद्वान 6 महीने से दाने-दाने को मोहताज हैं।
प्रदेशभर में इनकी संख्या करीब 5 हजार है। कुछ कॉलेजों में जुलाई तो कुछ कॉलेजों में मई माह का अंतिम बार भुगतान किया गया था। शहर के मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय जैसे कॉलेज में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर का मानदेय नहीं मिला है। इन्हें न्यूनतम 30 हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है, लेकिन दीपावली जैसे त्योहार में आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। यह स्थिति पूरे प्रदेशभर में बनी हुई है।
रेगुलर प्रोफेसर को भी नहीं मिला इस महीने का वेतन
पिछले माह रेगुलर प्रोफेसर्स को वेतन में देरी होने से उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को दखल देना पड़ा। इसके बाद सितंबर महीने में प्रोफेसर्स को 10 दिन की देरी से वेतन मिला था। अतिथि विद्वान संघ के अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा और वित्त विभाग की खींचातानी के कारण अतिथि विद्वान 6 महीने से दाने-दाने को मोहताज हैं।