भोपाल. प्रदेश के शासकीय
स्कूलों में शिक्षकों की कमर कसने के लिए सरकार ने कुछ निर्देश तैयार किये
हैं, सरकार की तरफ से शिक्षकों को फरमान आया है कि अब स्कूलों में
विद्यार्थियों की तरह शिक्षकों की उपस्थिति भी 70 फीसदी अनिवार्य कर दी गई
है और अगर स्कूलों में कम उपस्थिति शिक्षकों की पाई जाती है तो उनकी
तनख्वाह काटी जाएगी.
हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
द्वारा घोषणा की गयी थी कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए नई नीति
तैयार की जा रही है. इसके मुताबिक अब शिक्षक प्राचार्य से छुट्टी मंजूर
करवाकर लंबे समय तक अवकाश पर नहीं रह सकेंगे. निजी स्कूलों की तरह सरकारी
में भी 'काम नहीं तो तनख्वाह नहीं' वाले सिद्धांत पर काम होगा.
लोक शिक्षण आयुक्त नीरज दुबे के आदेश के
मुताबिक शिक्षकों के लिए सालभर में 70 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई
है. इससे कम उपस्थिति वाले शिक्षकों की तनख्वाह कटेगी. इस संबंध में
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए हैं.
अधिकारीयों को इसका सख्ती से पालन करवाना अनिवार्य होगा और लापरवाही करने
वाले अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी.
वहीं, शिक्षकों को अच्छी खबर यह है कि
सरकार की तरफ से शिक्षक प्रोत्साहन राशि कि व्यवस्था इस बार से लागू कर दी
गयी है जिसमें 9वीं कक्षा से 12वीं तक श्रेष्ठ परिणाम देने वाले शिक्षकों
को इनाम मिलेगा. इस योजना के तहत 9वीं में 60 प्रतिशत और 10वीं में 80
प्रतिशत या इससे ज्यादा विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में आने पर शिक्षक को 8
हजार रुपए भेंट किए जाएंगे पर इसके लिए हर कक्षा में 20 छात्र होना जरूरी
है वहीँ 11वीं में 70 प्रतिशत व 12वीं में 80 प्रतिशत परिणाम देने पर
शिक्षक को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी हालांकि उत्कृष्ट स्कूलों
के लिए 10वीं व 12वीं का मापदंड 90 फीसदी रखा गया है.