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शिक्षकों का एम शिक्षा मित्र से हाजिरी लगाने का विरोध

भास्कर संवाददाता | खरगोन मप्र सहायक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग में 1 अप्रैल से लागू की जा रही एम शिक्षा एप प्रणाली का विरोध किया है। बुधवार को संघ प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम राजेंद्रसिंह को पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने एम शिक्षा मित्र एप योजना से शिक्षकों व अध्यापकों के अटेंडेंस को स्थगित करने की मांग की।

शिक्षक बोले- हम पर अविश्वास क्यों? एप पर नहीं देंगे हाजिरी, मंत्री ने कहा- इसके फायदे समझिए, ये कारगर है

एम.शिक्षा मित्र को लेकर चल रहे विरोध के बीच दो दिन बाद नए शिक्षण सत्र की शुरुआत 2 अप्रैल से हो रही है। विरोध जताने वाले संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि केवल शिक्षा विभाग में ही इसका प्रयोग क्यों किया जा रहा है? अगर यह सभी विभागों में लागू हो तो इसे स्वीकार किया जा सकता है। इसलिए 2 अप्रैल से शुरू हो रहे सत्र में इसका बहिष्कार किया जाएगा।

हाईकोर्ट की रोक के बाद भी शिक्षक बनाए गए बीएलओ- सुपरवाइजर

प्रशासनिक रिपोर्टर | ग्वालियर शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम कराने पर सरकार और हाईकोर्ट ने बेशक रोक लगा दी हो। लेकिन वास्तविकता में ऐसा हो नहीं रहा। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा रोक लगाए जाने के 7 महीने बाद भी शिक्षकों से वोटर लिस्ट का काम कराया जा रहा है।

ई-अटेंडेंस का शिक्षकों ने किया विरोध, निकाली रैली

भास्कर संवाददाता | लहार शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अध्यापकों को नए शैक्षणिक सत्र से शाला में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए एम. शिक्षा मित्र के माध्यम से ई-अटेंडेंस लगाना अनिवार्य किया गया है। जिसके आधार पर शिक्षकों को वेतनमान का भुगतान किया जाएगा।

50 प्रतिशत शिक्षकों ने ही डाउन लोड किया एप, नहीं करने वालों की कटेगी सैलरी

एम-शिक्षा मित्र एप को लेकर जिले के शिक्षक संगठन और शिक्षा विभाग आमने-सामने हो गए हैं। 2 अप्रैल से शिक्षा विभाग ने एम-शिक्षा मित्र एप के माध्यम से ही शिक्षकों की अटेंडेंस लगाने के आदेश दिए हैं। 50 प्रतिशत शिक्षकों ने ही एप डाउन लोड किया है।

मॉडल व उत्कृष्ट स्कूल में नहीं हुई योग्य शिक्षकों की नियुक्ति

शिक्षा की गु‡णवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जुलाई 2017 में शिक्षकों की ऑन लाइन परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें प्रदेश भर के 10 हजार शिक्षकों ने भाग लिया था। िजले में करीब एक दर्जन से अधिक मॉडल व उत्कृष्ट स्कूलों के लिए 200 शिक्षकों ने परीक्षा दी थी।

मप्र में 60 हजार संविदा शिक्षक सहित कुल 89 हजार नौकरियां

भोपाल। बड़ी खबर आ रही है। चुनावी साल 2018 में कुल 89 हजार पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसमें से 60 हजार पद शिक्षा विभाग में संविदा शाला शिक्षक के लिए होंगे। बता दें कि 2011 से अब तक संविदा शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। करीब 20 लाख उम्मीदवार इस परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।

फर्जी अंकसूची व दस्तावेज लगाकर संविदा शिक्षक बने 6 शिक्षक बर्खास्त

भास्कर संवाददाता | भिंड फर्जी दस्तावेजों से संविदा शाला शिक्षक बनने वाले छह शिक्षकों को जिला पंचायत सीईओ सपना निगम ने शनिवार को बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले 49 शिक्षकों को पहले ही बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।

मॉडल व उत्कृष्ट स्कूल में नहीं हुई योग्य शिक्षकों की नियुक्ति

शिक्षा की गु‡णवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जुलाई 2017 में शिक्षकों की ऑन लाइन परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें प्रदेश भर के 10 हजार शिक्षकों ने भाग लिया था।

हो जाएं तैयार, यहां निकलने वाली हैं शिक्षकों के पदों पर नौकरियां

जयपुर, 31 मार्चः राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार इस साल अक्टूबर तक 77 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेगी।

दावा भर्ती का,पर चुनाव होने से गुंजाइश कम , शिक्षक भर्ती की कार्रवाई जारी , अप्रैल में साफ होगी स्थिति

