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अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे जिले के कई स्कूल

सिरोंज | सरकार द्वारा जिस तरह से स्कूल बनाया गया था उसमें पढ़ाने के लिए 7 साल से अतिथि शिक्षकों को संचालित किया जा रहा है जिसके कारण शासन की मंशा पूरी नहीं हो पाई है |

स्कूल में पढ़ाते हुए अतिथि शिक्षकों को 7 साल पूरे हो गए हैं इस वर्ष अतिथि शिक्षकों की भर्ती में देरी हो जाने के कारण स्कूल में पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हुई  और स्कूलों में अभी तक कोई भी कक्षा प्रारंभ नहीं हो सकी जिसके कारण क्षेत्र के बच्चों का आगे का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है |
1 वर्ष पहले सिरोंज के एक युवक को स्कूल के प्रभारी प्राचार्य मोहम्मद शफीक खान ने स्कूल में पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षक के रूप में रख लिया था और इस वर्ष भी प्राचार्य ने रमेश को अतिथि शिक्षक के रूप में स्कूल में रख लिया है | प्राचार्य ने बताया है कि रमेश एक माह से स्कूलों में अपनी सेवाएं नियमित रूप से दे रहा है क्योंकि रमेश दोबारा से अगले साल अतिथि शिक्षक बन सके |
स्कूल में कक्षा 9वी से लेकर कक्षा बारहवीं तक के 137 विधार्थियो के सभी दस्तावेजों से जुड़े कामों को करने का कार्य रमेश करता है |  पूरे स्कूल में प्राचार्य मोहम्मद शफीक खान ऐसे शिक्षक हैं जो नियमित रूप से हैं जबकि स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षक लगे हुए हैं | स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं कक्षा तक कक्षा नियमित रूप से लगती है जिन्हें पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षक ही स्कूल में है |
नवी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के गणित, विज्ञान और अन्य कक्षाएं प्रतिदिन स्कूल में लग रही हैं जो सिर्फ अतिथि शिक्षकों पर ही निर्भर हैं | 7 साल से स्कूल में अतिथि शिक्षक ही पढ़ाई करवा रहे हैं | शिक्षा विभाग के द्वारा भी किसी नियमित शिक्षक को स्कूल में पढ़ाने के लिए नहीं भेजा गया |

सिरोंज के मॉडल स्कूल के अलावा जिले के अन्य स्कूलों में भी यही हाल हैं | शिक्षकों की कमी होने के कारण कुछ स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है जिसके कारण लाखों विधार्थी अपनी पढ़ाई ही नहीं कर पा रहे हैं और कुछ स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के ऊपर ही स्कूल में पढ़ाने करबाने का ठेका है | इस वर्ष अतिथि शिक्षकों की भर्ती में देरी हो जाने का कारण पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हुई है |

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