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अनुभव प्रमाण पत्र की अनिवार्यता, अतिथि शिक्षक मुश्किल में

सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया लागू की गई है। लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र के इस फरमान ने उम्मीदवारों की मुश्किल बढ़ा दी है। दरअसल इसके तहत पोर्टल पर पंजीयन कराने के लिए आवदेकों से अनुभव प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है।
लेकिन संबंधित स्कूलों के प्राचार्य यह प्रमाण पत्र देने में आनाकानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस बारे में विभाग से उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है। ऐसे में अतिथि शिक्षकों को बगैर अनुभव प्रमाण-पत्र के ही पंजीयन करवाना पड़ रहा है। उनकी समस्या यह है कि इस तरह रजिस्ट्रेशन कराने से वे सामान्य आवेदक की श्रेणी में आ गए हैं। इसके चलते उन्हें न तो मेरिट में वरीयता मिलेगी और न चयन में प्राथमिकता। जिन अतिथि शिक्षकों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वे असमंजस में हैं कि अब उनका चयन कैसे होगा। क्योंकि विभाग ने रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तारीख 15 अगस्त तय की है। इस कारण प्रदेश के स्कूलों में पदस्थ रहे 70 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक परेशान हैं।

गौरतलब है कि अतिथि शिक्षक बनने के लिए नए उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। पूर्व में जो अतिथि शिक्षक रहे हैं उन्हें बिना प्रमाण-पत्र के चयन में प्राथमिकता मिलना मुश्किल है।

... नुकसान नहीं होने देंगेे

 स्कूूल शिक्षा विभाग के अफसराें से जानकारी लेकर अतिथि शिक्षकों के मामले में निर्णय लेंगे। अनुभवी शिक्षकों का नुकसान नहीं होने देंगे। चयन प्रक्रिया में उनको वरीयता दी जाएगी।  दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग 

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