भास्कर संवाददाता| सिरोंज पांच साल बाद भी नगर के माॅडल स्कूल को नियमित शिक्षक नहीं मिल सके
हैं। स्कूल में अध्ययनरत 170 बच्चों कोे सात अतिथि शिक्षकों द्वारा ही
पढ़ाया जा रहा है। हर साल अधिकारी नियमित शिक्षकों की नियुुक्ति का दावा
करते हैं जो पूरा नहीं हो पाता है।
ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अच्छी और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए शासन द्वारा पांच साल पहले माडल स्कूल की कल्पना की गई थी। शुरूआत में स्कूल का संचालन उत्कृष्ट हासे स्कूल में किया गया। तीन साल तक स्कूल का संचालन इसी जगह पर किया गया। स्कूल में कक्षा 9 से 12 वीं तक की पढाई भी इस दौरान शुरू हो गई। इसी बीच नगर के भोपाल रोड पर माडल स्कूल के भवन का निर्माण भी हो गया। तीन करोड़ की लागत से निर्मित इस भवन में फर्नीचर आदि का प्रबंध हो गया है। इसके बाद साल भर पहले नए भवन मेें ही कक्षाओं की शुरूआत भी होे गई।
बावजूूद इसके स्कूल को नियमित स्टाफ की सेवाएं नहीं मिल सकी। वर्तमान में भी माडल स्कूल में अतिथि शिक्षकों द्वारा ही अध्यापन कराया जा रहा है। स्कूल में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई होती है। 170 बच्चों को पढ़ाने के लिए सात अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। अतिथि शिक्षकों द्वारा ही 11 वीं और 12वीं के साइंस, कामर्स और मेथ सब्जेक्ट के बच्चों को भी पढ़ाया जाता है। इस समय स्कूल में प्रेक्टिकल चल रहे हैं। मार्च में अतिथि शिक्षकों को 9 वीं और 11 वीं की परीक्षा भी करवाना होगी। स्कूल का प्रभार वर्तमान में उत्कृष्ट हासे स्कूल के प्राचार्य मोहम्मद शफीक खान द्वारा ही देखा जा रहा है।
स्टाफ को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा बार-बार बदलती है योजना
माडल स्कूल में नियमित स्टाफ को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जब-तब योजनाएं बनाई गई है। तीन साल पहले आसपास की ग्रामीण शालाओं में कार्यरत वर्ग अध्यापकों तथा वरिष्ठ अध्यापकों की प्रतिनियुक्ति माडल स्कूलों में की गई थी। इन सभी को गत वर्ष शासन द्वारा वापस अपनी शालाओं में भेज दिया गया। इसके बाद एक बार फिर शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए गए थे लेकिन शिक्षकों ने इसमें रूचि नहीं ली। अंत में अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही स्कूलों का संचालन तय किया गया। सरकार के इस रवैये की वजह से अभिभावक भी अपने बच्चों का एडमिशन माडल स्कूल में करवाने से कतराने लगे हैं।
सभी अतिथि शिक्षकों का वेतन उत्कृष्ट के एक शिक्षक के बराबर
माडल स्कूल में अतिथि शिक्षक पांच साल से सेवाएं दे रहे हैं। अतिथि शिक्षक को साठ रुपए प्रति पीरियड मिलता है। अधिकतम चार पीरियड अतिथि शिक्षक लेते हैं। हालांकि विभागीय स्तर पर किसी को भी एक महीने में 4100 रुपए से ज्यादा नहीं मिलते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो सातों अतिथि शिक्षकों को एक महीने में 30 हजार रुपए से ज्यादा की राशि मिलती है। जबकि उत्कृष्ट स्कूल में अध्यापन करने वाले एक वरिष्ठ अध्यापक का एक माह का वेतन ही 30 हजार रुपए से ज्यादा होता है। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि चार साल से माडल स्कूल और उत्कृष्ट हासे स्कूल का बोर्ड परीक्षा का परिणाम लगभग एक जैसा होता है।
ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अच्छी और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए शासन द्वारा पांच साल पहले माडल स्कूल की कल्पना की गई थी। शुरूआत में स्कूल का संचालन उत्कृष्ट हासे स्कूल में किया गया। तीन साल तक स्कूल का संचालन इसी जगह पर किया गया। स्कूल में कक्षा 9 से 12 वीं तक की पढाई भी इस दौरान शुरू हो गई। इसी बीच नगर के भोपाल रोड पर माडल स्कूल के भवन का निर्माण भी हो गया। तीन करोड़ की लागत से निर्मित इस भवन में फर्नीचर आदि का प्रबंध हो गया है। इसके बाद साल भर पहले नए भवन मेें ही कक्षाओं की शुरूआत भी होे गई।
बावजूूद इसके स्कूल को नियमित स्टाफ की सेवाएं नहीं मिल सकी। वर्तमान में भी माडल स्कूल में अतिथि शिक्षकों द्वारा ही अध्यापन कराया जा रहा है। स्कूल में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई होती है। 170 बच्चों को पढ़ाने के लिए सात अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। अतिथि शिक्षकों द्वारा ही 11 वीं और 12वीं के साइंस, कामर्स और मेथ सब्जेक्ट के बच्चों को भी पढ़ाया जाता है। इस समय स्कूल में प्रेक्टिकल चल रहे हैं। मार्च में अतिथि शिक्षकों को 9 वीं और 11 वीं की परीक्षा भी करवाना होगी। स्कूल का प्रभार वर्तमान में उत्कृष्ट हासे स्कूल के प्राचार्य मोहम्मद शफीक खान द्वारा ही देखा जा रहा है।
स्टाफ को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा बार-बार बदलती है योजना
माडल स्कूल में नियमित स्टाफ को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जब-तब योजनाएं बनाई गई है। तीन साल पहले आसपास की ग्रामीण शालाओं में कार्यरत वर्ग अध्यापकों तथा वरिष्ठ अध्यापकों की प्रतिनियुक्ति माडल स्कूलों में की गई थी। इन सभी को गत वर्ष शासन द्वारा वापस अपनी शालाओं में भेज दिया गया। इसके बाद एक बार फिर शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए गए थे लेकिन शिक्षकों ने इसमें रूचि नहीं ली। अंत में अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही स्कूलों का संचालन तय किया गया। सरकार के इस रवैये की वजह से अभिभावक भी अपने बच्चों का एडमिशन माडल स्कूल में करवाने से कतराने लगे हैं।
सभी अतिथि शिक्षकों का वेतन उत्कृष्ट के एक शिक्षक के बराबर
माडल स्कूल में अतिथि शिक्षक पांच साल से सेवाएं दे रहे हैं। अतिथि शिक्षक को साठ रुपए प्रति पीरियड मिलता है। अधिकतम चार पीरियड अतिथि शिक्षक लेते हैं। हालांकि विभागीय स्तर पर किसी को भी एक महीने में 4100 रुपए से ज्यादा नहीं मिलते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो सातों अतिथि शिक्षकों को एक महीने में 30 हजार रुपए से ज्यादा की राशि मिलती है। जबकि उत्कृष्ट स्कूल में अध्यापन करने वाले एक वरिष्ठ अध्यापक का एक माह का वेतन ही 30 हजार रुपए से ज्यादा होता है। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि चार साल से माडल स्कूल और उत्कृष्ट हासे स्कूल का बोर्ड परीक्षा का परिणाम लगभग एक जैसा होता है।