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तीसरी बार रोकी गई संविदा शिक्षकों की भर्ती, अतिथि शिक्षकों के बोनस ने लटकाया मामला

भोपाल।मध्यप्रदेश के शासकीय स्कूलों को इस शैक्षणिक सत्र में भी संविदा शिक्षक नहीं मिले हैं। प्रदेश में 41 हजार संविदा शाला शिक्षक भर्ती टलती जा रही है। अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने के लिए तीसरी बार भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई है।
माना जा रहा है कि अतिथि शिक्षकों को फायदा पहुंचाने के लिए संविदा शिक्षकों की भर्ती लटकाई जा रही है। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि यह भर्ती अब 2018 में ही हो पाएगी।

मध्यप्रदेश की राज्य सरकार शिक्षकों की बंपर वैकेंसी के प्रस्ताव को काफी समय पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। नई भर्ती के लिए फार्म भी आने वाले थे, लेकिन अतिथि शिक्षकों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से संविदा शिक्षकों की भर्ती टाली जा रही है। माना जा रहा है कि यह भर्ती तब तक टाली जाएगा, जब तक कि 2018 में चुनाव नहीं आ जाते। यह परीक्षा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) के जरिए आयोजित की जाएगी।

75 हजार अतिथि शिक्षकों को खुश करने की तैयारी
राज्य सरकार पिछले दस सालों से सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे 75 हजार अतिथि शिक्षकों को खुश करने की कोशिश में है। उन्हें बोनस के 15 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे। इसका अर्थ यह हुआ कि 100 अंक की परीक्षा में यदि 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी होगा, तो अतिथि शिक्षकों को 45 अंक पर ही उत्तीर्ण मान लिया जाएगा। इस कारण संविदा शिक्षक बनने के लिए कई लोग पात्रता से बाहर हो जाएंगे।

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दस साल नहीं दिन के हिसाब से मिलेगा बोनस
राज्य सरकार अब अतिथि शिक्षकों को 200 से लेकर 399 दिन पढ़ाने पर 5 अंक देगी। इसके अलावा 400 से 599 दिन पढ़ाने पर 10 और 600 अथवा उससे ज्यादा दिन पढ़ाने पर 15 दिनों का बोनस अंक देगी। ऐसा प्रावधान किया गया था। लेकिन इस साल के दिनों की गणना में दिकक्कतों का सामना करने के कारण अब यह गणित गड़बड़ा गया है।

ऐसे होती जाएगी देरी
सूत्रों के मुताबिक अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का संशोधित प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है, लेकिन प्रस्ताव पर कैबिनेट में निर्णय नहीं हो पा रहा है। इस फैसले के बाद ही संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती नियमों में संशोधन किया जाएग। इसके बाद ही प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) को परीक्षा के लिए कहा जाएगा। इसके बाद पीईबी परीक्षा की तारीख तय कर देगी। परीक्षा के बाद सरकार दस्तावेजों का परीक्षण करेगी, इसके बाद ही संविदा शिक्षकों की भर्ती हो सकेगी। इस पूरी प्रक्रिया में तीन से चार माह का समय लगेगा। इस कारण माना जा रहा है कि संविदा शिक्षकों की भर्ती अगले सत्र से ही हो सके।

तो ऑनलाइन प्रक्रिया से बेरोजगार हो जाएंगे अतिथि शिक्षक
संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के के एक पदाधिकारी का कहना है कि 9 वर्षों से लगातार न्यूनतम वेतनमान पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मप्र सरकार एवं शिक्षा मंत्री कई बार ऐलान कर चुके है कि अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर जल्द संविदा शिक्षक बनाया जाएगा। लेकिन अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर ही खतरा मंडरा हा है। संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने पूर्व से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को यथावत रखे जाने की मांग की है। संघ ने कहा ऑनलाइन प्रक्रिया से 90 प्रतिशत अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे।

ONLINE होगी भर्ती परीक्षा
पिछली बार की अव्यवस्था के कारण बोर्ड कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है। उसे इसके लिए बड़ी संख्या में परिवीक्षकों की जरूरत पड़ेगी, वहीं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की भी जरूरत पड़ेगी। कुछ सालों से बदनामी झेल रहे व्यापमं अब किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं लगता है। इसलिए वह 41 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने जा रहा है।

फिलहाल 18 हजार पदों को मिल स्वीकृति
मध्यप्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग में 41 हजार पदों पर संविदा शिक्षकों को भर्ती करना चाहता है। लेकिन वित्त विभाग ने इतनी बड़ी संख्या में भर्ती पर आपत्ति उठाई थी, उसने महज 18 हजार पदों पर भर्ती के लिए मंजूरी दी। प्रदेश के मुख्य सचिव ने भी इतनी बड़ी संख्या में भर्ती पर सवाल खड़ा किया था। सूत्रों के अनुसार जल्द इन आपत्तियों को दरकिनार करते हुए 41 हजार से अधिक पदों पर संविदा शिक्षकों की भर्ती की जाने वाली है।

किस वर्ग में कितने पद
वर्ग-1 : 10905 पद
वर्ग-2 : 11200 पद
वर्ग-3 : 19000 पद

अब क्या होगा आगे ?
कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो चुका है। अब नियमावली तैयार की जाएगी। हालांकि जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा नहीं हुआ। वर्ग तीन में इस बाद पदों की संख्या काफी ज्यादा है। वर्ष 2011 में इससे पहले संविदा शिक्षकों की भर्ती हुई थी। तब वर्ग तीन में ज्यादा पद दिए गए थे। माना जा रहा था कि इस बाद वर्ग एक और दो में अधिक पद निकाले जाएंगे, पर ऐसा नहीं हुआ।

2018 चुनाव से पहले हो सकती है भर्ती
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार चुनाव से पहले संविदा शाला शिक्षकों को भर्ती करना चाहती है। इसलिए प्रक्रिया को लेट करती जा रही है। क्योंकि मध्यप्रदेश में 2018 में विधानसभा चुनाव है।

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