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चेक होने आईं डीएड की 1.25 लाख कॉपियां, 1 हजार शिक्षकों की जरूरत 150 ही मिले

- पढ़ाई और सप्लीमेंट्री बोर्ड परीक्षाओं में उलझे शिक्षक, बंडल में बंद भावी शिक्षकों का भविष्य
- एमएलबी स्कूल में दो दिन से बंडलों में बंद पड़ी, कैलेण्डर पर ही उठ रहे सवाल

जबलपुर। आस-पास के दूसरे संभागों से डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) की करीब 1 लाख 25 हजार कॉपियां (उत्तर पुस्तिका) चेक होने के लिए आ गई हैं, लेकिन डीएड प्रशिक्षित भावी शिक्षकों की कॉपियां जांचने के लिए बीएड, एमएड डिप्लोमा धारी अनुभवी शिक्षक मिल ही नहीं रहे। सवा लाख कॉपियां जांने के लिए 1000 शिक्षकों की जरूरत बताई जा रही है, लेकिन स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने और सप्लीमेंट्री की बोर्ड परीक्षाओं के चलते अब तक सिर्फ 150 शिक्षक ही रजिस्टर्ड हो पाए हैं। शिक्षकों के न मिलने से समन्वय संस्था एमएलबी स्कूल में कापियों के बंडल पिछले 3 दिनों से बंद पड़े हैं। जबकि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 15 दिन में कापियां चेक करने की टाइम लिमिट तय की है।
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पढ़ाई कराएं या कापियां जंचवाए, उलझन में अफसर
1- डीएड की कापियां तय टाइमलिमिट में चेक कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा मंडल ने शिक्षा विभाग को दी है, लेकिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाने में ही शिक्षा विभाग के हाथ-पैर फूल रहे हैं। विभागीय अफसर इस उलझन में हैं कि नया सत्र शुरू होने से स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है और 10वीं-12वीं की सप्लीमेट्री परीक्षाएं भी चल रही है। ऐसे में शिक्षकों से पढ़ाई करवाएं या कॉपियां जंचवाएं।
2- शिक्षकों की ड्यूटी डीएड परीक्षा की कापियां जांचने में लगा भी दी तो बोर्ड परीक्षाओं की सप्लीमेंट्री कापियां जांचने के लिए शिक्षक कम पड़ जाएंगे।
3- एमएलबी स्कूल को समन्वय संस्था बनाया गया है। स्कूलों में क्लास शुरू हो गई है। ऐसे में मूल्यांकन कार्य कैसे होगा? ये चिंता भी सता रही है।
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निजी स्कूल, कॉलेज के शिक्षकों पर है रोक
- एमएलबी स्कूल में सरकारी कॉलेजों के अलावा प्राइवेट डीएड कॉलेजों की कॉपियां भी जांचने के लिए भेजी गई हैं, लेकिन कापियां जांचने के लिए प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों की शिक्षकों की ड्यूटी लगाने पर रोक लगा रखी है।
- डीएड का कोर्स डाइट (प्रशिक्षण एंव शिक्षण संस्थान) द्वारा कराया जाता है, लेकिन मूल्यांकन कार्य में डाइट का सहयोग भी कम पड़ रहा।
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मंडल के कैलेण्डर पर सवाल
मंडल ने डीएड की परीक्षा लेने का जो शैक्षणिक कैलेण्डर बनाया है जानकार उसे ही गलत बता रहे हैं। क्योंकि कैलेण्डर के तहत डीएड की परीक्षाएं मई में ली जाती हैं और कापियां जून-जुलाई में जंचवाई जाती हैं। इस दौरान स्कूल शुरू हो जाते हैं और फिर पढ़ाई के साथ ही अन्य कार्य प्रभावित होते हैं।
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डीएड की करीब सवा लाख कॉपियां मूल्यांकन के लिए भेजी गई हैं। पढ़ाई व परीक्षाओं के कारण शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पा रहे। यदि सरकारी के साथ ही प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों के शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी जाए तो मूल्यांकन कार्य आसान हो जाएगा।
-प्रभा मिश्रा, प्रभारी समन्वय संस्था, एमएलबी
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कॉपियां चेक कराने शिक्षकों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। 150 शिक्षकों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। हां ये जरूर है कि शैक्षणिक सत्र शुरू हो जाने से पर्याप्त मात्रा में शिक्षक नहीं मिल पा रहे।
-मनीष वर्मा, संयुक्त संचालक, संभागीय लोकशिक्षण

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