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शिक्षक-विद्यार्थी एक-दूसरे के पूरक इसलिए समर्पण का भाव रखें: रंगराजू

भास्कर संवाददाता | शिवपुरी शिक्षक भविष्य का निर्माता होता है। छात्र का भविष्य संवारना, बिगाड़ना उसे जीनियस बनाना यह प्रमुख रूप से शिक्षक और छात्र पर ही निर्भर करता है, इसलिए यह एक-दूसरे के पूरक हंै। शिक्षक में त्याग, सेवा और समर्पण का भाव हो तो शिक्षक अपने सम्मान को भी बरकरार रखेगा और इससे उसके शिक्षित छात्र-छात्राओं का मनोबल भी बढ़ेगा।

पहले मानव शृंखला बनाई, फिर मांगा हक

नियमितिकरण सहित अन्य मांगों को लेकर गांधी चौराहा पर आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने शनिवार को धरना देकर नारेबाजी की। मानव शृंखला बनाकर हक मांगा। रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर और विधायक को ज्ञापन दिया।

तीन दिन पढ़कर आईं मंत्री चिटनीस, फिर 1.20 घंटे 8वीं के बच्चों को पढ़ाई बायोलॉजी

खंडवा. रानी लक्ष्मीबाई माध्यमिक स्कूल। समय सुबह 10 बजे। हॉल में 200 से अधिक विद्यार्थी। ये सभी कक्षा 8वीं के चार वर्ग के विद्यार्थी। पढ़ाई शुरू हुई पाठ क्रमांक 5 की। पाठ कोशिका संरचना एवं कार्य। 10.3 मिनट पर शुरू हुआ पीरियड 11.42 तक चला। विद्यार्थियों ने भी खूब ध्यान से पढ़ाई की। क्यों

प्रशासनिक विभागों मे व्यस्त हैं शिक्षक

अशोकनगर. स्कूलों में शिक्षण कार्य को छोड़ शिक्षक प्रशासनिक कार्यों में लगे हुए हैं। स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। नियमों और निर्देशों का जिले में लंबे समय से मखौल उड़ाया जा रहा है। स्वयं अधिकारी ही अपने दिए निर्देशों का पालन करवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

पांचवीं के बच्चे नहीं लिख पाए नाम, तो चार शिक्षक को किया सस्पेंड

अशोकनगर. ग्राम टकनेरी के प्राइमरी स्कूल में पांचवीं के बच्चे अपना नाम तक नहीं लिख पाए। शिक्षा की गुणवत्ता को देखकर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और शिक्षकों पर कार्रवाई के आदेश दिए। इस पर डीईओ आरएस निम ने चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया। वहीं रांवसर में जिपं सीईओ ने सात शिक्षकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

अतिथि शिक्षकों का पूर्व विधायक ने किया समर्थन, मांगों को बताया सही

नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों की हड़ताल 10वें दिन शुक्रवार को भी चली। मांग को लेकर धरने पर बैठे अतिथियों से मिलने कांग्रेस की पूर्व विधायक चंद्रभागा किराड़े बीईओ कार्यालय धरनास्थल पहुंची। उन्होंने अतिथि शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया।

अतिथि शिक्षकों ने निकाली तिरंगा रैली

रतलाम | संविदा शिक्षक का दर्जा देने की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों की हड़ताल शनिवार को भी जारी रही। कालिकामाता मंदिर परिसर में धरने पर बैठे अतिथि शिक्षकों ने एकत्रित होकर तिरंगा रैली निकाली।

825 स्कूल, 958 पंजीयन, पढ़ाने पहुंचे 1598 वालेंटियर्स, शिक्षक

जिले की 825 प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में मिल बांचें कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिन शिक्षक बनकर पढ़ाने के लिए 958 अधिकारी, कर्मचारी व वालेंटियर्स के पंजीयन हुए थे। शनिवार को इन स्कूलों में 1598 लोग अतिथि शिक्षक बनकर ज्ञान और अनुभव साझा करने पहुंचे।

बच्चों से पूछा, टीचर क्यों बनना है तो जवाब मिला- पढ़ाना है नहीं, सोना है या गप्पें लड़ाना, सैलरी भी मुफ्त मिलती है

अक्सर स्कूल जाने वाले बच्चों से पूछा जाता है कि बड़े होकर क्या बनोगे? मसलन, बच्चे जवाब देते हैं कि उन्हें डॉक्टर बनना है, इंजीनियर बनना है, पायलट बनना है, टीचर बनना है या कुछ और बनना है।

मंत्री से लेकर अफसर, इंजीनियर और डॉक्टर कल बनेंगे शिक्षक

मंत्री हो सांसद, मुख्य सचिव हो या कमिश्नर-कलेक्टर अथवा अन्य कर्मचारी और आमजन... ये सब शनिवार को शिक्षक की भूमिका निभाएंगे। मिल बांचें कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर में सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एक घंटे पढ़ाएंगे। इंदौर जिले में ही 2746 लोगों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है।

