मध्यप्रदेश में भिंड जिले के कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने एक शिक्षक को इसलिए सस्पेंड कर दिया क्योंकि वह क्लास छोड़कर शिकायत करने आ गया था। बताया गया है कि इस शिक्षक की पत्नी सरपंच है। पता लगाया जा रहा है कि क्या चुनावी गतिविधियों के लिए शिक्षक ने सरकारी स्कूल का उपयोग किया था।
दरअसल
भिंड कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस और जिला पंचायत सीईओ जेके जैन अपनी
प्रशासनिक टीम को लेकर जनसेवा अभियान कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। मेघ
पुरा गांव में उन्होंने स्कूल की व्यवस्थाएं देखी। जब छात्रों से बातचीत
की तो पता चला कि मिड डे मिल का भोजन स्कूल में नियमित नहीं होता। आज भी
भोजन नहीं बना था। जब कारण पूछा गया तो संतोष जनक जवाब स्कूल के प्रभारी
आनंद शर्मा नहीं दे सके। कलेक्टर ने प्रभारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई
के निर्देश दिए।
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इकहारा ग्राम पंचायत के सचिव राम प्रताप सिंह गुर्जर सस्पेंड
कलेक्टर
व अन्य प्रशासनिक अफसर गोहद के इकहारा गांव भी पहुंचे। यहां गांव के सचिव
के खिलाफ सड़क निर्माण में अनियमितताओं की शिकायत थी। इन शिकायतों को सही
पाया गया। जिस पर इकहारा के सचिव रामप्रताप सिंह गुर्जर से लेखा जोखा मांगा
गया। सचिव द्वारा सड़क निर्माण संबंधी लेखा जोखा प्रस्तुत नहीं किया गया।
इस पर निलंबन की कार्रवाई की गई।
स्कूल छोड़कर शिक्षक कर रहा था नेतागिरी
कलेक्टर
और अन्य प्रशासनिक अफसरों की जानकारी लगते ही मदनपुरा गांव के सरपंच पति
विश्वनाथ सिंह भी मौके पर आ गए। उन्होंने कलेक्टर से गांव के स्कूल संबंधी
शिकायत की। कलेक्टर द्वारा की गई पूछताछ में पता चला कि सरपंच पति विश्वनाथ
सिंह गुमनामपुरा प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं और कक्षा में बच्चों को
छोड़कर शिकायत करने आए हैं। यह पता लगते ही कलेक्टर ने उन्हें सस्पेंड करने
के आदेश दे दिए।
शासकीय
कर्मचारियों के लिए निर्धारित सिविल सेवा के तहत सरकारी कर्मचारी ना तो
सक्रिय राजनीति कर सकता है और ना ही किसी राजनीतिक दल की सदस्यता ले सकता
है। यदि कोई कर्मचारी ऑन ड्यूटी है और पॉलिटिक्स करता पाया गया तो यह गंभीर
अपराध है। प्रमाणित पाए जाने पर बर्खास्त किया जा सकता है।