भोपाल। ऑफ कैंपस या स्टडी सेंटर के नाम पर अपने क्षेत्राधिकार से बाहर संचालित हो रहे प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेना छात्रों को महंगा पड़ सकता है। उच्च शिक्षा विभाग ने एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने से पहले अलर्ट जारी किया है।
जानें पूरा मामला
-उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों को हिदायत दी है कि वे किसी भी निजी विश्वविद्यालय के अपने क्षेत्राधिकार के बाहर संचालित किए जा रहे ऑफ कैंपस, स्टडी सेंटर या ट्रेनिंग सेंटर में एडमिशन न लें। शासन ने ऐसे किसी भी निजी विश्वविद्यालय को क्षेत्राधिकार के बाहर ऑफ कैंपस, स्टडी सेंटर या ट्रेनिंग सेंटर चलाने की मंजूरी नहीं दी है।
-राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम 2007 के तहत प्रदेश में 24 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की है। अधिनियम के तहत सभी निजी विवि एकात्मक और स्ववित्तीय हैं। इन्हें फिलहाल अपने क्षेत्राधिकार के बाहर ऑफ कैंपस, स्टडी सेंटर या ट्रेनिंग सेंटर चलाने की मंजूरी नहीं दी गई है।
-विभाग ने कहा है कि यदि कोई निजी विवि नियम का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
-उधर, मध्यप्रदेश निजी विवि विनियामक आयोग के चेयरमैन प्रो. अखिलेश पांडे का कहना है कि यूजीसी के नियमों के तहत कोई भी निजी विवि को यदि स्थापना के पांच साल पूरे कर लेता है, तो उसे ऑफ कैंपस शुरू करने की अनुमति मिल जाती है। लेकिन फिलहाल प्रदेश में किसी भी निजी विवि को इसकी मंजूरी नहीं मिली है। आयोग द्वारा भी उच्च शिक्षा विभाग से पहले इसी तरह का अलर्ट जारी कर चुका है।
यूजीसी ने कहा-दूरस्थ शिक्षा माध्यम से एमफिल व पीएचडी में एडमिशन न लें
उधर, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने भी अलर्ट जारी कर छात्रों को दूरस्थ शिक्षा माध्यम से संचालित एमफिल व पीएचडी कोर्स में एडमिशन लेने से बचने को कहा है। यूजीसी के अनुसार दूरस्थ शिक्षा माध्यम से एमफिल व पीएचड संचालित करने की अनुमति अभी किसी भी विवि या संस्थान को नहीं दी है। केवल इग्नू और कुछ राज्य ओपन यूनिवर्सिटीज को ही नॉन टेक्निकल कोर्सेस में दूरस्थ शिक्षा माध्यम से एमफिल व पीएचड कोर्स चलाने की मंजूरी दी गई। जिन्हें इसकी मंजूरी मिली है वे यह कोर्स नियमों के तहत सिर्फ रेगुलर मोड से चला सकेंगे।
जानें पूरा मामला
-उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों को हिदायत दी है कि वे किसी भी निजी विश्वविद्यालय के अपने क्षेत्राधिकार के बाहर संचालित किए जा रहे ऑफ कैंपस, स्टडी सेंटर या ट्रेनिंग सेंटर में एडमिशन न लें। शासन ने ऐसे किसी भी निजी विश्वविद्यालय को क्षेत्राधिकार के बाहर ऑफ कैंपस, स्टडी सेंटर या ट्रेनिंग सेंटर चलाने की मंजूरी नहीं दी है।
-राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम 2007 के तहत प्रदेश में 24 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की है। अधिनियम के तहत सभी निजी विवि एकात्मक और स्ववित्तीय हैं। इन्हें फिलहाल अपने क्षेत्राधिकार के बाहर ऑफ कैंपस, स्टडी सेंटर या ट्रेनिंग सेंटर चलाने की मंजूरी नहीं दी गई है।
-विभाग ने कहा है कि यदि कोई निजी विवि नियम का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
-उधर, मध्यप्रदेश निजी विवि विनियामक आयोग के चेयरमैन प्रो. अखिलेश पांडे का कहना है कि यूजीसी के नियमों के तहत कोई भी निजी विवि को यदि स्थापना के पांच साल पूरे कर लेता है, तो उसे ऑफ कैंपस शुरू करने की अनुमति मिल जाती है। लेकिन फिलहाल प्रदेश में किसी भी निजी विवि को इसकी मंजूरी नहीं मिली है। आयोग द्वारा भी उच्च शिक्षा विभाग से पहले इसी तरह का अलर्ट जारी कर चुका है।
यूजीसी ने कहा-दूरस्थ शिक्षा माध्यम से एमफिल व पीएचडी में एडमिशन न लें
उधर, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने भी अलर्ट जारी कर छात्रों को दूरस्थ शिक्षा माध्यम से संचालित एमफिल व पीएचडी कोर्स में एडमिशन लेने से बचने को कहा है। यूजीसी के अनुसार दूरस्थ शिक्षा माध्यम से एमफिल व पीएचड संचालित करने की अनुमति अभी किसी भी विवि या संस्थान को नहीं दी है। केवल इग्नू और कुछ राज्य ओपन यूनिवर्सिटीज को ही नॉन टेक्निकल कोर्सेस में दूरस्थ शिक्षा माध्यम से एमफिल व पीएचड कोर्स चलाने की मंजूरी दी गई। जिन्हें इसकी मंजूरी मिली है वे यह कोर्स नियमों के तहत सिर्फ रेगुलर मोड से चला सकेंगे।