भोपाल। ब्यूरो। विभागीय मंत्री की ब्रीफिंग की वीडियो
रिकार्डिंग करना विदिशा के जिला शिक्षा अधिकारी एचएन नीमा को महंगा पड़ गया।
उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है। इस मामले में नीमा का निलंबन तय माना
जा रहा है। क्योंकि उनकी इस हरकत से मंत्री विजय शाह नाराज हो गए थे और
उन्होंने नीमा को निलंबित करने के निर्देश दे दिए थे।
जबकि एक अन्य मामले में रायसेन के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश त्रिपाठी कार्रवाई से बचे हुए हैं। तत्कालीन मुख्य सचिव के निर्देश के बाद भी उन पर अब तक आंच नहीं आई है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायकों ने स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित करीब 200 सवाल लगाए थे। इनके जबाव के लिए मंत्री शाह ने मैदानी अफसरों की बैठक बुलाई थी। इसमें विदिशा डीईओ नीमा भी पहुंचे थे। ब्रीफिंग शुरू हुई, मंत्री कुछ सवालों के जवाब पर नाराजी जता रहे थे, तभी फ्लैश चमका।
मंत्री ने गुस्से से पलटकर देखा तो डीईओ अपने मोबाइल फोन से वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे। मंत्री ने पहले तो जमकर फटकार लगाई और बाद में प्रभारी एसीएस से डीईओ को निलंबित करने को कहा। उनका कहना था क्या ये वीडियो बाहर दिखाने के लिए बना रहे हैं। हालांकि बाद में अफसरों ने डीईओ के प्रति संवेदना जताई और उन्हें सत्र समाप्त होने के 8 दिन बाद सिर्फ नोटिस जारी किया।
डीईओ की लापरवाही, जेडी निशाने पर
साइकिल वितरण योजना की राशि विद्यार्थी को देने में लापरवाही बरतने के मामले में रायसेन डीईओ त्रिपाठी अभी भी कार्रवाई से बचे हुए हैं। ये मामला समाधान ऑनलाइन में आया था। यहां तत्कालीन मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने पहले संयुक्त संचालक भोपाल संभाग और मामले की सही स्थिति पता चलने पर डीईओ रायसेन पर कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन अफसरों ने प्रकरण को दबाए रखा।
इस बीच मुख्य सचिव डिसा रिटायर हो गए और मामला ही खत्म हो गया। उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर को समाधान ऑनलाइन में रायसेन जिले के देवरीगंज स्कूल का मामला आया था। यहां एक छात्र को पात्रता होने पर भी साइकिल की राशि नहीं दी गई थी। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने ही डिसा को बताया था कि मामले में जेडी की बजाय डीईओ की गलती है।
जबकि एक अन्य मामले में रायसेन के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश त्रिपाठी कार्रवाई से बचे हुए हैं। तत्कालीन मुख्य सचिव के निर्देश के बाद भी उन पर अब तक आंच नहीं आई है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायकों ने स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित करीब 200 सवाल लगाए थे। इनके जबाव के लिए मंत्री शाह ने मैदानी अफसरों की बैठक बुलाई थी। इसमें विदिशा डीईओ नीमा भी पहुंचे थे। ब्रीफिंग शुरू हुई, मंत्री कुछ सवालों के जवाब पर नाराजी जता रहे थे, तभी फ्लैश चमका।
मंत्री ने गुस्से से पलटकर देखा तो डीईओ अपने मोबाइल फोन से वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे। मंत्री ने पहले तो जमकर फटकार लगाई और बाद में प्रभारी एसीएस से डीईओ को निलंबित करने को कहा। उनका कहना था क्या ये वीडियो बाहर दिखाने के लिए बना रहे हैं। हालांकि बाद में अफसरों ने डीईओ के प्रति संवेदना जताई और उन्हें सत्र समाप्त होने के 8 दिन बाद सिर्फ नोटिस जारी किया।
डीईओ की लापरवाही, जेडी निशाने पर
साइकिल वितरण योजना की राशि विद्यार्थी को देने में लापरवाही बरतने के मामले में रायसेन डीईओ त्रिपाठी अभी भी कार्रवाई से बचे हुए हैं। ये मामला समाधान ऑनलाइन में आया था। यहां तत्कालीन मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने पहले संयुक्त संचालक भोपाल संभाग और मामले की सही स्थिति पता चलने पर डीईओ रायसेन पर कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन अफसरों ने प्रकरण को दबाए रखा।
इस बीच मुख्य सचिव डिसा रिटायर हो गए और मामला ही खत्म हो गया। उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर को समाधान ऑनलाइन में रायसेन जिले के देवरीगंज स्कूल का मामला आया था। यहां एक छात्र को पात्रता होने पर भी साइकिल की राशि नहीं दी गई थी। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने ही डिसा को बताया था कि मामले में जेडी की बजाय डीईओ की गलती है।