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अब सरकारी स्कूल के शिक्षक नहीं पढ़ा पाएंगे ट्यूशन

सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक अब टूयशन सेंटर नहीं चला पाएंगे। ऐसा करते हुए कोई शिक्षक पाया जाता है तो उसे वार्निंग के साथ-साथ सस्पेंड भी किया जा सकता है।


विद्यार्थियों को ट्यूशन के लिए शिक्षकों की ओर से बाध्य करने की लगातार मिल रही शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने इस पर अंकुश के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। हालांकि शिक्षा विभाग की तरफ से टीचरों को पहले भी कई बार आदेश दिए इसके बावजूद भी वह ट्यूशन पढ़ाने से बाज नहीं आते। लेकिन इस बार विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है। मंगलवार को डीईओ अजब सिंह ने जिले के सभी प्राचार्यों को पत्र लिखकर आदेश दिया है कि कोई भी सरकारी शिक्षक बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन या कोचिंग नहीं पढ़ाएंगे। इसके साथ ही सभी शिक्षकों से एक शपथ पत्र भी प्राप्त करना होगा कि वह ट्यूशन नहीं पढ़ा रहे हैं। इसके बावजूद कोई शिक्षक ट्यूशन करते पाया जाता है तो उसके विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। गौरतलब है कि जिले भर के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपने घरों पर ट्यूशन सेंटर खोले हुए हैं। ज्यादार हाई व हायर सेकंडरी स्कूल के शिक्षक ही ट्यूशन पढ़ते हैं।

सीएम हेल्पलाइन में की थी शिकायत: सरकारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा ट्यूशन पढ़ाने के मामले में जागरूक युवा संघ के अखिलेश सिंह ने 29 अगस्त 2016 को सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें मांग की गई थी सरकारी शिक्षकों के ट्यूशन पर प्रतिबंध लगाया जाए। यह शिकायत लगातार दस माह तक पेंडिंग रहकर एल 4 पर पहुंच गई। नवागत डीईओ अजब सिंह के पास मामला आने पर उन्होंने तत्काल ही सरकारी शिक्षकों के ट्यूशन पढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया। इस संबंध में डीईओ अजब सिंह का कहना है कि सभी संकुल प्राचार्यों को पत्र जारी कर आदेशित किया गया है कि कोई भी सरकारी स्कूल का शिक्षक ट्यूशन न पढ़ाए। जानकारी मिलने पर वार्निंग के साथ-साथ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

40 से 50 हजार रूपए मिलती है तनख्वाह

शासन द्वारा सरकारी स्कूल के शिक्षकों को हर माह मोटी तनख्वाह दी जाती है इसके बावजूद भी शिक्षकों द्वारा बच्चों को अपने घर पर ट्यूशन दी जाती है। शहर के एक्सीलेंस स्कूल, जेपीबी, एमएलबी सहित अन्य सरकारी स्कूलों के विषयवार शिक्षकों के घर के बाहर सुबह एवं शाम सैकड़ाें विद्यार्थी ट्‌शूयन पढ़ने जाते हैं। जिससे सड़क पर साइकिलों व बाइक रखने के कारण यातायात जाम की स्थिति बन जाती है। बताया गया है कि सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को 40 से 50 हजार रूपए तक प्रतिमाह तनख्वाह शासन से मिलता है। इसके बावजूद भी ट्यूशन का धंधा बंद नहीं किया जा रहा। 

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