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MP: अध्यापकों की तबादला नीति में ये परेशानियां हैं

जबलपुर। महिला, दिव्यांग अध्यापकों के अलावा करीब 19 साल से तबादले का इंतजार कर रहे पुरुष अध्यापकों को शिक्षा विभाग ने पहली बार तबादले की सौगात दी है। कुछ ऐसी बंदिशें भी लगा दी हैं, जो उनके लिए परेशानी बन गई है।

संविदा शिक्षक बनने का सपना हो सकता है चूर-चूर

नीरज पाटीदार। मध्यप्रदेश के बेरोजगार युवा पिछले 6 सालो से संविदा शिक्षक बनने के लिये लाखों रूपये खर्चे करके D.Eed/ B.Ed की डिग्री करने के बाद बाट जोह रहे थे कि कब परीक्षा में पास होकर संविदा शिक्षक बन जायें। कई युवा साथियों ने कर्ज लेकर पढ़ाई की है।

सरकारी विद्यालयों को निजी स्कूलों के बराबर लाने में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका

गुना। शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश नए आयाम गढ़ रहा है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दूरगामी सोच को जाता है, तो उतनी ही मेहनत उन शिक्षकों की भी है, जिन्होंने सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के समतुल्य लाकर खड़ा कर दिया है।

शिक्षकोंं को भरना पड़ेगा पांच गुना जुर्माना, माशिमं ने इसलिए जारी किया आदेश

जबलपुर। बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों का मनमाने तरीके से मूल्यांकन करने की बढ़ती शिकायतों और छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कठोर दंड का प्रावधान किया है। गलत तरीके से कॉपियों की जांच करने वाले मास्टरों पर पांच गुना पेनल्टी लगाई जाएगी।

अध्यापक की मृत्यु पर आश्रितों को मिलेंगे अब 50 हजार रुपए

शिवराज सरकार ने अध्यापकों की दी बड़ी सौगात
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत कार्यरत अध्यापक संवर्ग की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को अनुग्रह राशि की सीमा 25 हजार रुपए से बढ़ाकर अधिकतम 50 हजार रुपए कर दी गई है। मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव एसआर चौधरी ने इसके आदेशर जारी कर दिए हैं। अध्यापक की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार के लिए अनुग्रह राशि अब 50 हजार रुपए दी जाएगी।

कानूनी पेंच में फंसी नियुक्तियां अतिथि विद्वानों पर खेलेंगे दांव

कॉलेजो में पढ़ाई दुरूस्त करने की कवायद, विधानसभा में आएगा बिल
उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लंबे समय से कानूनी दांवपेंच में उलझने से परेशान सरकार अब अतिथि विद्वानों पर ही दांव खेलने की तैयारी कर रही है।  सरकार अब अतिथि विद्वानों के सहारे ही अपने कालेज में पढ़ाई करवाएगी। इसके लिए उन्हें फिक्स वेतन देने पर भी विचार किया जा रहा है।

आखिर क्यों...छात्र जा रहे नियमित स्कूल, शिक्षक गैरहाजिर

ग्वालियर . दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के शुरू होने में कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन गांवों व शहर के स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही बरकरार है। शिक्षकों का नियमित स्कूल ना जाने का खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ सकता है। नियमित कक्षाएं न लगने के कारण छात्रों ने भी स्कूल आना कम कर दिया है।

कलेक्टर ने प्रधानाध्यापक की दो वेतनवृद्धि रोकने के दिए आदेश

आदिवासी बाहुल्य बाजना इलाके के 2 गांवों में बुधवार को कलेक्टर ने आकस्मिक निरीक्षण किया। वे इन दोनों ही गांवों के स्कूलों में पहुंचे। जांच की तो पता चला की स्कूलों की हालत बेहद खराब है। उन्होंने प्रधान अध्यापक की दो वेतन वृद्धि रोक दी, एक गांव में सरपंच को पद से हटाने की कार्रवाई के आदेश जारी किए और एक पंचायत सचिव के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी।

हस्ताक्षर नहीं और प्राचार्य लें रहे भुगतान

अनूपपुर. स्कूलों में शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता तथा शिक्षकों के साथ छात्रों के प्रेरणा स्त्रोत स्कूल के प्राचार्य माने जाते हैं। जिसके मार्ग दर्शन में स्कूल की शिक्षा का मजबूत बुनियाद खड़ा किया जाता है। लेकिन अनूपपुर जिले के शासकीय विद्यालयों में इन बुनियादों को खुद स्कूलों के मुखिया यानि प्राचार्य ने ही अनियमितता का स्वरूप प्रदान कर दिया है।

