दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड
(डीएसएसएसबी) ने शिक्षकों की भर्ती रोक दी है। डीएसएसएसबी ने 7अगस्त को
दिल्ली के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
लेकिन दिल्ली सरकार ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उपराज्यपाल को पत्र
लिखा था।
दिल्ली सरकार का कहना है कि अतिथि शिक्षकों पर नीति बनाए जाने तक
भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगनी चाहिए। बता दें स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते डीएसएसएसबी ने 14,820 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इनमें से 8,914 शिक्षकों की भर्ती दिल्ली सरकार के स्कूलों में होनी थी। लेकिन राज्य सरकार ने विज्ञापन जारी होते ही अपनी आपत्ति दर्ज करा दी।
विज्ञापन के मुताबिक अभ्यार्थियों से 25 अगस्त से 15 सितंबर के बीच ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इसमें दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को केवल उम्र में छूट देने की बात कही गई थी। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों को पूरे सिस्टम की जानकारी है। इसके बावजूद उन्हें केवल उम्र का लाभ दिया जा रहा है। ऐसे में एक विस्तृत नीति की जरूरत है।
उपराज्यपाल के संज्ञान में मामला आने पर गुरुवार को डीएसएसएसबी ने भर्ती प्रक्रिया रोकने की सूचना जारी कर दी। सिसौदिया ने इस आदेश पत्र की प्रति ट्वीट किया है। साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार की मांग पर उपराज्यपाल ने भर्ती रोक दी है। अब अतिथि शिक्षकों के साथ न्याय हो सकेगा।
सरकार है अतिथि शिक्षकों के पक्ष में
दिल्ली सरकार अतिथि शिक्षकों के पक्ष में है। इसके लिए कई बार पत्र लिखकर नीति बनाने की बात कही गई है। उपमुख्यमंत्री ने 28 अप्रैल को मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। 12 जून को भी शिक्षा निदेशक को इस संबंध में नीति बनाने को कहा गया। 27 जुलाई को मुख्य सचिव, सचिव शिक्षा और दिल्ली अतिथि संघ के साथ वार्ता में अतिथि शिक्षकों के मामले पर नीति तैयार करने की बात पर सहमति बनी।
दिल्ली सरकार अतिथि शिक्षकों के पक्ष में है। इसके लिए कई बार पत्र लिखकर नीति बनाने की बात कही गई है। उपमुख्यमंत्री ने 28 अप्रैल को मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। 12 जून को भी शिक्षा निदेशक को इस संबंध में नीति बनाने को कहा गया। 27 जुलाई को मुख्य सचिव, सचिव शिक्षा और दिल्ली अतिथि संघ के साथ वार्ता में अतिथि शिक्षकों के मामले पर नीति तैयार करने की बात पर सहमति बनी।