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नकल कराना पड़ा महंगा, दो शिक्षकों को नहीं मिलेगी परीक्षा ड्यूटी

 छिंदवाड़ा। शिक्षकों द्वारा नकल कराने के मामले का वीडियो वायरल होने का मामला सुर्खियों में आने के बाद दो शिक्षकों को दो साल तक परीक्षा के किसी भी कार्य में शामिल नहीं होने का आदेश दिया है।

गौरतलब है कि 21 जून को अमरवाड़ा ब्लॉक में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में नकल का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद तत्कालीन संभाग कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी ने जांच के आदेश दिए थे और जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जहां अब दो शिक्षकों को दो साल तक परीक्षा के किसी कार्य में शामिल नहीं करने के आदेश दिया गए। जिसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चौरगढ़े ने परीक्षा केंद्र अध्यक्ष और सहायक परीक्षा केंद्र अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उनके जवाब के बाद कार्रवाई करते हुए परीक्षा केंद्र अध्यक्ष और सहायक केंद्र अध्यक्ष को 2 साल के लिए परीक्षा कार्यों में शामिल नहीं किया जाएगा।जिन शिक्षकों पर यह कार्रवाई हुई है उनमें राजेश भोजने उमावि शासकीय कन्या चांदामेटा और सहायक केंद्राध्यक्ष सरदार सिंह उमावि पालमई शामिल हैं। बारहवीं कक्षा की परीक्षा के दौरान अमरवाड़ा में एक निजी स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। परीक्षा के कुछ दिनों बाद इस परीक्षा केंद्र में नकल करने का वीडियो वायरल हुआ था। परीक्षा कक्ष में कोई शिक्षक नहीं दिख रहा था और बेरोकटोक बच्चे आपस में बात कर रहे थे।

जिले में बारहवीं की वार्षिक परीक्षा का केंद्र अमरवाड़ा के निजी स्कूल में बनाया गया था। परीक्षा केंद्र में हुई नकल की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर सवाल उठाए गए। इस परीक्षा केंद्र में कोई शिक्षक ड्यूटी पर तैनात नहीं दिखाई दिया और परीक्षा के बीच, छात्र आपस में एक-दूसरे से बात भी करते दिखाई दिए। 

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