MP: बरसों बाद निकली शिक्षक भर्ती, दो साल हो गए, इंतजार है कि खतम ही नहीं हो रहा
मध्य
प्रदेश. सितंबर, 2018 में सरकार ने उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षकों के
लिए कुल 30,594 पदों पर भर्तियां निकालीं. मध्य प्रदेश में टीचरों की
भर्ती करीब दस साल बाद हो रही थी. खूब फॉर्म भरे गए. फरवरी-मार्च, 2019 में
पात्रता परीक्षा हुई. उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट आया
अगस्त, 2019 में.
माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट अक्टूबर,
2019 में आया. रिजल्ट आए साल भर हो गए हैं और भर्तियों को निकले दो साल.
मध्य प्रदेश में दो-दो सरकारें बदल गईं लेकिन भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं
हो सकी. इसमें चयनित उम्मीदवार धरना दे चुके हैं. रिजल्ट की कॉपी जलाकर
विरोध कर चुके हैं. राज्यपाल से इच्छामृत्यु तक मांग चुके हैं. लेकिन
टीचरों को अब भी जॉइनिंग का इंतजार है.
शुरु से ही लेटलतीफी
स्कूल
शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग में होने वाली इन भर्तियों
में लेटलतीफी की शुरुआत पात्रता परीक्षा से ही हो गई. दोनों विभागों में
30,594 भर्तियों का रिजल्ट एक ही पात्रता परीक्षा से निकलना था. ये ऑनलाइन
परीक्षा दिसंबर 2018 में होनी थी. लेकिन नहीं हुई. क्यों? क्योंकि विधानसभा
चुनाव थे. इनको तीन महीने टालते हुए फरवरी-मार्च, 2019 में पूरा करवाया
गया. इसके लिए भी अभ्यर्थियों को धरना देना पड़ा. उसके बाद लोकसभा के चुनाव
आ गए. आचार संहिता के कारण काम रुका रहा. चुनाव तो मई में बीत गए लेकिन
रिजल्ट आया 28 अगस्त 2019 को. माध्यमिक शिक्षक की परीक्षा का रिजल्ट और भी
देरी से 26 अक्टूबर 2019 को जारी किया गया. रिजल्ट जारी करवाने लिए मध्य
प्रदेश में अभ्यर्थियों को ज्ञापन, धरना, कोर्ट-कचहरी करना पड़ा. हाई-कोर्ट
में पिटीशन भी दायर करनी पड़ी.
लॉकडाउन के दौरान अपनी नियुक्ति के लिए घर में ही प्रोटेस्ट करता चयनित शिक्षक का परिवार.
फिर… आगे क्या हुआ?
पात्रता
परीक्षा के रिजल्ट के बाद उम्मीद जगी कि दोनों विभागों में भर्ती के
विज्ञापन और विषयवार पद जल्द ही जारी हो जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उसी
ढर्रे पर चलते हुए विज्ञापन और विषयवार पद की जानकारी जनवरी 2020 में दी
गई. एक महीने बाद फरवरी 2020 में मेरिट और वेटिंग लिस्ट निकाली गई. मार्च
में अभ्यर्थियों से उनके डाक्यूमेंट अपलोड कराए गए. बताया, डाक्यूमेंट
वेरिफिकेशन अप्रैल 2020 में होगा. लेकिन तब तक लॉकडाउन लग चुका था.
वेरिफिकेशन का काम अप्रैल, मई, जून के लिए रोक दिया गया.
मध्यप्रदेश के उज्जैन में अपनी भर्ती के लिए धरना देने जा रहे चयनित शिक्षक. तस्वीर साभार- वृंदावन
यहां
गौर करने वाली बात ये है कि डाक्यूमेंट अपलोड कराते वक्त अभ्यर्थियों से
पूछा गया था कि आप किस जिले में अपना डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन चाहते हैं? जून
में फिर से डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए अपनी पसंद का जिला चुनने का मौका
दिया गया. 1 जुलाई से 3 जुलाई तक वेरिफिकेशन हुआ. करीब आधे अभ्यर्थियों की
यह प्रक्रिया पूरी भी हो गई. लेकिन 4 जुलाई को इसे बीच में ही रोक दिया
गया. मध्य प्रदेश, लोक शिक्षण संचालक की तरफ से कारण बताया गया कि लोक
परिवहन की सुगम व्यवस्था न होने और कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के
चलते डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन की कार्रवाई तत्काल प्रभाव से स्थगित की जा रही
है.
लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश (DPI) की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट, जहां DV रोकने का नोटिस आया
हमारी बात वृंदावन मीना से हुई. उन्होंने कहा,
एक
तो वेरिफिकेशन इन्होंने बीच में ही रोक दिया. परिवहन और कोरोना का कारण
बताया. लेकिन अब तो परिवहन चलने लगा है? अब क्या समस्या है? हमारी यही मांग
है कि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी की जाए, और हमें नौकरी मिले.
जुलाई
में वेरिफिकेशन के बाद ये काम रुका तो अब तक रुका ही हुआ है. अभ्यर्थी
ट्विटर ट्रेंड करा रहे. अधिकारियों के फेसबुक लाइव में सवाल पूछ रहे. 14
अगस्त को राज्यपाल से इच्छामृत्यु तक की मांग कर डाली. उपचुनाव की रैलियों
में सीएम का घेराव किया. शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दिया, फिर भी हाथ में हवा
लिए बैठे हैं.
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में ‘चयनित शिक्षक संघ’ के बैनर तले प्रोटेस्ट कर रहे चयनित शिक्षक. तस्वीर कमल ने भेजी
मांग क्या है इनकी?
हमने चयनित कुछ अभ्यर्थियों से बात की. एग्रीकल्चर से सेलेक्ट हुए रवि श्योपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया,
हमारे
ग्रेड की शिक्षक भर्ती 2011 के बाद हो रही है. नोटिस आने के बाद से ही
सरकार बदलती रही. अब ये कभी रिजर्वेशन तो कभी कोरोना का बहाना बना देते
हैं. हमने तय किया है कि उपचुनाव से पहले शिवराज सरकार नियुक्ति सुनिश्चित
करे नहीं तो हम सभी 52 जिलों में इनके खिलाफ प्रचार करेंगे.
हमारी बात चयनित शिक्षक कमल शर्मा से हुई. कमल, सवाई माधोपुर जिले के हैं. उन्होंने कहा,
मेरा
चयन पॉलिटिकल साइंस के शिक्षक के तौर पर हुआ है. मेरी 22वीं रैंक थी. ये
सरकार नई शिक्षा नीति की बात करती है लेकिन जब शिक्षक ही नहीं होंगे तो
कैसे लागू हो सकेगा ये? कोरोना के समय में जब बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं,
सरकार क्यों नहीं इस दिशा में आगे बढ़ रही है. सरकार को जल्द से जल्द
नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए.
शिक्षक
मांग कर रहे हैं कि बाकी बचे हुए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, फाइनल मेरिट,
स्कूल अलॉटमेंट और जॉइनिंग का शेड्यूल जारी किया जाए. सितम्बर में सारी
प्रक्रिया को पूर्ण करवाते हुए जॉइनिंग दी जाए. शिक्षकों ने 5 सितंबर को
शिक्षक दिवस पर दिन काला दिवस भी मनाया. देखते हैं कि सरकार कब इनका
संज्ञान लेती है. दी लल्लनटॉप इस पूरे प्रकरण पर अपनी नज़र बनाए हुए है.
किसी भी ज़रूरी अपडेट से हम आपको ज़रूर अवगत कराएंगे.