ग्वालियर .
स्टेट इलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) के हजारों आवेदकों के सामने परीक्षा से
वंचित होने का संकट खड़ा हो गया है। कारण परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण
ठीक तरह से न होना है।उम्मीदवार एक पेपर के लिए भोपाल तो दूसरे के लिए सागर
परीक्षा देने जाने को लेकर परेशानी में है।
उम्मीदवार विजय राजौरिया ने ग्वालियर परीक्षा केन्द्र आवेदन में भरा, लेकिन उन्हें भोपाल परीक्षा केन्द्र आवंटित किया गया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं होने से भी आवेदकों सामने के परीक्षा नहीं दे पाने का संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि सबसे ज्यादा संख्या सरकारी स्कूलों में पदस्थ अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक और उच्च श्रेणी शिक्षक और संविदा शिक्षकों की है। यह उम्मीदवार लंबे समय से सेट का इंतजार कर रहे थे।
आयोग द्वारा 25 फरवरी से 8 मार्च तक असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों की पात्रता के लिए करीब 12 साल बाद आयोजित की जा रही सेट के लिए इस बार करीब 40 हजार आवेदन आए हैं। इनमें पोस्ट ग्रेजुएट के अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल हो रहे छात्रों के साथ ही स्कूलों में पढ़ा रहे अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक और उच्च श्रेणी शिक्षकों और कॉलेजों में सेवारत अतिथि विद्वानों भी शामिल है। शिक्षकों का कहना है कि सेट में शामिल होने के लिए परीक्षा टरों का निर्धारण ठीक तरह से नहीं किया गया। इसके साथ ही सेट के दौरान बोर्ड परीक्षाएं होने से ड्यूटी के बीच सेट में शामिल होना संभव नहीं होगा।
उम्मीदवार विजय राजौरिया ने ग्वालियर परीक्षा केन्द्र आवेदन में भरा, लेकिन उन्हें भोपाल परीक्षा केन्द्र आवंटित किया गया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं होने से भी आवेदकों सामने के परीक्षा नहीं दे पाने का संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि सबसे ज्यादा संख्या सरकारी स्कूलों में पदस्थ अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक और उच्च श्रेणी शिक्षक और संविदा शिक्षकों की है। यह उम्मीदवार लंबे समय से सेट का इंतजार कर रहे थे।
आयोग द्वारा 25 फरवरी से 8 मार्च तक असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों की पात्रता के लिए करीब 12 साल बाद आयोजित की जा रही सेट के लिए इस बार करीब 40 हजार आवेदन आए हैं। इनमें पोस्ट ग्रेजुएट के अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल हो रहे छात्रों के साथ ही स्कूलों में पढ़ा रहे अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक और उच्च श्रेणी शिक्षकों और कॉलेजों में सेवारत अतिथि विद्वानों भी शामिल है। शिक्षकों का कहना है कि सेट में शामिल होने के लिए परीक्षा टरों का निर्धारण ठीक तरह से नहीं किया गया। इसके साथ ही सेट के दौरान बोर्ड परीक्षाएं होने से ड्यूटी के बीच सेट में शामिल होना संभव नहीं होगा।