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विधानसभा में गूंजा ‘अटैचमेंट’ का मुद्दा : डीईओ आॅफिस में मचा हड़कंप, जानकारी जुटा रहे अफसर

प्रदेश टुडे संवाददाता, जबलपुर शिक्षक-लिपिक अटैचमेंट का मुद्दा अब विधानसभा में उठ गया है। पश्चिम विधायक तरुण भनोट ने स्कूल शिक्षा विभाग से पूछा है कि तीन साल एक ही स्थान पर जमे कितने शिक्षक-लिपिकों को हटाया गया है।
विधायक ने स्कूल शिक्षा विभाग से प्रश्न किया है कि पिछले सत्र में भी लिपिकों के स्थांनातरण को लेकर मुद्दा उठाया गया था जिसमें डीईओ को 3 साल या फिर उससे अधिक वर्षों से एक ही स्थान पर जमे लिपिकों का तबादला करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद कुछ लिपिकों को तबादला नहीं किया गया। विधानसभा में दोबारा अटैचमेंट का मुद्दा उठने के बाद डीईओ आॅफिस में हड़कंप मच गया है। डीईओ से लेकर अन्य अधिकारियों ने जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।  मालूम हो कि  28 दिसंबर 2015 को जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार अग्रवाल ने 21 लिपिकों के स्थानांतरण किए थे जिसको लेकर डीईओ पर उंगलियां उठी थीं। प्रभारी मंत्री ने जांच के निर्देश दिए और विधानसभा में भी सवाल उठा था। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग द्वारा भी इसकी जांच की गई और संभागायुक्त ने भी डीईओ को आरोप पत्र दिया। इसके बाद जारी आरोप आदि का उत्तर सप्रमाण संभागायुक्त को दिया गया जिस पर कलेक्टर का अभिमत लिया गया और 10 जून को संभागायुक्त ने डीईओ को दोषमुक्त कर दिया। जांच के कारण अधर में फंसे 21 लिपिकों का अब स्थानांतरण किया जाएगा।
तीन साल से जमे लिपिक हटाए जाएंगे
लोक शिक्षण आयुक्त मप्र नीरज दुबे ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय को पत्र जारी तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान में कार्यरत लिपिकों को स्थानांतरण करने के आदेश 16 जून 2016 जारी किए थे।

दो संघों की राजनीति कर रहे नेताजी मुसीबत में
राजनीतिक पार्टियों की तरह अब कर्मचारी संघों में भी दल-बदल और भितरघात का दौर शुरू हो गया है। हाल ही में इसी तरह का मामला मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यापक प्रकोष्ठ में शामिल एक कर्मचारी नेता का सामने आया है।  कर्मचारी नेता दो संघों की राजनीति करते पकड़े गए हैं, हालांकि इनकी चापलूसी जब पकड़ी गई तो उन्हें एक संघ से निष्कासित कर दिया। निष्कासन के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि अब कर्मचारी नेता दोबारा वापसी के लिए हाथ पैर चला रहे हैं।
अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांतीय संयोजक मुकेश सिंह ने बताया कि प्रकोष्ठ के तहसीली अध्यक्ष अरविंद उपाध्याय प्रकोष्ठ के साथ भितरघात कर रहे थे। इनके द्वारा शिक्षक संघ में जुड़कर प्रकोष्ठ की गतिविधियों की जानकारी दी जा रही थी। संघ विरोधी गतिविधि करने वाले अरविंद उपाध्याय को आपातकालीन बैठक बुलाकर तत्काल प्रकोष्ठ से निष्कासित कर दिया है।
नियमित किए जाया कर्मचारियों को
मप्र अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ ने कहा कि आयुष विभाग में लंबे समय से सफाई कर्मचारी कार्यरत हैंं, लेकिन उनसे पूर्णकालिक कार्य न कराया जाकर आधे दिवस ही कार्य कराकर एक निश्चित मानदेय दिया जाता है। इसके साथ ही अन्य सुविधाएं भी कर्मचारियों को नहीं दी जाती हैं। संघ के राकेश समुन्द्रे, राजेन्द्र तेकाम, डॉ. अर्चना मरावी, डॉ.अरुण आत्मा सहित अन्य ने कर्मचारियों को नियमित करने की मांग शासन से की है।
प्रशिक्षण की राशि नहीं पहुंची खाते में
आजाद अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष दिनेश मिश्रा, शैलेन्द्र पाटिल ने बताया कि 9 जनवरी से 14 तक डाइट में गणित एवं विज्ञान विषय का अध्यापन कार्य करने वाले माध्यमिक शालाओं के शिक्षक-अध्यापकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन शिक्षकों के खातों में अभी तक प्रशिक्षण की राशि नहीं पहुंची है। संघ के रत्नेश मिश्रा,चंद्रभान कौरव, गोविंद बिसेन सहित अन्य ने खातों में राशि पहुंचाने की मांग डाइट प्राचार्य से की है। 

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