सिरोंज| अप्रैल में क्षेत्र के शासकीय कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना
करना पड़ रहा हैं। 16 दिन बीत गए लेकिन शिक्षकों को अभी तक मार्च का वेतन
नहीं मिल सका है। सचिव और रोजगार सहायक चार महीने से वेतन का इंतजार कर रहे
हैं। क्षेत्र की शिक्षा और ग्राम पंचायतों की व्यवस्था देखने वाले सरकारी
मुलाजिमों को दिनोंदिन गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा हैं।
आमतौर पर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच में आने वाला सहायक शिक्षकों का वेतन महीने के 16 दिन बीतने के बाद भी उनके खातों में नहीं आया हैं। सरकारी स्कूल में व्याख्याता एक शिक्षक ने बताया कि 42 साल की नौकरी में ऐसा पहली बार हुआ है कि महीने की 15 तारीख निकलने के बाद भी हमें वेतन नहीं मिला। समझ नहीं आ रहा ऐसा क्यों हो रहा है। इनके अलावा क्षेत्र के अध्यापकों, सहायक अध्यापकों तथा संविदा शिक्षकों को भी वेतन नहीं मिलने की वजह से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक अधिकारियों से वेतन की जानकारी लेते हैं तो अधिकारी बजट नहीं आने का हवाला देते हैं। अप्रैल में बच्चों के एडमिशन तथा पढ़ाई संबंधी तमाम खर्च है लेकिन वेतन नहीं मिलने की वजह से ये सभी काम रुके हुए पड़े हैं। इस संबंध में बीईओ ओपी विश्वकर्मा ने बताया कि बजट नहीं आने की वजह से वेतन नहीं बंट सका है। हमने बिल-वाउचर तैयार कर रखे है। जैसे ही बजट मिलेगा शिक्षकों के खाते में वेतन पहुंच जाएगा।
आमतौर पर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच में आने वाला सहायक शिक्षकों का वेतन महीने के 16 दिन बीतने के बाद भी उनके खातों में नहीं आया हैं। सरकारी स्कूल में व्याख्याता एक शिक्षक ने बताया कि 42 साल की नौकरी में ऐसा पहली बार हुआ है कि महीने की 15 तारीख निकलने के बाद भी हमें वेतन नहीं मिला। समझ नहीं आ रहा ऐसा क्यों हो रहा है। इनके अलावा क्षेत्र के अध्यापकों, सहायक अध्यापकों तथा संविदा शिक्षकों को भी वेतन नहीं मिलने की वजह से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक अधिकारियों से वेतन की जानकारी लेते हैं तो अधिकारी बजट नहीं आने का हवाला देते हैं। अप्रैल में बच्चों के एडमिशन तथा पढ़ाई संबंधी तमाम खर्च है लेकिन वेतन नहीं मिलने की वजह से ये सभी काम रुके हुए पड़े हैं। इस संबंध में बीईओ ओपी विश्वकर्मा ने बताया कि बजट नहीं आने की वजह से वेतन नहीं बंट सका है। हमने बिल-वाउचर तैयार कर रखे है। जैसे ही बजट मिलेगा शिक्षकों के खाते में वेतन पहुंच जाएगा।