निजी स्कूलों में डीएड और बीएड की अनिवार्यता के चलते पिछले साल शहर के 90
स्कूलों की मान्यता होल्ड कर दी थी। एक साल हो गया लेकिन अब तक इन्हें
मान्यता नहीं मिली है। अब भी ये बगैर मान्यता के ही संचालित हो रहे हैं।
आरटीई में शिक्षकों की योग्यता निर्धारित की है। निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक का डीएड और बीएड होना जरूरी है। कम संख्या में शिक्षक होने से शहर के 90 स्कूलों की मान्यता शिक्षा विभाग ने होल्ड कर दी थी। इसके बाद से ही अब तक मान्यता नहीं मिल पाई है जबकि एजुकेशन पोर्टल पर आ रहे संदेश में बीएड और डीएड की प्रशिक्षण काल की अवधि वर्ष 2019 तक बढ़ा दी है। इसके बाद भी इन स्कूलों की मान्यता को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
डीईओ ने एक आदेश जारी कर मान्यता के लिए इन स्कूल संचालकों से पिछले महीने ऑफलाइन आवेदन मंगाए थे। सभी 90 स्कूल संचालकों ने दो-दो प्रतियों में आवेदन दिए। बीआरसीसी कार्यालय से रिसीव्ड कॉपी दी। अब तक स्कूलों को मान्यता नहीं मिल पाई है। स्कूल संचालक मान्यता की जानकारी लेने के लिए बीआरसीसी कार्यालय जा रहे हैं तो बताया जा रहा है कि आगे से ही आदेश आया है। इससे आपकी मान्यता होल्ड की है।
शिक्षा विभाग जल्द कोई फैसला ले
मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संघ के जिला संयोजक दीपेश ओझा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने एक साल से मान्यता होल्ड पर रखी है। इससे 10 हजार से ज्यादा बच्चों का भविष्य अधर में है। स्कूलों में ना तो आरटीई में एडमिशन हो रहे हैं। अल्पसंख्यकों को स्कॉलरशिप मिल रही है।
पिछले साल भी आरटीई में एडमिशन नहीं हुए थे। ऐसे में शिक्षा विभाग जल्द इस पर कोई फैसला ले।
मान्यता नहीं तो फिर मैपिंग क्यों
शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मान्यता तो होल्ड कर रखी है लेकिन स्कॉलरशिप, अपग्रेडेशन, मैपिंग के साथ मासिक पत्रक भी सालभर भराए गए और जमा भी कराए गए। जब मान्यता होल्ड है तो फिर मासिक पत्रक क्यों भरवाए गए।
शासन से ही मान्यता होल्ड कर रखी है
डीईओ अनिल वर्मा ने बताया शासन ने ही मान्यता होल्ड कर रखी है। पिछले महीने जो आवेदन मंगाए थे वो हमने नवीनीकरण के लिए मंगाए थे। शासन को ही मान्यता के संबंध में फैसला लेना है।
आरटीई में शिक्षकों की योग्यता निर्धारित की है। निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक का डीएड और बीएड होना जरूरी है। कम संख्या में शिक्षक होने से शहर के 90 स्कूलों की मान्यता शिक्षा विभाग ने होल्ड कर दी थी। इसके बाद से ही अब तक मान्यता नहीं मिल पाई है जबकि एजुकेशन पोर्टल पर आ रहे संदेश में बीएड और डीएड की प्रशिक्षण काल की अवधि वर्ष 2019 तक बढ़ा दी है। इसके बाद भी इन स्कूलों की मान्यता को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
डीईओ ने एक आदेश जारी कर मान्यता के लिए इन स्कूल संचालकों से पिछले महीने ऑफलाइन आवेदन मंगाए थे। सभी 90 स्कूल संचालकों ने दो-दो प्रतियों में आवेदन दिए। बीआरसीसी कार्यालय से रिसीव्ड कॉपी दी। अब तक स्कूलों को मान्यता नहीं मिल पाई है। स्कूल संचालक मान्यता की जानकारी लेने के लिए बीआरसीसी कार्यालय जा रहे हैं तो बताया जा रहा है कि आगे से ही आदेश आया है। इससे आपकी मान्यता होल्ड की है।
शिक्षा विभाग जल्द कोई फैसला ले
मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संघ के जिला संयोजक दीपेश ओझा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने एक साल से मान्यता होल्ड पर रखी है। इससे 10 हजार से ज्यादा बच्चों का भविष्य अधर में है। स्कूलों में ना तो आरटीई में एडमिशन हो रहे हैं। अल्पसंख्यकों को स्कॉलरशिप मिल रही है।
पिछले साल भी आरटीई में एडमिशन नहीं हुए थे। ऐसे में शिक्षा विभाग जल्द इस पर कोई फैसला ले।
मान्यता नहीं तो फिर मैपिंग क्यों
शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मान्यता तो होल्ड कर रखी है लेकिन स्कॉलरशिप, अपग्रेडेशन, मैपिंग के साथ मासिक पत्रक भी सालभर भराए गए और जमा भी कराए गए। जब मान्यता होल्ड है तो फिर मासिक पत्रक क्यों भरवाए गए।
शासन से ही मान्यता होल्ड कर रखी है
डीईओ अनिल वर्मा ने बताया शासन ने ही मान्यता होल्ड कर रखी है। पिछले महीने जो आवेदन मंगाए थे वो हमने नवीनीकरण के लिए मंगाए थे। शासन को ही मान्यता के संबंध में फैसला लेना है।