इटारसी/स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी अध्यापकों
को सातवां वेतनमान का तोहफा इस दीवाली पर दे दिया है। विभाग द्वारा
शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार सातवां वेतनमान एक जुलाई 2018 से देय
होगा। नवंबर में मिलने वाला अक्टूबर पेड वेतन सातवें वेतनमान के अनुसार
मिलेगा। अध्यापकों में इस सौगात को पाकर खुशी की लहर व्याप्त है।
विभाग के सूत्रों के अनुसार सातवां वेतनमान मिलने के बाद अध्यापकों के वेतनमान में लगभग 07 से 10 हजार रुपए बढ़ जाएगा। बढ़ा हुआ वेतन अक्टूबर के वेतन के साथ नवंबर में मिलेगा। वर्तमान में वर्ग एक अध्यापक का वेतन लगभग 55 हजार है, जो बढ़कर लगभग 60 से 63 हजार, वर्ग 2 का वेतन 42 से 48 हजार है, जो बढ़कर लगभग 48 से 55 हजार और वर्ग तीन का वेतन जोकि 30 से 35 हजार है, बढ़कर 37 से 45 हजार रुपए के आसपास हो जाएगा।
छठवां वेतन पहले ही मिल चुका
अध्यापकों को छठवां वेतनमान पिछले साल ही मिल चुका था, जब इनका संविलयन पंचायत से स्कूल शिक्षा विभाग में किया गया था। इससे पहले जिला पंचायत में अध्यापक सवर्ग संविदा नियुक्ति पर थे। 2007 में तत्कालीन सरकार ने इन्हें नियमित कर दिया था।
सरकार का आभार माना, डीए भी तुरंत दी जाए
मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी महासंघ के होशंगाबाद जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह तोमर, आजाद अध्यापक संगठन के संभागीय अध्यक्ष राजेश पांडे, शिक्षक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष सक्सेना ने अध्यापकों को यह सौगात देने के लिए प्रदेश सरकार और सीएम कमलनाथ का आभार माना। पदाधिकारियों ने कहा कि अध्यापकों को भी डीए देना चाहिए। केवल आईएएस अधिकारियों को डीए देकर सरकार ने कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार ने केवल अधिकारियों को डीए दिया, जबकि कर्मचारियों को नहीं दिया गया।
विभाग के सूत्रों के अनुसार सातवां वेतनमान मिलने के बाद अध्यापकों के वेतनमान में लगभग 07 से 10 हजार रुपए बढ़ जाएगा। बढ़ा हुआ वेतन अक्टूबर के वेतन के साथ नवंबर में मिलेगा। वर्तमान में वर्ग एक अध्यापक का वेतन लगभग 55 हजार है, जो बढ़कर लगभग 60 से 63 हजार, वर्ग 2 का वेतन 42 से 48 हजार है, जो बढ़कर लगभग 48 से 55 हजार और वर्ग तीन का वेतन जोकि 30 से 35 हजार है, बढ़कर 37 से 45 हजार रुपए के आसपास हो जाएगा।
छठवां वेतन पहले ही मिल चुका
अध्यापकों को छठवां वेतनमान पिछले साल ही मिल चुका था, जब इनका संविलयन पंचायत से स्कूल शिक्षा विभाग में किया गया था। इससे पहले जिला पंचायत में अध्यापक सवर्ग संविदा नियुक्ति पर थे। 2007 में तत्कालीन सरकार ने इन्हें नियमित कर दिया था।
सरकार का आभार माना, डीए भी तुरंत दी जाए
मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी महासंघ के होशंगाबाद जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह तोमर, आजाद अध्यापक संगठन के संभागीय अध्यक्ष राजेश पांडे, शिक्षक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष सक्सेना ने अध्यापकों को यह सौगात देने के लिए प्रदेश सरकार और सीएम कमलनाथ का आभार माना। पदाधिकारियों ने कहा कि अध्यापकों को भी डीए देना चाहिए। केवल आईएएस अधिकारियों को डीए देकर सरकार ने कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार ने केवल अधिकारियों को डीए दिया, जबकि कर्मचारियों को नहीं दिया गया।