खंडवा। पंधाना के सरकारी कॉलेज में जहां विद्यार्थियों
को संसाधनों के अभाव से जूझना पड़ रहा है, वहीं यहां अतिथि शिक्षक भी
नियमित कक्षाएं नहीं ले रहे हैं। सप्ताह में एक दिन आकर वे पूरे सप्ताह की
हाजरी लगा देते हैं। सरकारी कॉलेज का हाजिरी रजिस्टर नियमित अपडेट
नहीं होता। अतिथि शिक्षक अपनी सुविधा से जब
कॉलेज पहुंचते हैं तो हाजिरी लगा देते हैं। मंगलवार सुबह तक की स्थिति में रजिस्टर में अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति के कई खाने खाली पड़े हुए थे। इसी बीच जिले के अग्रणी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. श्रीराम परिहार के पहुंचने की सूचना मिली। इसके बाद आनन-फानन में इस रजिस्टर को अपडेट किया गया। रजिस्टर में हिंदी की डॉ. शाजिया सिद्दकी, अंग्रेजी के डॉ. पीआर मलानी और अर्थशास्त्र की डॉ. सीमा नेगी की हाजिरी की जगह खाली छूटी हुई थी।
डॉ. परिहार के पहुंचने से पहले आठ दिन खाली छूटी जगह में से पांच दिनों में डॉ. मलानी की उपस्थिति व तीन दिन अनुपस्थिति लगा दी गई, वहीं डॉ. नेगी व डॉ. सिद्दकी के कॉलेज नहीं पहुंचने के कारण 14 से 22 मार्च के बीच खाली छूटी जगह में उनकी अनुपस्थित लगाई गई। सूत्रों के अनुसार अतिथि शिक्षक अधिकांश तौर पर इसी तरह कभी-कभार आकर ही कई दिनों की उपस्थिति लगा देते हैं।
नहीं बनी जगभागीदारी समिति
कॉलेज को तीन साल होने के बाद भी अब तक जनभागीदारी समिति नहीं बनी है। यहां आसपास के 25 किलोमीटर दूर से आने वाले विद्यार्थियों के अनुसार नियमित कक्षाएं नहीं लगने से उनका भविष्य खराब हो रहा है। कॉलेज में सेकंड ईयर के एक, फाइनल ईयर के तीन विद्यार्थी और फर्स्ट ईयर में 31 विद्यार्थी हैं, वहीं पंधाना के ही किशोरीलाल मेमोरियल कॉलेज में सरकारी कॉलेज की तुलना में 10 गुना अधिक विद्यार्थी हैं।
यह है व्याख्याताओं की स्थिति
कॉलेज में नियमित पद के नाम पर केवल प्राचार्य आलोक राय पदस्थ हैं। शेष कुछ पद रिक्त हैं व कुछ पर अतिथि व्याख्याता पदस्थ हैं। विद्यार्थियों के अनुसार इतिहास की डॉ. नीतू कालरा नियमित लैक्चर लेती हैं। अर्थशास्त्र की डॉ. सीमा नेगी, अंग्रेजी के डॉ. वेदप्रकाश मलानी व हिंदी की शाजिया सिद्दकी कभी-कभी ही लैक्चर लेते हैं। समाजशास्त्र, लाइब्रेरियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर और स्पोटर््स टीचर का पद रिक्त है।
अब तक नहीं हुआ भूमि आवंटन
तीन साल पहले शुरू हुए पंधाना के सरकारी कॉलेज को अब तक भूमि आवंटन नहीं हुआ है। विकासखंड में राजस्व विभाग के पास रिक्त भूमि नहीं होने के कारण वन विभाग के छोटे झाड़ के क्षेत्र की एक हैक्टेयर भूमि कॉलेज को आवंटित होना है। इसकी प्रक्रिया के लिए मंगलवार को डॉ. श्रीराम परिहार खंडवा से प्रशासनिक प्रक्रिया के लिए पंधाना पहुंचे थे।
सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं
- संस्था में न तो पेयजल का कोई साधन है न ही सुविधाघर।
- कॉलेज में कम्प्यूटर लैब, पुस्तकालय और खेल सामग्री भी नहीं है।
- तीन साल पहले शुरू हुए कॉलेज में अब तक बीए प्लेन के अलावा कोई कोर्स नहीं है। कटता है वेतन
कॉलेज में जिस दिन अतिथि व्याख्याता नहीं आते उस दिन उनका वेतन काटा जाता है। अगर किसी अतिथि को विद्यार्थियों के कार्य के लिए खंडवा या और कहीं भेजना पड़ता है तो उस दिन की उपस्थिति लगाते हैं। किसी भी अतिथि की अतिरिक्त उपस्थिति नहीं लगाई जा रही है। अतिथियों की सेवाएं विद्यार्थियों को मिलती रहे इस कारण कई विषयों में अतिथियों के समय के अनुसार सप्ताह में दो या तीन दिन कक्षाएं लगाई जा रही हैं। - आलोक राय, प्राचार्य, शासकीय कॉलेज, पंधाना
मुझे अपडेट मिला रजिस्टर
भूमि आवंटन की प्रक्रिया के लिए मंगलवार को पंधाना पहुंचा था। कॉलेज पहुंचने पर मुझे वहां का हाजिरी रजिस्टर अपडेट मिला। वहां की हाजिरी के लिए प्राचार्य जिम्मेदार हैं। उनके द्वारा भेजी गई जानकारी के आधार पर अतिथियों का मानदेय जारी होता है। - डॉ. श्रीराम परिहार, प्राचार्य, एसएन कॉलेज
