कनाड़िया संकुल में वरिष्ठ अध्यापकों के वेतन में ही अंतर आ गया। एक वरिष्ठ
अध्यापक को 37350 रुपए मिले तो दूसरे को 38858। जबकि दोनों के पद, सेवाएं
और ज्वाॅइनिंग डेट एक है।
अलग-अलग संकुल और अध्यापकों से मिली जानकारी के अनुसार।
अफसरों ने अकाउंटेंट्स की कमेटी बनाई, फिर ध्यान नहीं दिया
अध्यापकों को छठवें वेतनमान के हिसाब से बढ़ा हुआ वेतन किस तरह दिया जाए, इसमें शुरू से पेंच रहा। शिक्षा अधिकारियों ने संकुलों से कहा कि वे ही गणना करवाएं। इसके बाद सभी संकुल से जुड़े कर्मचारियों ने अपने अनुसार गणना की। गणना में आ रही परेशानी के बाद शिक्षक संगठन ने कमेटी बनाने की मांग की थी। इस पर विभाग ने चार अकाउंटेंट की कमेटी गठित की थी। महू और सांवेर ब्लॉक के अकाउंटेंट की गणना अलग-अलग आई थी। गणना के लिए सभी संकुल से जुड़े कर्मचारियों को वर्कशॉप में जानकारी दी गई है। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
हम कुछ नहीं कर सकते, फैसला भोपाल से ही होगा
 हर संकुल में अध्यापकों का वेतन अलग-अलग आया?
जवाब : हां, यह सही है। वेतन की गणना सभी संकुल से जुड़े कर्मचारियों ने की थी।
 गणना के दौरान इस बात का ध्यान क्यों नहीं रखा?
जवाब : हमने कमेटी बनाई थी। सभी संकुल की कार्यशाला भी करवाई। उस समय लगातार माॅनीटरिंग करवाई थी।
 अब यह विसंगति दूर कैसे होगी?
जवाब : हम कुछ नहीं कर सकते। अब फैसला भोपाल से ही होगा। हालांकि कोशिश करेंगे कि इस मामले में वेतन का समायोजन हो जाए।
सहा. अध्यापक
संकुल वेतन
कंपैल 33660
कनाड़िया 31000
हातोद 34672
खजराना 32670
राऊ 31700
राजेंद्र नगर 35707
अध्यापक
खुड़ैल 33570
तिल्लौर 33660
खजराना 36608
कर्मचारी संगठनों ने दी आंदाेलन की चेतावनी
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री हरीश बोयत और अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि यह भारी विसंगति है। जब हम पहले से ही मांग कर रहे थे कि वेतन की गणना एक हो तो फिर अलग-अलग क्यों करवाई? इस मामले में हम शिक्षा मंत्री से मिलेंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे।
गौरव शर्मा | इंदौर
अध्यापकों को छठवें वेतनमान के हिसाब से इस महीने बढ़ा हुआ वेतन मिल गया, लेकिन अलग-अलग। सहायक अध्यापक संवर्ग की ही बात करें तो किसी को 31 तो किसी को साढ़े 35 हजार रुपए से ज्यादा मिले, जबकि उनकी ज्वॉइनिंग डेट और ग्रेड एक है। जिले के 65 संकुलों में अलग-अलग गणना करने के कारण यह विसंगति हो गई। इससे अध्यापकों में नाराजगी है। वरिष्ठ अध्यापकों ने तो नया वेतनमान लेने से ही मना कर दिया है।
दरअसल, अध्यापकों के वेतन का निर्धारण शिक्षा विभाग ने खुद न करवाकर हर संकुल में करवाया। इस दौरान सबकी गणना अलग-अलग होने से वेतन में अंतर आ गया। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार रहे हैं। हालांकि अब वे भोपाल से निर्देश मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
अलग-अलग संकुल और अध्यापकों से मिली जानकारी के अनुसार।
अफसरों ने अकाउंटेंट्स की कमेटी बनाई, फिर ध्यान नहीं दिया
अध्यापकों को छठवें वेतनमान के हिसाब से बढ़ा हुआ वेतन किस तरह दिया जाए, इसमें शुरू से पेंच रहा। शिक्षा अधिकारियों ने संकुलों से कहा कि वे ही गणना करवाएं। इसके बाद सभी संकुल से जुड़े कर्मचारियों ने अपने अनुसार गणना की। गणना में आ रही परेशानी के बाद शिक्षक संगठन ने कमेटी बनाने की मांग की थी। इस पर विभाग ने चार अकाउंटेंट की कमेटी गठित की थी। महू और सांवेर ब्लॉक के अकाउंटेंट की गणना अलग-अलग आई थी। गणना के लिए सभी संकुल से जुड़े कर्मचारियों को वर्कशॉप में जानकारी दी गई है। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
हम कुछ नहीं कर सकते, फैसला भोपाल से ही होगा
 हर संकुल में अध्यापकों का वेतन अलग-अलग आया?
जवाब : हां, यह सही है। वेतन की गणना सभी संकुल से जुड़े कर्मचारियों ने की थी।
 गणना के दौरान इस बात का ध्यान क्यों नहीं रखा?
जवाब : हमने कमेटी बनाई थी। सभी संकुल की कार्यशाला भी करवाई। उस समय लगातार माॅनीटरिंग करवाई थी।
 अब यह विसंगति दूर कैसे होगी?
जवाब : हम कुछ नहीं कर सकते। अब फैसला भोपाल से ही होगा। हालांकि कोशिश करेंगे कि इस मामले में वेतन का समायोजन हो जाए।
सहा. अध्यापक
संकुल वेतन
कंपैल 33660
कनाड़िया 31000
हातोद 34672
खजराना 32670
राऊ 31700
राजेंद्र नगर 35707
अध्यापक
खुड़ैल 33570
तिल्लौर 33660
खजराना 36608
कर्मचारी संगठनों ने दी आंदाेलन की चेतावनी
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री हरीश बोयत और अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि यह भारी विसंगति है। जब हम पहले से ही मांग कर रहे थे कि वेतन की गणना एक हो तो फिर अलग-अलग क्यों करवाई? इस मामले में हम शिक्षा मंत्री से मिलेंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे।
गौरव शर्मा | इंदौर
अध्यापकों को छठवें वेतनमान के हिसाब से इस महीने बढ़ा हुआ वेतन मिल गया, लेकिन अलग-अलग। सहायक अध्यापक संवर्ग की ही बात करें तो किसी को 31 तो किसी को साढ़े 35 हजार रुपए से ज्यादा मिले, जबकि उनकी ज्वॉइनिंग डेट और ग्रेड एक है। जिले के 65 संकुलों में अलग-अलग गणना करने के कारण यह विसंगति हो गई। इससे अध्यापकों में नाराजगी है। वरिष्ठ अध्यापकों ने तो नया वेतनमान लेने से ही मना कर दिया है।
दरअसल, अध्यापकों के वेतन का निर्धारण शिक्षा विभाग ने खुद न करवाकर हर संकुल में करवाया। इस दौरान सबकी गणना अलग-अलग होने से वेतन में अंतर आ गया। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार रहे हैं। हालांकि अब वे भोपाल से निर्देश मिलने का इंतजार कर रहे हैं।