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हाईकोर्ट की रोक के बाद भी शिक्षक बनाए गए बीएलओ- सुपरवाइजर

प्रशासनिक रिपोर्टर | ग्वालियर शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम कराने पर सरकार और हाईकोर्ट ने बेशक रोक लगा दी हो। लेकिन वास्तविकता में ऐसा हो नहीं रहा। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा रोक लगाए जाने के 7 महीने बाद भी शिक्षकों से वोटर लिस्ट का काम कराया जा रहा है।
ग्वालियर जिले में 500 से अधिक शिक्षक बीएलओ और बीएलओ सुपरवाइजर के तौर पर फील्ड में काम कर रहे हैं। जबकि हाईकोर्ट ने सितंबर 2017 में कहा था कि शिक्षकों से कोई भी गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कराया जाए तथा नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 का पालन हो। इससे पहले मप्र के आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह एवं स्कूल शिक्षा विभाग की सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने 24 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर निर्देश दिए थे कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाए। यदि निर्वाचन संबंधी कार्य में लगाना है तो मतदान, मतगणना, प्रशिक्षण एवं सामग्री लेने में उनकी ड्यूटी लगाई जा सकती है। वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के लिए अवकाश के दिन ही ड्यूटी लग सकती है। इसी प्रकार के आदेश स्कूल शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजय सिंह ने 25 मार्च 2013, राज्य शिक्षा केंद्र के तत्कालीन आयुक्त आरएस जुलानिया ने 18 दिसंबर 2007 में भी दिए थे। ग्वालियर जिले में 6 विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण, ग्वालियर, पूर्व, दक्षिण, भितरवार और डबरा हैं। जिनमें 1723 पोलिंग बूथ हैं और हर पोलिंग बूथ पर एक बीएलओ की नियुक्ति की जाती है साथ ही 10 से 20 पोलिंग सेंटर पर एक सुपरवाइजर। इस सिस्टम के तहत 2 हजार से ज्यादा लोगों की टीम इन पोलिंग सेंटर पर निर्वाचन का कार्य कर रही है। जिनमें शिक्षकों के अलावा दूसरे विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं।

एसडीएम का नोटिस- काम नहीं किया, जाएगी नौकरी: मुरार एसडीएम एचबी शर्मा ने सहायक शिक्षक मालती शाक्य को नोटिस जारी कर कहा है कि आपने बीएलओ नेट पर डोर टू डोर सर्वे की जानकारी अपलोड नहीं की है। जो कि घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है। ऐसे में क्यों न आपकी दो वेतनवृद्धि रोकी जाए ।

मई-जून में पुनरीक्षण की तैयारी, मांगे नाम

इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर वोटर लिस्टों का संक्षिप्त पुनरीक्षण कराए जाने की संभावना है। जिसमें बीएलओ एवं बीएलओ सुपरवाइजर की नियुक्ति किए जाने के लिए सरकारी स्कूलों से शिक्षकों के नाम मांगे गए हैं। बताया गया है कि चुनाव से पहले कराया जा रहा यह पुनरीक्षण इस साल का अंतिम होगा।

मार्गदर्शन मांगा गया है

यह सही है निर्वाचन विभाग के कार्य में शिक्षक कार्य कर रहे हैं। लेकिन नियमों के अनुसार उनसे काम लिया जा रहा है। जहां तक हाईकोर्ट के आदेश का मामला है तो निर्वाचन आयोग से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया है। जो कि मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राहुल जैन, कलेक्टर

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