भोपाल। राजधानी के सेकंड स्टॉप स्थित अंबेडकर जयंती
मैदान पर रविवार को अतिथि शिक्षक बिना अनुमति के ही धरना देने पहुंच गए। इस
बीच पुलिस प्रशासन और उनके बीच बहस हुई। शिक्षक मैदान के पास फुटपाथ पर
प्रदर्शन करने लगे। आखिर पुलिस की सख्ती के चलते उन्हें धरना समाप्त करना
पड़ा।
इससे पहले युवक कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी भी धरना स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि अपना हक पाना है तो पुलिस की लाठियों से मत डरो। डटे रहो। चौधरी ने कहा कि सरकार अतिथि शिक्षकों को उनका हक नहीं देना चाहती है। अगर उन्हें अपना हक चाहिए तो वे किसी से डरें नहीं बल्कि अपनी मांगों के लिए लगातार आंदोलन करते रहें। अतिथि शिक्षकों ने भी इसमें हामी भरी।
नहीं ली थी अनुमति
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अतिथि शिक्षकों ने यहां धरना-प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली थी। इसलिए वे यहां लगातार प्रदर्शन नहीं कर सकते। आखिरकार शाम को उन्हें अपना प्रदर्शन समाप्त करना ही पड़ा। अतिथि शिक्षकों की मुख्य मांग उन्हें गुस्र्जियों की तरह लाभ देकर संविदा शिक्षक बनाकर नियमित किए जाने की है।
अब प्रदेश स्तर पर आंदोलन
संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के कमेटी सदस्य मनोज मिश्रा के मुताबिक अब प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। संभवत: यह अगले माह होगा। इस मौके पर नवीन शर्मा, अतुल शर्मा, मनोज मिश्रा, शैलेंद्र आचार्य, गौरीशंकर पांडेय आदि उपस्थित थे।
इससे पहले युवक कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी भी धरना स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि अपना हक पाना है तो पुलिस की लाठियों से मत डरो। डटे रहो। चौधरी ने कहा कि सरकार अतिथि शिक्षकों को उनका हक नहीं देना चाहती है। अगर उन्हें अपना हक चाहिए तो वे किसी से डरें नहीं बल्कि अपनी मांगों के लिए लगातार आंदोलन करते रहें। अतिथि शिक्षकों ने भी इसमें हामी भरी।
नहीं ली थी अनुमति
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अतिथि शिक्षकों ने यहां धरना-प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली थी। इसलिए वे यहां लगातार प्रदर्शन नहीं कर सकते। आखिरकार शाम को उन्हें अपना प्रदर्शन समाप्त करना ही पड़ा। अतिथि शिक्षकों की मुख्य मांग उन्हें गुस्र्जियों की तरह लाभ देकर संविदा शिक्षक बनाकर नियमित किए जाने की है।
अब प्रदेश स्तर पर आंदोलन
संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के कमेटी सदस्य मनोज मिश्रा के मुताबिक अब प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। संभवत: यह अगले माह होगा। इस मौके पर नवीन शर्मा, अतुल शर्मा, मनोज मिश्रा, शैलेंद्र आचार्य, गौरीशंकर पांडेय आदि उपस्थित थे।