सीईओ ने अतिथि शिक्षकों को लगाई फटकार

छिंदवाड़ा. जिला पंचायत की सीईओ सुरभि गुप्ता ने गुरुवार संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ को खरी खोटी सुना दी। मामला कुछ इस तरह से गर्माया की जिला पंचायत सीईओ ने अतिथि शिक्षकों को बुरी तरह लताड़ दिया।

अतिथि शिक्षकों ने सडक़ों पर लगाई झाडू़

हरदा. प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी के विरुद्ध संविदा शिक्षकों का आंदोलन शहर के बलराम चौक पर चल रहा है। प्रतिदिन शिक्षकों द्वारा अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन किया जा रहा है।

अध्यापक संवर्ग में शामिल हुए 16 संविदा शिक्षक

होशंगाबाद| जिले के 16 संविदा शिक्षकों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया गया है। संविदा शिक्षकों के संविलियन पर अध्यापक संघर्ष समिति के सदस्य राममोहन रघुवंशी, तरवर सिंह पटेल, मधु हुरमाड़े, उमेश ठाकुर ने खुशी जताई है। संविदा शिक्षक कई दिनों से अध्यापक संवर्ग में शामिल होने की मांग कर रहे थे।

पेपर खुलने से पहले सील हो जाएंगे मोबाइल, पकड़े गए तो कार्रवाई

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं एवं 12वीं परीक्षाओं के दौरान पेपर खुलने से पहले सभी केन्द्रों में परीक्षा कराने में तैनात स्टॉफ के मोबाइल को इकट्ठा कर सीलबंद कर दिया जाएगा। परीक्षा केंद्र के केन्द्राध्यक्ष, उप केंद्राध्यक्ष सहित कोई भी शिक्षक परीक्षा के दौरान मोबाइल नहीं रख पाएगा। पहली बार यह व्यवस्था की जा रही है।

जिला पंचायत सीईओ ने अतिथि शिक्षकों से की अभद्रता, पूछा किसकी इजाजत से हुए दाखिल

छिंदवाड़ा। अतिथि शिक्षक विरोध प्रदर्शन के तहत भीख मांगने गए थे, लेकिन अतिथि शिक्षकों को देख जिला पंचायत सीईओ का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। सीईओ ने कहा कि ये क्या तरीका है, ये ऑफिस है, आप लोग यहां किससे पूछकर दाखिल हुए। अपने साथ हुई इस बदतमीजी से प्रदर्शनकारी भी अवाक रह गए।

शिक्षकों के पहनावे पर कमेंट करते हैं एसडीएम, कार्रवाई करें

बेगमगंज. संयुक्त शिक्षक अध्यापक कर्मचारी मोर्चा ने बुधवार को एसडीएम के खिलाफ एक ज्ञापन कलेक्टर रायसेन के नाम बेगमगंज तहसीलदार को सौंपा है। मोर्चा ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि एसडीएम बेगमगंज व्यक्तिगत तौर से कर्मचारियों के पहनावे को लेकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं।

अब जिले में ही छात्र दे सकेंगे स्लेट ऑनलाइन परीक्षा

उज्जैन. प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षक बनने का सपना देख रहे परीक्षार्थियों की परीक्षा घड़ी नजदीक आ गई है। मध्यप्रदेश राज्य पात्रता परीक्षा (एमपी स्लेट) की परीक्षा 25 फरवरी से होगी। इसमें 28 विषय के विद्यार्थी हिस्सा लेंगे। परीक्षा के तहत तीन प्रश्न-पत्र होंगे।

सरकारी स्कूल में 45+41= होते हैं 66

दमोह। नईदुनिया न्यूज सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली किस कदर खराब हो चुकी है, ये किसी से छिपा नहीं है। रही-सही कसर हाल ही में आयोजित प्रदेश सरकार के मिल बांचें अभियान से पूरी हो चुकी है। मंत्री, विधायक भी साफ कर चुके हैं कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा का स्तर बहुत खराब है।

नवीन स्थानांतरण नीति : New Transfer Policy

नवीन स्थानांतरण नीति
(1)शिक्षक/अध्यापक समूह के 6 -2017 में ट्रांसफर होगें।
(2)-न्यूनतम 5 वर्ष की सेवाकाल अवधि होना चाहियें।

चंदे से शिक्षकों ने किया वो काम, होने लगी इस सरकारी स्कूल में एडमिशन की मारामारी

कटनी/ढीमरखेड़ा। जिले की शासकीय प्राथमिक माध्यमिक शाला गौरा में दूसरे सरकारी स्कूलों की तरह बच्चों की संख्या नहीं घट रही है। कारण शिक्षकों द्वारा स्कूल को अपग्रेड करने के लिए किया गया अनूठा प्रयास। बीते वर्षों के दौरान स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार घट रही थी।

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