डही। नईदुनिया न्यूज शैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक माह बीत गया है,
लेकिन शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को रखने के कोई आदेश नहीं आए हैं।
ऐसे में इस बार अतिथि शिक्षकों के बगैर ही शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया,
लेकिन क्षेत्र की कुछ स्कूलों में (करीब 15 से 20 संस्थाओं में) बगैर आदेश
के ही अतिथि शिक्षक काम पर जाते हुए दिख रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं
संस्था प्रमुख नए लोगों को काम पर न रख लें। दूसरी ओर कई स्कूलों में
शिक्षकों की कमी होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
शिक्षा विभाग ने तय समय पर नवीन शिक्षण सत्र की शुरुआत तो कर दी है, लेकिन अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए। ऐसे में जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अतिथि शिक्षकों को लेकर विभाग ने अब तक रणनीति का खुलासा नहीं किया है। इस बार अतिथि शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाने की बात भी सामने आई है। विभागीय अधिकारी भी नए नियमों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बिना आदेश काम करने वालों को नहीं मिलेगा वेतन
बीईओ एसएस गुप्ता ने कहा कि अभी शासन स्तर से अतिथि शिक्षकों को रखे जाने के आदेश जारी नहीं हुए हैं। इसके बावजूद कोई अतिथि शिक्षक काम पर जा रहा है या संस्था प्रमुख द्वारा रखा गया है, ऐसी स्थिति में संबंधित को वेतन नहीं दिया जाएगा।
पुरानों को ही मौका मिले
संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बहादुरसिंह भगांवा ने शासन से मांग की है कि जो लोग वर्षों से अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा देते आए हैं, उन्हें ही प्राथमिकता के आधार पर मौका दिया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन किया जाएगा। दूसरी ओर अतिथि शिक्षकों ने गुरुजियों की तर्ज पर विभागीय परीक्षा लेकर नियमित किए जाने की मांग की है।
शिक्षा विभाग ने तय समय पर नवीन शिक्षण सत्र की शुरुआत तो कर दी है, लेकिन अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए। ऐसे में जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अतिथि शिक्षकों को लेकर विभाग ने अब तक रणनीति का खुलासा नहीं किया है। इस बार अतिथि शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाने की बात भी सामने आई है। विभागीय अधिकारी भी नए नियमों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बिना आदेश काम करने वालों को नहीं मिलेगा वेतन
बीईओ एसएस गुप्ता ने कहा कि अभी शासन स्तर से अतिथि शिक्षकों को रखे जाने के आदेश जारी नहीं हुए हैं। इसके बावजूद कोई अतिथि शिक्षक काम पर जा रहा है या संस्था प्रमुख द्वारा रखा गया है, ऐसी स्थिति में संबंधित को वेतन नहीं दिया जाएगा।
पुरानों को ही मौका मिले
संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बहादुरसिंह भगांवा ने शासन से मांग की है कि जो लोग वर्षों से अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा देते आए हैं, उन्हें ही प्राथमिकता के आधार पर मौका दिया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन किया जाएगा। दूसरी ओर अतिथि शिक्षकों ने गुरुजियों की तर्ज पर विभागीय परीक्षा लेकर नियमित किए जाने की मांग की है।