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शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस, मोबाइल ऐप से होगी निगरानी

उज्जैन. लंबे समय बाद एक बार फिर सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से शिक्षकों का अपडेट बायोडाटा मांगा गया है। इधर शिक्षक संघ ने इस पर आपत्ति लेते हुए कहा है कि केवल शिक्षक ही क्यों, समानता के साथ सभी शासकीय कर्मचारियों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य होना चाहिए।

शिक्षा विभाग में सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस के लिए फिर से कवायद के बीच जानकारी अपडेट की जा रही है। आगामी शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था सख्ती से लागू की जा सकती है। अधिकारियों का मानना है सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति बहुत कम है, इससे पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। जांच में पाया गया कि प्रत्येक जिले में 45 प्रतिशत से अधिक शिक्षक नियमित स्कूल नहीं जाते हैं। कुछ स्कूल तो जाते हैं, परंतु आधे समय बाद लौट जाते हैं। एेसे शिक्षक कम ही हैं, जो पूरे समय स्कूलों में रहते हैं। ई-अटेंडेंस से मोबाइल शिक्षक ऐप के माध्यम से शिक्षक के आने-जाने के समय की मॉनीटरिंग होने लगेगी। इस सॉफ्टवेयर से शिक्षक की लोकेशन भी पता चलेगी कि वह स्कूल में हैं या कहीं ओर से अटेंडेंस दे रहा है। उज्जैन संभाग में 5५ हजार विभिन्न संवर्ग के शिक्षक हैं। इन शिक्षकों के मोबाइल नंबरों को अपडेट कर सर्वर से फिर जोड़ा जाएगा। मॉनीटरिंग के लिए भोपाल में मुख्य सर्वर लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जिलेवार शिक्षकों का अपडेट बायोडाटा लिया जा रहा हैं।
विरोध हुआ था
सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की ई-अटेंडेंस २०१५ में प्रारंभ की गई थी। इसका विरोध हुआ था। अध्यापकों की याचिका पर मध्यप्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ ने २०१६ में ई-अटेंडेंस पर रोक लगा दी थी। इस का निराकरण होने के बाद सरकार ने 2017 में फिर इसे सख्ती से लागू किया गया। शिक्षकों के विरोध और मांग पर एक अप्रैल 2018 को तात्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद ई-अटेंडेंस व्यवस्था रोक दिया गया। इसे 11 जून से लागू कर दिया गया। 2018 के जून-जुलाई में शिक्षकों के विरोध के बाद सरकार को एक बार फिर से निर्णय बदलना पड़ा था।
इनका कहना है
ई-अटेंडेंस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जहां तक बायोडाटा का सवाल है, शासन द्वारा समय-समय पर अपडेट लिया जाता हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
रमा नाहटे, जिला शिक्षा अधिकारी
सभी के लिए लागू हो
ई-अटेंडेंस का विरोध नहीं हैं। आपत्ति इस इस पर है कि केवल शिक्षक ही क्यों? सभी शासकीय सेवकों को ई-अटेंडेंस के दायरे में लिया जाना चाहिए।
शेख मोहम्मद हनीफ, जिला अध्यक्ष, राज्य अध्यापक संघ

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