लाखन सिंह, मंत्री पशुपालन विभाग
हां, मैंने गजराराजा मेडिकल काॅलेज में फर्जी नियुक्ति के संबंध में शिकायत की थी।
मैं तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह से भी मिला, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। केपी सिंह ने िवधानसभा में भी यह मामला उठाया था।
दबाव नहीं डाला। मैंने तो मेडिकल कॉलेज में फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुई नियुक्ति की जांच के लिए कहा है।
रिश्तेदार नहीं, लेकिन वे मेरे समाज के हैं।
मेडिकल काॅलेज में नियुक्ति घोटालेे की जांच का आदेश
मनीष शर्मा
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आठ नवंबर 2019 को जारी आदेश में जीआरएमसी में गत एक वर्ष यानि सात नवंबर 2018 के बाद हुई नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। इस एक साल में लगभग 11 माह का कार्यकाल डाॅ. भरत जैन का रहा है। इस दौरान स्थापना के प्रभारी बाबू की अपर पद पर नियुक्ति से लेकर उनकी स्वयं की बेटी तक की नियुक्तियों को जांच के दायरे में लाया जा सकता है। इस अवधि में 100 से अधिक पदों पर नियुक्तियां हुई हैं। इनमें दलालों के माध्यम से पैसों के लेन-देन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश में समिति को 15 दिन में जांच पूरी करने को कहा गया है। जांच शुरू होने से पहले ही बर्खास्त डाॅक्टर के स्थान पर दूसरे को ज्वाॅइन कराने का डीन पर दबाव है।
DB Star
expose
हमने भर्ती की जांच के आदेश जारी किए हैं
डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री
हां, मैंने जीआरएमसी में पिछले एक साल में हुई भर्ती की जांच के आदेश दिए हैं और एक डॉक्टर की नियुक्ति भी निरस्त की गई है।
हम इस पूरे मामले की जांच करा रहे हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जीआरएमसी के डीन को भी इसी मामले में हटाया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जांच के लिए आठ नवंबर को जारी आदेश
मेरे समाज के हैं मंत्री
डॉ.सतेंद्र सिंह राजपूत, शिकायतकर्ता
हां, 19 सिंतबर 2018 को मैंने फर्जी नियुक्ति की शिकायत की थी। इस कारण मुझे एक साल का लाभ मिलना चाहिए।
लाखन सिंह हमारे समाज के हैं। उनसे डायरेक्ट कोई रिश्ता नहीं है।
बिलकुल नहीं, मेरे मामले के साथ ही प्रदेशभर में हुए ऐसे फर्जीवाड़ांे की जांच मंत्री लाखन सिंह की पहल से ही संभव हो सकी है।
जिनके भी सर्टिफिकेट में गड़बड़ी है, उनकी जांच होना चाहिए। सही आवेदकों को ही अवसर मिलना चाहिए।
हां, मैंने गजराराजा मेडिकल काॅलेज में फर्जी नियुक्ति के संबंध में शिकायत की थी।
मैं तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह से भी मिला, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। केपी सिंह ने िवधानसभा में भी यह मामला उठाया था।
दबाव नहीं डाला। मैंने तो मेडिकल कॉलेज में फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुई नियुक्ति की जांच के लिए कहा है।
रिश्तेदार नहीं, लेकिन वे मेरे समाज के हैं।
मेडिकल काॅलेज में नियुक्ति घोटालेे की जांच का आदेश
मनीष शर्मा
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आठ नवंबर 2019 को जारी आदेश में जीआरएमसी में गत एक वर्ष यानि सात नवंबर 2018 के बाद हुई नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। इस एक साल में लगभग 11 माह का कार्यकाल डाॅ. भरत जैन का रहा है। इस दौरान स्थापना के प्रभारी बाबू की अपर पद पर नियुक्ति से लेकर उनकी स्वयं की बेटी तक की नियुक्तियों को जांच के दायरे में लाया जा सकता है। इस अवधि में 100 से अधिक पदों पर नियुक्तियां हुई हैं। इनमें दलालों के माध्यम से पैसों के लेन-देन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश में समिति को 15 दिन में जांच पूरी करने को कहा गया है। जांच शुरू होने से पहले ही बर्खास्त डाॅक्टर के स्थान पर दूसरे को ज्वाॅइन कराने का डीन पर दबाव है।
DB Star
expose
हमने भर्ती की जांच के आदेश जारी किए हैं
डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री
हां, मैंने जीआरएमसी में पिछले एक साल में हुई भर्ती की जांच के आदेश दिए हैं और एक डॉक्टर की नियुक्ति भी निरस्त की गई है।
हम इस पूरे मामले की जांच करा रहे हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जीआरएमसी के डीन को भी इसी मामले में हटाया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जांच के लिए आठ नवंबर को जारी आदेश
मेरे समाज के हैं मंत्री
डॉ.सतेंद्र सिंह राजपूत, शिकायतकर्ता
हां, 19 सिंतबर 2018 को मैंने फर्जी नियुक्ति की शिकायत की थी। इस कारण मुझे एक साल का लाभ मिलना चाहिए।
लाखन सिंह हमारे समाज के हैं। उनसे डायरेक्ट कोई रिश्ता नहीं है।
बिलकुल नहीं, मेरे मामले के साथ ही प्रदेशभर में हुए ऐसे फर्जीवाड़ांे की जांच मंत्री लाखन सिंह की पहल से ही संभव हो सकी है।
जिनके भी सर्टिफिकेट में गड़बड़ी है, उनकी जांच होना चाहिए। सही आवेदकों को ही अवसर मिलना चाहिए।