संविदा शिक्षक बोले- मांगें पूरी नहीं हुईं तो करेंगे आत्मदाह

भिंड। आजाद अध्यापक संघ के प्रांतीय आह्वान पर रविवार को अध्यापक संघ, संविदा शिक्षक और गुरुजियों ने सरकारी उत्कृष्ट क्रमांक 1 स्कूल परिसर में बैठक कर धरना दिया। संघ के संभागीय अध्यक्ष शैलेष त्रिपाठी ने कहा कि जिले में वर्ष 2009 व 2011 में नियुक्त संविदा शाला शिक्षकों का 3 साल की परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने के बाद भी अभी तक अध्यापक संवर्ग संविलियन नहीं किया गया है।

अतिथि शिक्षक संघ : 22 फ़रवरी को कांग्रेस द्वारा विधानसभा का घेराव

प्रदेश के समस्त अतिथि शिक्षको को सूचित किया जाता है की दिनांक 22 फ़रवरी को कांग्रेस द्वारा विधानसभा का घेराव किया जा रहा है उसमे जो अतिथि शिक्षक शामिल होना चाहे स्वागत है

अब भीख मांगने लगे अतिथि शिक्षक

झाबुआ। ब्यूरो अपनी मांगों को लेकर एक माह से आंदोलनरत अतिथि शिक्षक अब भीख मांगने लगे है। शुक्रवार को विरोध का यह नया तरीका उन्होंने अपनाते हुए कलेक्टोरेट परिसर के दुकानदारों के पास जाकर भीख मांगी। उनका कहना है कि भीख मांगकर अपना विरोध जताने के लिए शासन ने मजबूर किया है।

11वीं की छात्रा से शिक्षक को हुई मोहब्बत, कमरे में मिलने बुलाया तो परिजनों ने काटी नाक

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक शिक्षक को अपनी एक छात्रा से प्यार हो गया. छात्रा के परिजनों ने इस बात से आक्रोशित होकर शिक्षक की नाक काट दी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

शिक्षक कोर्स के लिए भी एक परीक्षा

नई दिल्ली | केंद्र सरकार मेडिकल-इंजीनियरिंग की तरह शिक्षकों से जुड़े कोर्स में प्रवेश के लिए भी एक ही राष्ट्रीय परीक्षा कराने की तैयारी में है। यह कदम शिक्षक कोर्स में योग्य उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है।

LIVE: शिक्षक बनकर आए मुख्यमंत्री, बच्चों को पढ़ाया आगे बढ़ने का पाठ

भोपाल. पूरे प्रदेश में सरकार का मिल बांचे कार्यक्रम शनिवार सुबह शुरू हो गया। प्रदेश के विभिन्न जिलों में मंत्री, अधिकारी और विधायक शासकीय स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने और प्रेरणा देने के लिए पहुंच रहे हैं।

शिक्षामंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी, शिक्षक पर लटकी कार्रवाई की तलवार

पिपरिया. एक शिक्षक को वॉट्सएप पर शिक्षामंत्री पर अशोभनीय टिप्पणी करना महंगा पड़ गया। बीआरसी ने शिक्षक को नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मामला शासकीय प्राथमिक शाला बोरी में पदस्थ शिक्षक सुधीर रघुवंशी का है।

मुख्यमंत्री चौहान ने शिक्षक के रुप में शाला में बच्चों को पढ़ाया

भोपाल, (भाषा): मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां एक शासकीय विद्यालय में शिक्षक के रुप में बच्चों को प्रेरणास्पद कहानियां सुनाई, जोड़-घटाव, गुणा-भाग के प्रश्न हल करवाये तथा भाषा का महत्व पढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रभक्त और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनने की सीख भी दी।

जब बच्चों के लिए खुद किताब बन गया टीचर

जबलपुर। पत्रिका के नींव अभियान की तर्ज पर प्रदेश सरकार के अनूठे अभियान के तहत शनिवार को जनप्रतिनिधि और अधिकारी सरकारी स्कूलों में पहुंचे। उन्हें अपने ही अंदाज में रोचक ढंग से ज्ञानवर्धक जानकारी दी। इस बीच एक शिक्षक तो किताब जैसी वेशभूषा ही बनाकर स्कूल पहुंच गए।

एमपी में बच्चों और तीन शिक्षकों से चल रहा सरकारी स्कूल

मध्यप्रदेश के मालवा में बना सरकारी स्कूल खंडहर में बदल चुका है । 1000 लोगों की जनसंख्या वाले इस गांव में बने प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन-तीन शिक्षक तो हैं,  मगर पढ़ने के लिए बच्चे नहीं।

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