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व्यापमं घोटाला: 700 नकलची MBBS छात्रों को सुप्रीम कोर्ट का तगड़ा झटका, प्रवेश रद्द

भोपाल। व्यापमं घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने करीब 700 छात्रों को फर्जी तरीके से एडमिशन लेने का दोषी पाया है। कोर्ट ने साल 2008 से 2012 तक के सभी नकलची छात्रों के एडमिशन रद्द कर दिए है।

व्यापमं घोटाले से जुड़े इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन छात्रों की याचिका खारिज कर दी है, जिन्होंने मप्र हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए मप्र हाईकोर्ट के फैसले पर मोहर लगाई।
कोर्ट ने साल 2008 से 2012 तक करीब 700 नकलची एमबीबीएस छात्रों को तगड़ा झटका दिया है।
सीजेआई जेएस खेहर की तीन सदस्यीय पीठ ने यह फैसला लिया है।इस केस पर हमारी पूरी नज़र थी ,इसलिये कि क्या नियम कानून ताक पर रखकर या गैर कानूनी तरीके से कोई नौकरी कर रहा तो कोर्ट कोई रहम नहीँ दिखाती है या नहीँ ।
मै शुरू से कह रहा हूँ कि कोर्ट अब प्रोफेशनल हो गयी है वो जमाना गया जब रियायत होती थी ।।
2008 बैच के कई छात्र मेडिकल ऑफीसर के रूप में सेवा दे रहे थे सब बर्खास्त हो गये इनकी डीग्री तक बोगस हो गयी और mci से रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश भी हुआ यानी ये सब झोला छाप डाक्टर हो गये ,,
यही हाल Tet 2011 के फ़र्जीवाड़े में शामिल अभ्यर्थीयों का भी होना है !
इस फैसले से ये समझ आ गया कि सुप्रीम कोर्ट न्याय और गुणवत्ता से समझौता नहीँ करेगी !
हकीकत यॆ है की जिस tet 2011 के आधार पर प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों का चयन किया जा रहा है उसका प्रमाणिक परीक्षा परिणाम किसी भी अथॉरिटी (माध्यमिक ,बेसिक या scert )के पास नहीँ है ,
यॆ सब हवा- हवाई बातें नहीँ है इन्होने कोर्ट में दाखिल अपने काऊँटर में यॆ कहा है...
बस इन्तेजार है कब कोर्ट इस मुद्दे पर सुनती है...
विनय कुमार श्रीवास्तव
अधिवक्ता उच्च न्यायालय
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