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डीईओ के निरीक्षण पर आते ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाने लगते हैं संस्कृत

स्कूलों का निरीक्षण के दौरान डीईओ द्वारा मास्टर बनकर बच्चों को पढ़ाने और उसी विषय पर सवाल-जवाब करने से शिक्षक तंग आ चुके हैं, क्योंकि इस दौरान उनकी पाठ्यक्रम से संबंधित गलतियां पकड़ी जाती हैं।
इससे बचने के लिए शिक्षकों ने भी रास्ता तलाश लिया है, जब भी डीईओ स्कूल में आते हैं तो वह संस्कृत का पाठ शुरू करवा देते हैं। शिक्षकों को पता है कि डीईओ साइंस के जानकार हैं और संस्कृत में उनकी पकड़ ढीली है। ऐसा ही वाक्या शनिवार दोपहर 11 बजे जाटपुरा में सामने आया। जब डीईओ पहुंचे तो मिडिल स्कूल की 3 कक्षाओं में संस्कृत पढ़ाई जाने लगी।

डीईओ एसके श्रीवास्तव ने गुणवत्ता सुधार के लिए जिले में कार्यक्रम चलाया है। स्कूलों में निरीक्षण के दौरान वह सबसे पहले जो पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है। उसके बारे में पूछताछ शुरू करते हैं। शिक्षक ने कक्षा में पढ़ाने के पूर्व क्या तैयारी की और संबंधित विषय पर कितनी पकड़ है, यह जानकारी ली जाती है। बच्चों से भी पूछा जाता है कि क्या पढ़ा और समझ में कितना आया। डीईओ निरीक्षण में सबसे ज्यादा फोकस गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषय करते हैं। क्योंकि इन विषय में ही बच्चे कमजोर होते हैं। इससे शिक्षक परेशान हैं, क्योंकि इनकी गलतियां पकड़ी जाती हैं ।

शिक्षक से अंग्रेजी का सवाल पूछा तो नहीं बता पाए थे

डीईओ ने 30 नवंबर को बजरंगगढ़ क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण किया था। शाउमावि बजरंगगढ़ के एक शिक्षक अंग्रेजी पढ़ा रहे थे। जब उनसे संबंधित विषय में पूछताछ की तो कुछ नहीं बता पाए थे। इस मामले में उन्होंने डांट भी लगाई थी और कहा था कि पहले घर पर तैयारी करें फिर बच्चों को पढ़ाना चाहिए।

पढ़ाई का ढांचा बदलने पत्र लिखा

डीईओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि 3 कक्षाओं में सुबह 11 बजे से संस्कृत पढ़ाई जा रही थी। सुबह कठिन विषयों को पढ़ाने के लिए अनुकूल समय होता है। इसलिए पढा़ई के ढांचा में बदलाव किया जा रहा है। सुबह कठिन विषय शिक्षक पढ़ाएंगे। इसके लिए स्कूल प्रमुखों को पत्र लिखा है।

डीईओ ने भी नहीं पूछा कोई सवाल

डीईओ ने संस्कृत की पढ़ाई देख शिक्षकों से कोई सवाल जवाब नहीं किए। वह चुपचाप चले गए। इसके बाद शिक्षकों ने भी भगवान का शुक्र अदा किया और बोले चलो आज तो पूछताछ से बच गए।

कक्षाओं में पहले कठिन विषय ही बच्चों को पढ़ाए जाएं

डीईओ को देखते हुए शिक्षक बच्चों से बोले जल्दी संस्कृत की पुस्तक निकालो

डीईओ शनिवार सुबह जाटपुरा स्कूल पहुंचे। उन्होंने प्राइमरी स्कूल की जांच की तो वहां शिक्षकों से पढ़ाए जाने वाले विषय में पूछा। इसी बिल्डिंग में लगने वाले मिडिल वाले मिडिल स्कूल के शिक्षकों को डीईओ के आने की खबर लग गई। उन्होंने तुरंत बच्चों से कहा कि संस्कृत निकालकर पढा़ई शुरू करो। कक्षा 6, 7 अौर 8 में यह पढ़ाई शुरू हो गई। 

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