सीहोर।
विवाह के मंगल गीत गाए-बजाए जा रहे थे। चारों और खुशियों का आलम था। घर
वाले बस बारात की राह ताक रहे थे। लेकिन अचानक...ये क्या हो गया...? ये
नजारा था मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के ग्राम बडऩगर का, जहां दूल्हेराजा को
बारात लेकर पहुंचना था। पर, यहां पहुंचने से पहले ही वो अपने घर वापस लौट
गए। दरअसल, ग्राम बडऩगर में दुल्हन की उम्र अभी 18 साल पूरी नहीं हुई थी।
शिक्षक पिता अपनी नाबालिग बेटी के हाथ पीले कर रहा था। जैसे ही इसकी
जानकारी ग्राम बडऩगर में कोतवाली थाना पहुंची तो एसआई विनीता विश्वकर्मा,
शैलेन्द्र कर्नाटक और महिला सशक्तीकरण विभाग के सुरेश पांचाल की टीम भी
समारोह में पहुंच गई। विवाह समारोह में आए मेहमान उन्हें देखकर चौक गए।
महिला
सशक्तीकरण विभाग के अनुसार दुल्हन की दसवीं की मार्कशीट से आयु 17 वर्ष छह
माह पाई गई। विवाह की आयु से छह माह आयु कम होने पर रायसेन के ग्राम
आमलखेड़ा से आने वाली दूल्हे राजा रंजीत (परिवर्तित नाम) की बारात को बिना
दुल्हनिया के रास्ते से वापस लौट जाना पड़ा। इसके साथ ही नाबालिग का विवाह
होने से रुक गया। इस दौरान पुलिस और महिला सशक्तीकरण विभाग की टीम ने
परिजनों को बेटी का विवाह 18 साल बाद करने की समझाइश दी।