राजगढ़. शिक्षा विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति हो और नए शिक्षकों की भर्ती की जाए। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने प्रत्येक जिले से अतिशेष सूची तैयार की है। लेकिन यह सूची जारी होने के साथ ही विवादों में नजर आने लगी है। सूची को तीन साल पहले की जानकारी के साथ बना लिया गया है। जिसमें कुछ ट्रांसफर हो चुके शिक्षक और रिडायर्ड शिक्षक भी शामिल है।
प्राइमरी सेक्षन की इस सूची में 863 शिक्षक जिलेभर में अतिशेष बताए जा रहे है। जिन्हें ऑनलाइन ही ऐसे स्कूलों में भेजने की तैयारी की जा रही है। जहां शिक्षकों की कमी है या फिर शिक्षक है ही नहीं। यदि बनाई गई नीति के अनुसार सभी शिक्षकों को रिक्त स्थानों पर भेजा जाता है तो आने वाले दिनों में न सिर्फ अतिथियों को रखा जाएगा बल्कि नई भर्ती भी नहीं होगी। क्योंकि अतिशेष शिक्षकों की सूची काफी लंबी है। सिर्फ प्राइमरी में 863 और कुल अतिशेष लगभग 1300 होने की संभावना है। हालांकि मीडिल और हायर शिक्षा की सूची अभी जारी नहीं हुई है।
जो शिक्षक अतिशेष में शामिल हैं उन्हें 20 ऐसे स्कूलों की जानकारी देना है जहां शिक्षकों की कमी है और संबंधित विषय के शिक्षकों का विकल्प खुला है। इन स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
शिक्षक संघ और अध्यापक संवर्ग की बैठकें अतिशेष सूची जारी होने के साथ शुरू हो गई। उनका कहना है कि अतिशेष सूची जारी हो और उस पर कार्रवाई भी जरूर हो। लेकिन इसके लिए वर्तमान स्थिति और बच्चों की संख्या के हिसाब से अतिशेष तय किए जाए। इसके अलावा पहले जूनियरों के नाम शामिल हो बाद में स्कूल में सीनियर शिक्षकों के नाम लिए जाए। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन सौंपने का सिलसिला राजगढ़ के साथ ही पूरे जिले में चल रहा है।
अतिशेष सूची तैयार करने से पहले स्कूल के बच्चों की मेपिंग को पैमाना बनाया गया। कुछ शिक्षकों का कहना है कि इस मामले में कुछ बच्चे मेपिंग से रह गए। ऐसे में हम अतिशेष हो गए। लेकिन राज्य शिक्षा केन्द्र का मानना है कि जिन शिक्षकों ने मेपिंग पर ध्यान नहीं दिया। उन शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी। आरएसके के अनुसार कई बार एक ही बच्चा दो स्कूलों में भी प्रवेश ले लेता है। ऐसे में वे मेपिंग से बचते है।
शासन द्वारा तय की गई गाइडलाइन के अनुसार हम काम करेंगे। लेकिन ऐसे सहायक अध्यापक या सहायक शिक्षक जो पहले से ही मिडिल स्कूल ें पढ़ा रहे है और उनके विषय से संबंधित पद स्कूल में रिक्त है तो उन्हें उसी स्कूल में रख लिया जाएगा। शासन की मंशा है कि अतिशेष सूची से शिक्षकों की पदस्थापना करते हुए जो अतिथियों और शिक्षकों की भर्ती पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ है उसे कम किया जाए। -एसके मिश्रा, डीईओ राजगढ़
प्राइमरी सेक्षन की इस सूची में 863 शिक्षक जिलेभर में अतिशेष बताए जा रहे है। जिन्हें ऑनलाइन ही ऐसे स्कूलों में भेजने की तैयारी की जा रही है। जहां शिक्षकों की कमी है या फिर शिक्षक है ही नहीं। यदि बनाई गई नीति के अनुसार सभी शिक्षकों को रिक्त स्थानों पर भेजा जाता है तो आने वाले दिनों में न सिर्फ अतिथियों को रखा जाएगा बल्कि नई भर्ती भी नहीं होगी। क्योंकि अतिशेष शिक्षकों की सूची काफी लंबी है। सिर्फ प्राइमरी में 863 और कुल अतिशेष लगभग 1300 होने की संभावना है। हालांकि मीडिल और हायर शिक्षा की सूची अभी जारी नहीं हुई है।
जो शिक्षक अतिशेष में शामिल हैं उन्हें 20 ऐसे स्कूलों की जानकारी देना है जहां शिक्षकों की कमी है और संबंधित विषय के शिक्षकों का विकल्प खुला है। इन स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
शिक्षक संघ और अध्यापक संवर्ग की बैठकें अतिशेष सूची जारी होने के साथ शुरू हो गई। उनका कहना है कि अतिशेष सूची जारी हो और उस पर कार्रवाई भी जरूर हो। लेकिन इसके लिए वर्तमान स्थिति और बच्चों की संख्या के हिसाब से अतिशेष तय किए जाए। इसके अलावा पहले जूनियरों के नाम शामिल हो बाद में स्कूल में सीनियर शिक्षकों के नाम लिए जाए। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन सौंपने का सिलसिला राजगढ़ के साथ ही पूरे जिले में चल रहा है।
अतिशेष सूची तैयार करने से पहले स्कूल के बच्चों की मेपिंग को पैमाना बनाया गया। कुछ शिक्षकों का कहना है कि इस मामले में कुछ बच्चे मेपिंग से रह गए। ऐसे में हम अतिशेष हो गए। लेकिन राज्य शिक्षा केन्द्र का मानना है कि जिन शिक्षकों ने मेपिंग पर ध्यान नहीं दिया। उन शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी। आरएसके के अनुसार कई बार एक ही बच्चा दो स्कूलों में भी प्रवेश ले लेता है। ऐसे में वे मेपिंग से बचते है।
शासन द्वारा तय की गई गाइडलाइन के अनुसार हम काम करेंगे। लेकिन ऐसे सहायक अध्यापक या सहायक शिक्षक जो पहले से ही मिडिल स्कूल ें पढ़ा रहे है और उनके विषय से संबंधित पद स्कूल में रिक्त है तो उन्हें उसी स्कूल में रख लिया जाएगा। शासन की मंशा है कि अतिशेष सूची से शिक्षकों की पदस्थापना करते हुए जो अतिथियों और शिक्षकों की भर्ती पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ है उसे कम किया जाए। -एसके मिश्रा, डीईओ राजगढ़