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कॉलेज पहुंचते हैं तो हाजिरी लगा देते हैं। मंगलवार सुबह तक की स्थिति में रजिस्टर में अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति के कई खाने खाली पड़े हुए थे। इसी बीच जिले के अग्रणी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. श्रीराम परिहार के पहुंचने की सूचना मिली। इसके बाद आनन-फानन में इस रजिस्टर को अपडेट किया गया। रजिस्टर में हिंदी की डॉ. शाजिया सिद्दकी, अंग्रेजी के डॉ. पीआर मलानी और अर्थशास्त्र की डॉ. सीमा नेगी की हाजिरी की जगह खाली छूटी हुई थी।
डॉ. परिहार के पहुंचने से पहले आठ दिन खाली छूटी जगह में से पांच दिनों में डॉ. मलानी की उपस्थिति व तीन दिन अनुपस्थिति लगा दी गई, वहीं डॉ. नेगी व डॉ. सिद्दकी के कॉलेज नहीं पहुंचने के कारण 14 से 22 मार्च के बीच खाली छूटी जगह में उनकी अनुपस्थित लगाई गई। सूत्रों के अनुसार अतिथि शिक्षक अधिकांश तौर पर इसी तरह कभी-कभार आकर ही कई दिनों की उपस्थिति लगा देते हैं।
नहीं बनी जगभागीदारी समिति
कॉलेज को तीन साल होने के बाद भी अब तक जनभागीदारी समिति नहीं बनी है। यहां आसपास के 25 किलोमीटर दूर से आने वाले विद्यार्थियों के अनुसार नियमित कक्षाएं नहीं लगने से उनका भविष्य खराब हो रहा है। कॉलेज में सेकंड ईयर के एक, फाइनल ईयर के तीन विद्यार्थी और फर्स्ट ईयर में 31 विद्यार्थी हैं, वहीं पंधाना के ही किशोरीलाल मेमोरियल कॉलेज में सरकारी कॉलेज की तुलना में 10 गुना अधिक विद्यार्थी हैं।
यह है व्याख्याताओं की स्थिति
कॉलेज में नियमित पद के नाम पर केवल प्राचार्य आलोक राय पदस्थ हैं। शेष कुछ पद रिक्त हैं व कुछ पर अतिथि व्याख्याता पदस्थ हैं। विद्यार्थियों के अनुसार इतिहास की डॉ. नीतू कालरा नियमित लैक्चर लेती हैं। अर्थशास्त्र की डॉ. सीमा नेगी, अंग्रेजी के डॉ. वेदप्रकाश मलानी व हिंदी की शाजिया सिद्दकी कभी-कभी ही लैक्चर लेते हैं। समाजशास्त्र, लाइब्रेरियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर और स्पोटर््स टीचर का पद रिक्त है।
अब तक नहीं हुआ भूमि आवंटन
तीन साल पहले शुरू हुए पंधाना के सरकारी कॉलेज को अब तक भूमि आवंटन नहीं हुआ है। विकासखंड में राजस्व विभाग के पास रिक्त भूमि नहीं होने के कारण वन विभाग के छोटे झाड़ के क्षेत्र की एक हैक्टेयर भूमि कॉलेज को आवंटित होना है। इसकी प्रक्रिया के लिए मंगलवार को डॉ. श्रीराम परिहार खंडवा से प्रशासनिक प्रक्रिया के लिए पंधाना पहुंचे थे।
सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं
- संस्था में न तो पेयजल का कोई साधन है न ही सुविधाघर।
- कॉलेज में कम्प्यूटर लैब, पुस्तकालय और खेल सामग्री भी नहीं है।
- तीन साल पहले शुरू हुए कॉलेज में अब तक बीए प्लेन के अलावा कोई कोर्स नहीं है। कटता है वेतन
कॉलेज में जिस दिन अतिथि व्याख्याता नहीं आते उस दिन उनका वेतन काटा जाता है। अगर किसी अतिथि को विद्यार्थियों के कार्य के लिए खंडवा या और कहीं भेजना पड़ता है तो उस दिन की उपस्थिति लगाते हैं। किसी भी अतिथि की अतिरिक्त उपस्थिति नहीं लगाई जा रही है। अतिथियों की सेवाएं विद्यार्थियों को मिलती रहे इस कारण कई विषयों में अतिथियों के समय के अनुसार सप्ताह में दो या तीन दिन कक्षाएं लगाई जा रही हैं। - आलोक राय, प्राचार्य, शासकीय कॉलेज, पंधाना
मुझे अपडेट मिला रजिस्टर
भूमि आवंटन की प्रक्रिया के लिए मंगलवार को पंधाना पहुंचा था। कॉलेज पहुंचने पर मुझे वहां का हाजिरी रजिस्टर अपडेट मिला। वहां की हाजिरी के लिए प्राचार्य जिम्मेदार हैं। उनके द्वारा भेजी गई जानकारी के आधार पर अतिथियों का मानदेय जारी होता है। - डॉ. श्रीराम परिहार, प्राचार्य, एसएन कॉलेज
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC