भास्कर संवाददाता| बैतूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की हाजिरी लगाने के लिए लागू किया एम
शिक्षा मित्र एप का अब विरोध चरम पर पहुंच गया है। इस एप में हाजिरी लगाने
के लिए शिक्षकों को एंड्रायड मोबाइल क्रय करने के लिए बाध्य किया जा रहा
है।
इससे नाराज शिक्षक रविवार को धरना देने के बाद ज्ञापन देने कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचे तो अधिकारी के नहीं आने पर आधा घंटे जमीन पर बैठकर प्रदर्शन किया। इसके बाद वहां आए तहसीलदार प्रभात मिश्रा को ज्ञापन देकर आदेश निरस्त करने की मांग की। आदेश निरस्त नहीं करने पर तालाबंदी की चेतावनी दी।
समग्र प्राचार्य, व्याख्याता, सहायक शिक्षक और राज्य अध्यापक संघ के बैनर तले रविवार को शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस के विरोध में कलेक्टोरेट कार्यालय के सामने धरना दिया। सुबह 11 से 2 बजे तक धरना देने के बाद शिक्षक रैली निकालकर कलेक्टोरेट कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे। कलेक्टोरेट कार्यालय में ज्ञापन लेने कोई अधिकारी के मौजूद नहीं होने पर जमीन पर बैठकर प्रदर्शन किया। करीब आधा घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद तहसीलदार प्रभात मिश्रा को ज्ञापन दिया। आम अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष मदनलाल डढोरे, जिला प्रभारी सुभाष सिंह ठाकुर, समग्र सहायक शिक्षक संघ के नारायण सिंह नगदे के नेतृत्व में तहसीलदार को दिए ज्ञापन में शिक्षकों ने बताया उपस्थिति दर्ज करने के लिए उपस्थिति पंजी उपलब्ध कराई जाती है। जिसका व्यय शासन द्वारा किया जाता है। वर्तमान नवीन आदेश के तहत शिक्षकों को एंड्रायड फोन क्रय करने को कहा जा रहा है। इससे शिक्षकों पर 7 से 10 हजार रुपए का वित्तीय भार पड़ रहा है। वित्तीय अधिभार होने के कारण शिक्षक फोन खरीदने में असमर्थ है। शिक्षकों ने कहा गांव में नेट की समस्या भी रहती है। ऐसे में एक समान सुविधा व सेवा का परिपालनता नहीं हो सकती। ऐसे में शिक्षक अपनी उपस्थिति के प्रति मानसिक रूप से चितिंत रहेगा। उन्होंने यह आदेश निरस्त करने की मांग की। शिक्षकों ने आदेश निरस्त नहीं होने पर स्कूलों में तालाबंदी करने की भी चेतावनी दी।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने दिया आश्वासन-
धरना दे रहे शिक्षकों को जिला पंचायत उपाध्यक्ष तथा शिक्षा समिति के अध्यक्ष नरेश फाटे ने यह बात सीएम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। शिक्षकों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष को शासन के निर्देशों के बारे में बताकर अपनी व्यथा भी बताई। जिला पंचायत अध्यक्ष ने आपकी मांगे जायज है। जिसके निराकरण का प्रयास किया जाएगा।
इससे नाराज शिक्षक रविवार को धरना देने के बाद ज्ञापन देने कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचे तो अधिकारी के नहीं आने पर आधा घंटे जमीन पर बैठकर प्रदर्शन किया। इसके बाद वहां आए तहसीलदार प्रभात मिश्रा को ज्ञापन देकर आदेश निरस्त करने की मांग की। आदेश निरस्त नहीं करने पर तालाबंदी की चेतावनी दी।
समग्र प्राचार्य, व्याख्याता, सहायक शिक्षक और राज्य अध्यापक संघ के बैनर तले रविवार को शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस के विरोध में कलेक्टोरेट कार्यालय के सामने धरना दिया। सुबह 11 से 2 बजे तक धरना देने के बाद शिक्षक रैली निकालकर कलेक्टोरेट कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे। कलेक्टोरेट कार्यालय में ज्ञापन लेने कोई अधिकारी के मौजूद नहीं होने पर जमीन पर बैठकर प्रदर्शन किया। करीब आधा घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद तहसीलदार प्रभात मिश्रा को ज्ञापन दिया। आम अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष मदनलाल डढोरे, जिला प्रभारी सुभाष सिंह ठाकुर, समग्र सहायक शिक्षक संघ के नारायण सिंह नगदे के नेतृत्व में तहसीलदार को दिए ज्ञापन में शिक्षकों ने बताया उपस्थिति दर्ज करने के लिए उपस्थिति पंजी उपलब्ध कराई जाती है। जिसका व्यय शासन द्वारा किया जाता है। वर्तमान नवीन आदेश के तहत शिक्षकों को एंड्रायड फोन क्रय करने को कहा जा रहा है। इससे शिक्षकों पर 7 से 10 हजार रुपए का वित्तीय भार पड़ रहा है। वित्तीय अधिभार होने के कारण शिक्षक फोन खरीदने में असमर्थ है। शिक्षकों ने कहा गांव में नेट की समस्या भी रहती है। ऐसे में एक समान सुविधा व सेवा का परिपालनता नहीं हो सकती। ऐसे में शिक्षक अपनी उपस्थिति के प्रति मानसिक रूप से चितिंत रहेगा। उन्होंने यह आदेश निरस्त करने की मांग की। शिक्षकों ने आदेश निरस्त नहीं होने पर स्कूलों में तालाबंदी करने की भी चेतावनी दी।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने दिया आश्वासन-
धरना दे रहे शिक्षकों को जिला पंचायत उपाध्यक्ष तथा शिक्षा समिति के अध्यक्ष नरेश फाटे ने यह बात सीएम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। शिक्षकों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष को शासन के निर्देशों के बारे में बताकर अपनी व्यथा भी बताई। जिला पंचायत अध्यक्ष ने आपकी मांगे जायज है। जिसके निराकरण का प्रयास किया जाएगा।