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कलेक्टर ने प्रधानाध्यापक की दो वेतनवृद्धि रोकने के दिए आदेश

आदिवासी बाहुल्य बाजना इलाके के 2 गांवों में बुधवार को कलेक्टर ने आकस्मिक निरीक्षण किया। वे इन दोनों ही गांवों के स्कूलों में पहुंचे। जांच की तो पता चला की स्कूलों की हालत बेहद खराब है। उन्होंने प्रधान अध्यापक की दो वेतन वृद्धि रोक दी, एक गांव में सरपंच को पद से हटाने की कार्रवाई के आदेश जारी किए और एक पंचायत सचिव के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी।


कलेक्टर बी. चंद्रशेखर सप्ताह में एक दिन जिले के किसी न किसी गांव में आकस्मिक निरीक्षण पर जाते हैं। बुधवार को उन्होंने बाजना ब्लॉक के गांव आड़ा पंथ और उमर में निरीक्षण किया। दाेनों ही गांवों के स्कूलों की हालत जांची। आड़ा पंथ गांव के माध्यमिक स्कूल में अतिरिक्त कक्ष की खराब हालत देखकर कलेक्टर ने सवाल-जवाब किए तो पता चला कि पंचायत ने हाल ही में इस अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया है और कुछ दिनों में ही फर्श उखड़ गया है। उन्होंने सचिव मानसिंह राजावत और सरपंच मंजूबाई डामर के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। आड़ा पंथ में पानी की टंकी चालू नहीं होने, स्कूल के आसपास गंदगी और कक्षाओं में भी सफाई नहीं होने पर प्रधान अध्यापक रजनीकांत परिहार की दो वेतनवृद्धि रोकने के आदेश जारी किए। उमर गांव में स्कूल परिसर में एक किसान ने ट्रैक्टर खड़ा किया हुआ था। कलेक्टर ने तत्काल ही पुलिस बुलाकर ट्रैक्टर जब्त करवा दिया।

ग्राम आड़ा पंथ का माध्यमिक स्कूल

कलेक्टर कक्षा में पहुंचे, टीचर से सवाल किया। बताओ, कितने बच्चे हैं इस क्लास में। जवाब मिला- सर, 54। कलेक्टर ने दोबारा सवाल किया-आज कितने आए हैं, जवाब आया- सर, 38। कलेक्टर ने फिर सवाल किया। अच्छा इन सभी 38 के नाम बताओ। टीचर अचंभे में। कुछ बच्चों के नाम बताए और अटक गए। फिर कलेक्टर ही बीच में बोले- चलो छोड़ो, मुझे मालूम है जो बच्चे रेग्युलर स्कूल नहीं आते हैं, उनके नाम आप याद नहीं रख सकते हैं। उन्होंने स्टाफ से कहा- ऐसे सभी माता-पिता की सूची बनाओ जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाए काम पर ले जाते हैं। ऐसे माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएंगे।

ग्राम उमर का बालिका स्कूल

कलेक्टर इस स्कूल में पहुंचे और बालिका शौचालय की जांच की। यहां पानी की व्यवस्था नहीं थी। प्रधान अध्यापक से सवाल किया- क्यों शौचालय का उपयोग नहीं हो पा रहा है। प्रधान अध्यापक बोले-हो रिया है साब। कलेक्टर ने उन्हें पास में बुलाया। फर्श दिखाया, धूल जमी थी। पानी का नामोनिशान नहीं था। कलेक्टर बोले- पहले हालत देखो, अब बताओ हो रिया के नी हो रिया। प्रधान अध्यापक बगले झांकने लगे।

उमर का माध्यमिक स्कूल

कलेक्टर इस स्कूल की 8वीं की क्लास में पहुंचे। साथ में दो शिक्षक भी आए। दीवार पर टंगे नक्शों को देखकर बच्चों से कलेक्टर ने सवाल किया- बताओ उमर गांव किस जिले में है। जवाब मिला-रतलाम में। सवाल- रतलाम कहां है। जवाब आया- मध्यप्रदेश में। मध्यप्रदेश कहां है, जवाब आया- भारत में। फिर सवाल किया- भारत में कितने प्रांत है, जवाब आया- 29। कलेक्टर बोले-वेरी गुड, अब जरा प्रदेशों के नाम बताओ। पूरी क्लास में सन्नाटा। 3 मिनट बाद एक बच्चा उठा और जवाब दिया-सर मिजोरम। कलेक्टर ने टीचर की तरफ देखा-पूछा, क्यों नक्शे की जानकारी रेग्युलर नहीं दी जाती है। 

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