सरकारी
स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति अब ई-अटेंडेंस यानि एम शिक्षा मित्र
मोबाइल एप के माध्यम से लगाई जानी है। इसके लिए अब सख्त निर्देश जारी हुए,
जिसमें शिक्षकों की वेतन ई-अटेंडेंस के अनुसार ही निकाली जाएगी। लेकिन जिले
में इस सिस्टम की स्थिति काफी दयनीय है। यहां तक कि डीईओ, डीपीसी और
बीआरसीसी ऑफिस में भी एप डाउनलोड नहीं किए हैं।
मजे की बात यह है कि सभी अधिकारियों को शासन की ओर से बकायदा लक्ष्य
दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने उत्साह नहीं दिया। नतीजतन
छतरपुर की स्थिति पोर्टल में फिसड्डी साबित हो रही है। इसमें 500 से ज्यादा
शिक्षकों सहित कर्मचारियों के मोबाइल नंबर अपडेट नहीं किए, जबकि कई बार
संकुल प्राचार्यों सहित बीईओ को इसका प्रशिक्षण दिया गया।
गौरतलब है कि शासन द्वारा शिक्षा सत्र 2015-16 में स्कूल शिक्षा विभाग
के अंतर्गत शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों एवं कार्यालयों
में कार्यरत अधिकारियों व शिक्षकों को एम-शिक्षा मित्र मोबाइल एप उपलब्ध
कराया गया है। इसके माध्यम से कर्मचारियों की उपस्थित के अलावा भी पेय
स्लिप जैसे कर्इ कार्य होते हैं। लेकिन अब इस एप को प्रभावशील अब 2018 सत्र
में बनाया जा रहा है। यह मोबाइल एप खासतौर पर शिक्षा विभाग के सभी
अधिकारियों और कर्मचारियों को डाउनलोड करना शासन द्वारा सुनिश्चित किया गया
है।
जो 1 अप्रैल 18 से प्रभाव शाली भी हो गया है। लेकिन जिले में हकीकत कुछ
ओर ही है। जिले में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों ने ही इस आदेश को न मानते हुए
एप डाउनलोड नहीं किया है, तो फिर शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को इसका
पाठ कौन सिखाएगा। शासन के आदेश को जिले में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी ठेंगा
दिखा रहे हैं और अपने नियमानुसार ही कार्य कर रहे हैं। शासन ने खासतौर से
उपस्थिति में पारदर्शिता के उद्देश्य से यह मोबाइल एप चलाया है। अधिकांश
स्कूलाें में शिक्षक व कर्मचारी लेटलतीफी से आ-जा रहे हैं और लेटलतीफी की
सच्चाई सामने न अाए इसके कारण वे यह मोबाइल एप डाउनलाेड करने से बच रहे हैं
और इसका विरोध भी किया जा रहा है।
टारगेट अनुसार नहीं हुए मोबाइल नंबर अपडेट
मोबाइल एप उपयोग करने के पूर्व जरूरी होगा कर्मचारी का मोबाइल
नंबर अपडेट हो। यह व्यवस्था तो शुरु हो गई, लेकिन अभी तक 500 से ज्यादा
मोबाइल नंबर अपडेट नहीं हुए। वहीं । इसके अलावा भी पर्यवेक्षण अधिकारी
द्वारा प्रतिदिन कम से कम 10 शिक्षकों या कर्मचारियों से उनके द्वारा
पंजीकृत माेबाइल पर संपर्क कर यह जानकारी रखेंगे कि मोबाइल का उपयोग उसी
शिक्षक द्वारा उपस्थिति या अवकाश के लिए उपयोग किया जा रहा है या नहीं।
विभागीय ऑफिस के कर्मचारी सहित शिक्षकों में कुल लक्ष्य 8133 था, जिसमें
अभी तक 7579 मोबाइल नंबर अपडेट हुए है। जबकि 3411 एप का उपयोग कर रहें हैं।
साथ ही 2715 एसएमएस प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं।
जिला मुख्यालय पर डीपीसी ऑफिस के यह हाल
कक्षा पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के स्कूलों की कमान संभालने
वाले जिला शिक्षा केंद्र कार्यालय में ही इस एप का मजाक बनाया जा रहा है,
जिसमें डीपीसी आॅफिस में लक्ष्य 12 है और अभी तक 8 कर्मचारियों ने ही
मोबाइल नंबर अपडेट कराए है, जबकि एप का उपयोग दो कर्मी ही कर रहे हैं। ऐसे
में अब इस प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं।
एप उपयोग के आंकड़ों पर एक नजर
ब्लॉक टारगेट मो. अपडेट एप यूज एसएमएस यूज
छतरपुर - 1269 1191 451 487
नौगांव - 1025 955 272 2745
गौरिहार - 635 596 78 195
बकस्वाहा - 393 378 176 154
बड़ामलहरा- 892 799 374 307
लवकुशनगर- 825 774 345 396
राजनगर - 1087 985 295 381
कुल- 6839 6339 2095 2309
डीईओ बोले: हम मॉनीटरिंग कर कार्रवाई करेंगे
जिला शिक्षा अधिकारी जयसिंह बरकड़े का कहना है कि ई-अटेंडेंस
सिस्टम लागू हो चुका है। इसमें अब बच्चाें सहित शिक्षकों को स्वयं की
उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसमें यदि शिक्षकों द्वारा लापरवाही बरती जाएगी,
तो संबंधितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही आज हम पूरे सिस्टम की
मॉनीटरिंग भी कराएंगे।
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