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रिटायर, निलंबित और स्थानांतरित शिक्षकों को बना दिया अतिशेष

शिक्षा विभाग की जारी अतिशेष शिक्षकों की सूची में कई विसंगतियां हैं। बीएम सोनी मोतीपुरा प्रावि क्रं. 13 से पिछले साल जुलाई में सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उनका नाम अतिशेष सूची में शामिल कर लिया है। बिरोठी प्रावि के शिक्षक महेश अवस्थी, दिनेश जोशी, शिवकुमार पंडित आदि निलंबित शिक्षकों को भी अतिशेष की सूची में डाल दिया है।


इसके साथ ही कई ऐसे शिक्षकों के नाम हैं जो स्थानांतरित हो चुके हैं। सूची में विसंगतियों को लेकर मप्र शिक्षक संघ ने मंगलवार को एडीएम शैलेंद्र सिंह सहित एसी व डीईओ कार्यालय में शिकायत कर युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से परेशानियां बताई। जिला सचिव रमेशचंद्र पाटीदार ने बताया शिक्षक संघ युक्तियुक्तकरण के पक्ष में हंै लेकिन पारदर्शिता के नाम पर ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने से बड़ी उलझने खड़ी हुई हैं। अतिशेष शिक्षकों की सूची पोर्टल पर दो साल पहले डाली गई दर्ज संख्या व कार्यरत शिक्षक की जानकारी के आधार पर तैयार की गई है जबकि विभागों ने इसे अपडेट नहीं किया। डीईओ का कहना है स्थानीय स्तर से सूची संबंधी कार्रवाई नहीं हुई है। सूची अपडेट कराएंगे। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी केके डोंगरे ने बताया सूची भोपाल से अपडेट होकर आती है। दावे-आपत्ति मंगाए हैं। पोर्टल भी जल्द खुल जाएगी।

आजाद अध्यापक संघ ने संविदा शिक्षकों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन, छठे वेतनमान के लाभ सहित अन्य मांगों को लेकर आदिवासी विकास कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। प्रांतीय संगठन मंत्री शिवराज वर्मा, संभागीय उपाध्यक्ष जगदीश चौधरी ने बताया कि वर्तमान में जारी अतिशेष शिक्षकों की सूची में कई विसंगतियां हैं, जिन्हें दूर करने के बाद ही युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया हो। जिलाध्यक्ष दिनेश ठाकुर, दिनेश ठाकुर, राधे ठाकुर, दिनेश पटेल, विष्णु ठाकुर, मोहन पटेल, उमराव बघेल आदि थे।

आपत्ति के लिए दो दिन शेष लेकिन नहीं खुला पोर्टल

प्रांतीय कोषाध्यक्ष लछीराम इंगले, संभागीय कोषाध्यक्ष बाबूलाल राठौर ने बताया ऐसी स्थिति को सुधारने के लिए शिक्षकों को दावा आपत्ति भी ऑनलाइन 27 अप्रैल तक करना है लेकिन पोर्टल अभी तक नहीं खुला। इसलिए अफसरों से पहले जानकारी अपडेट करने व दावा आपत्ति की समयावधि बढ़ाने की मांग की है।

दिव्यांग और हृदय रोगी शिक्षक भी शामिल

पदाधिकारियों के मुताबिक अतिशेष सूची में दिव्यांग व हृदय रोगी शिक्षकों का नाम शामिल है, जो नियमों के खिलाफ है। जिलाध्यक्ष बीएन सोनी, रमेश दुबे, छगनलाल पाटीदार, नरेंद्र चौहान ने बताया आरटीई का हवाला देकर 100 सेे कम बच्चों वाली माध्यमिक स्कूलों में कई सालों से स्वीकृत पदों पर पदस्थ प्रधानपाठकों को अतिशेष बताया है लेकिन 100 से अधिक दर्ज संख्या वाली नई स्कूलों में इन्हें पदस्थ नहीं किया जा रहा। ऐसी स्थिति में जगह कम व प्रधानपाठक अधिक हो रहे है। संघ इन्हें यथावत रखने या पदस्थापना की मांग करता है।

सूची में दोनों शिक्षकों को बताया अतिशेष

ईजीएस अस्थाग्राम में 45 बच्चों की दर्ज संख्या पर 3 शिक्षक पदस्थ है लेकिन सूची में दो ही शिक्षकों की इंट्री है और उन्हें भी अतिशेष बताया गया है। अगर इन्हें अन्य स्कूल भेजा गया तो फिर ये स्कूल शिक्षक विहीन हो जाएगा।

कम विद्यार्थी बताकर अतिशेष दिखाए

अतिशेष शिक्षकों की सूची का आधार विद्यार्थियों की दर्ज संख्या होती है। लेकिन विभाग को स्कूलों में बच्चों की संख्या भी नहीं पता। पोर्टल पर प्रावि रहिमपुरा में 282 की जगह 277, प्रावि क्रं. 5 खरगोन में 68 की जगह 57 बच्चे दिख रहे है। 

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