शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ी खबर है। आज न्यायालय ने एक अहम सुनवाई करते हुए 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को खारिज कर दिया है। इसके अलावा नियोजन नीति को भी हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
कुछ दिन पूर्व ही इस मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने राज्य की नियोजन नीति को सही ठहराते हुए अदालत में कहा कि झारखंड की कई परिस्थितियों को ध्यान में रखकर ही यह नीति बनाई गई है। झारखंड हाई कोर्ट ने नियोजन नीति मामले में सोमवार को बड़ा फैसला देते हुए स्थानीय लोगों के लिए 100 फीसद आरक्षण को गलत ठहाराया है। झारखंड सरकार द्वारा बनाए व लागू किए गए नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट की पूर्ण पीठ ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया है।राज्य के अनुसूचित 13 जिलों के सभी पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। पूर्व में सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान पूर्ण पीठ के सभी जज इस बात पर एकमत हुए कि विज्ञापन संख्या 21 के कुछ खंड को अनुसूचित जिले के लिए नए सिरे से विज्ञापन प्रकाशित करने का निर्देश दिया। राज्य के अनुसूचित जिलों में पहले से की गई नियुक्तियां भी रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा राज्यपाल के द्वारा जारी अधिसूचना को भी खारिज कर दिया गया। गैर अनुसूचित जिलों में नियुक्ति होती रहेगी।
प्रदेश में युवाओं को अधिक से अधिक सरकारी नौकरी देने की जोरदार तैयारी में लगे सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 31, 661 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब एक हफ्ते में ही इनमें से कुछ को अपने हाथ से नियुक्ति पत्र देंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश मे 31661 पद पर सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को गति प्रदान कर दी है। यह 31661 पद 69000 सहायक शित्रकों के पद में से हैं, जिनकी नियुक्ति करने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 69000 में से 31,661 शिक्षकों की भर्ती का निर्देश करीब चार महीने पहले दिया था। इसके बाद कोरोना वायरस संक्रमण के कारण चार महीने बाद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिले।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के रोजगार को लेकर पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। इसको लेकर हमारी तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया था कि सुप्रीम कोर्ट के 21 मई 2020 के फैसले के अनुसार ही 31,661 शिक्षकों की नियुक्तियां एक हफ्ते के भीतर संपन्न की जाएं।
उत्तर प्रदेश में एक हफ्ते में होगी 31661 पदों पर सहायक अध्यापकों की भर्ती
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम बढ़ाया है। सरकार 31661 पदों पर एक हफ्ते में भर्ती प्रक्रिया पूरी करेगी। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, इसमें भी सुप्रीम कोर्ट ने 31661 पदों पर भर्ती की छूट दी है। योगी आदित्यनाथ सरकार अब उन्हीं 31,661 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरी करेगी। इसके बाद के बचे पदों पर भर्ती सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद ही होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में 31,661 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापकों के 69,000 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 06 जनवरी, 2019 को टीटीई की परीक्षा कराई गई थी। 07 जनवरी, 2019 को निर्गत शासनादेश से टीटीई परीक्षा में उत्तीर्ण के लिए सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 65 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग एवं अन्य आरक्षित वर्गों के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया था। शासनादेश के सम्बन्ध में कतिपय अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में रिट याचिकाएं योजित की थी।