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अतिथि विद्वान व शिक्षकों ने भाजपा को वोट न देने की ली शपथ

भास्कर संवाददाता| पथरिया/तेंदूखेड़ा/हिंडोरिया

अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण और लोक सेवा आयोग के द्वारा सहायक प्राध्यापक के लिए जारी विज्ञापन को निरस्त करने के लिए सोमवार को अतिथि विद्वानों ने राजयपाल के नाम एसडीएम के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई कि प्रदेश के साढ़े चार हजार अतिथि विद्वान जो 22 वर्षों से लगातार दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर वेतन पाकर कॉलेजों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदंडों के अनुरूप निर्धारित निश्चित वेतनमान पर संविदा के रूप में नियुक्त किया जाए। साथ ही लोक सेवा आयोग के द्वारा सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन को तत्काल रद्द किया जाए।

अतिथियों ने इस बात की भी शपथ ली यदि शिवराज सरकार उनकी मांगों पर विचार कर तत्काल निर्णय नहीं लेते हैं तो सभी अतिथि विद्वान न केवल भाजपा सरकार का असहयोग करेगी बल्कि आगामी चुनाव में वोट भी नहीं देगी। अतिथियों ने इस बात की भी शपथ ली वह भाजपा के कार्यकर्ताओं का भी सहयोग नहीं करेंगे और प्रतिदिन तीन चार व्यक्तियों से व्यक्तिगत संपर्क करके उन्हें भाजपा को वोट ना देने के लिए प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर अतिथि विद्वानों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य को भी राज्यपाल के नाम पर ज्ञापन दिया। इस अवसर पर डॉ सुरेंद्र तिवारी, अनिल जैन, धीरज जानसन, डॉ विजय बहादुर चौबे, डा. मनोज मिश्रा, डॉ. कौशिक शिल्पी, डॉ. नमीता जैन, डॉ. गायत्री गुप्ता, मनीषा सोनी, सोहनी चक्रवर्ती, मुन्नालाल सूर्यवंशी, पूजा साहू मौजूद थीं।

हिंडोरिया, पटेरा व जबेरा में भी सौंपा ज्ञापन: एक ओर कॉलेजों के अतिथि विद्वान अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में पदस्थ अतिथि विद्वान भी बीते एक सप्ताह से लामबंद हैं। सोमवार को हिंडोरिया, पटेरा, जबेरा व बटियागढ़ क्षेत्र के अतिथि शिक्षकों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि सभी अतिथि शिक्षक कई सालों से स्कूलों में पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ न्यूनतम वेतन पर कार्य करते आ रहे हैं। अतिथि विद्वानों की नियुक्ति वर्ष में केवल सात व आठ माह के लिए की जाती है।

पूरे वर्ष रोजगार न मिलने के कारण समस्त अतिथि शिक्षकों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है, जिससे उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। लगभ 4 माह बेरोजगार रहने के की स्थिति मेें सभी अतिथि शिक्षक अन्य कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए सभी अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाए। यदि उनकी मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया जाता है तो जल्द ही आंदोलन के साथ सरकारी की दोहरी नीतियों को लेकर शासन का मुखर विरोध करेंगे। इस दौरान राजेश सिंह, लोकेंद्र सिंह, संदीप बोरकर, रवि पटेल, इमरत राय सहित अनेक अतिथि शिक्षक मौज्ूद थे।

दमोह। कलेक्टोरेट में ज्ञापन सौंपने पहुंचे अतिथि शिक्षक।

रैली निकालकर, सौंपा ज्ञापन

तेंदूखेड़ा। स्थानीय रेस्टहाउस में ब्लाॅक के अतिथि शिक्षकों ने भाजपा के लिए वोट न करने की शपथ ली। रेस्टहाउस से पैदल रैली निकालकर तहसील कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार मोनिका बाद्यमारे को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख हैं कि अतिथी शिक्षक पिछले कई वर्शो से लगातार कर्तव्य निश्ठा पूर्वक सेवाएं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री द्वारा कई बार आश्वासन दिया गया इसके बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया। ब्लॉक अध्यक्ष सर्वेश गर्ग ने कहा कि गुरूजी की भांति विभागीय परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाए। सोमवार को समस्त अतिथी षिक्षकों ने स्कूलों का बहिष्कार किया। ज्ञापन देने वालों में अनिल साहू, ओंकार घोषी, गनेशसिंह, अमित साहू, आशीष साहू, आशाराम यादव, पुखराज बिदुआ, अर्जुन यादव, पुष्पराज साहू, राहुल साहू, संतोष, राजाराम पाल, मधु साहू, संगीता लोधी, लेखनसिंह, स्वतंत्र बागवार सहित अनेक अतिथि शिक्षक मौजूद थे।

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