शिक्षा विभाग ने पिछले कुछ समय से शिक्षकों भर्ती की कवायद तेज कर दी थीं। 25 फीसदी सीटें अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित करने के बाद फरवरी में नए ड्राफ्ट का प्रारंभिक गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है। सूत्रों की मानें तो पीईबी ने पात्रता परीक्षा कराने के लिए विभाग को मार्च की तारीखें भी अलॉट कर दी थीं।

नियमों में उलझी संविदा शिक्षकों की भर्ती

संविदा शिक्षकों की भर्ती नियमों में उलझ गई है। अध्यापक संवर्ग के संविलियन से मामला फंस गया है। सरकार तय नहीं कर पा रही है कि मौजूदा नियमों के अनुसार संविदा शिक्षकों की भर्ती करे या नए सेटअप में सीधे नियमित पद पर नियुक्ति की जाए।

सीएम की घोषणा के बाद भी भाषाई शिक्षक बेरोजगार

सहरिया समुदाय के युवाओं को भाषाई शिक्षक के पद पर वर्ष 2010 में नियुक्ति दी गई लेकिन वर्ष 2016 में योजना खत्म होने की बात कहकर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

सीएम हेल्पलाइन पर चार बार शिकायत दर्ज कराने पर भी दिव्यांग शिक्षक की सुनवाई नहीं

रतलाम के धामनोद क़स्बे में एक दिव्यांग शिक्षक रसूखदारों की दबंगई से परेशान है. इस दिव्यांग का आरोप है कि गांव के ही कुछ दबंग लोग उसके पैतृक मकान को हड़पना चाहते हैं.

विषयवार शिक्षको की कमी से जूझ रहे माध्यमिक स्कूल

बालाघाट. कटंगी में माध्यमिक शिक्षा की हालत बहुत खराब है। जानकारी के मुताबिक किसी भी स्कूल में विषयवार शिक्षक नहीं है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है तथा उन्हें विषय का ज्ञान नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अतिथियों को नियुक्त किया जा रहा है, लेकिन अतिथियों की अपनी कुछ मांगें होने के कारण वह भी पढ़ाई पर पूरा ध्यान केन्द्रीत नहीं कर पा रहे हैं।

BMC आदर्श भर्ती प्रक्रिया,आरोपों को डीन ने किया खारिज

सागर. बीएमसी में आदर्श भर्ती प्रक्रिया पर माइक्रो बायोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा की गई शिकायत पर डीन ने मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल को अपना जवाब भेज दिया। डीन ने शिकायत में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए भर्ती प्रक्रिया दूषित होने से इनकार किया है।

MP बोर्ड: परीक्षा से पहले वॉट्सऐप पर वायरल हुआ 12वीं का पेपर, गोपनीयता पर सवाल खड़े

सीधी। माध्यमिक शिक्षा मंडल की हायर सेकंडरी परीक्षा के प्रश्न पत्र एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने का दावा कुछ परीक्षार्थियों ने मंगलवार को पत्रिका कार्यालय में आकर किया। उन्होंने वाट्सऐप से प्राप्त हुए हस्तलिखित पेपर दिखाया।

मूल्यांकन के पहले दिन नहीं पहुंचे 590 शिक्षक, एेसे हुई विभाग की फजीहत

सागर. बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन मंगलवार से समन्वय संस्था एमएलबी स्कूल (क्रं१) में शुरू हो गया। पहले ही दिन ५९० विषय विशेषज्ञ शिक्षक नहीं पहुंचे। कुल ९०० शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी।

सोशल मीडिया पर शिक्षकों को देशद्रोही बताने वाली छात्रा एक साल को कालेज से निलंबित

भोपाल के एक कालेज में आगामी 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाने के लिए जिद पर अड़ी छात्रा को अब कालेज ने निलंबित कर दिया है. आरोप है कि जोश में होश खो बैठी इस छात्रा ने अपने गुरुओं का ही अपमान करते हुए उन्हें देश द्रोही तक कह डाला.

शिक्षकों की उपस्थिति 70 फीसदी से कम तो कटेगी सैलरी

भोपाल. प्रदेश के शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमर कसने के लिए सरकार ने कुछ निर्देश तैयार किये हैं, सरकार की तरफ से शिक्षकों को फरमान आया है कि अब स्कूलों में विद्यार्थियों की तरह शिक्षकों की उपस्थिति भी 70 फीसदी अनिवार्य कर दी गई है  और अगर स्कूलों में कम उपस्थिति शिक्षकों की पाई जाती है तो उनकी तनख्वाह काटी जाएगी. 

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