प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल
प्रदेश में 90 हजार रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती किए जाने की कवायद शुरू हो
गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा अध्ययन किया जा रहा है।
फाइनेंस डिपार्टमेंट के अफसरों से वित्तीय स्थिति को लेकर भी चर्चा की जा
रही है। चुनावी साल में राज्य सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन से ज्यादा
कर्मचारियों के हितों पर
ज्यादा फोकस किया है। अध्यापकों को बड़ी सौगात देकर
जहां पौने तीन लाख अध्यापकों को साधने का प्रयास किया गया है वहीं करीब 23
हजार पंचायत सचिवों को छटवां वेतनमान देने की घोषणा करके कर्मचारियों के
बड़े वर्ग को खुश किया है। अब बारी सहकारिता से जुड़े अमले को फायदा दिए जाने
की है। पिछले दिनों समिति प्रबंधकों और अन्य कर्मचारियों ने मांगों को
लेकर प्रदेशस्तरीय आंदोलन किया था।
सरकारी नौकरी ही चुनौती: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 दिसम्बर को
आकाशवाणी से प्रसारित दिल से कार्यक्रम में घोषणा की है कि प्रदेश में 90
हजार सरकारी नौकरियों में भर्ती की जाएगी। सीएम की इस घोषणा पर कवायद शुरू
हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से पूरा मामला मुख्यमंत्री
सचिवालय भेजा है। सीएम सचिवालय इस बात को लेकर अध्यययन कर रहा है कि
विभागवार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए किस विभाग को नोडल बनाया जाए।
सबसे ज्यादा संविदा शिक्षक के पद
प्रदेश में सबसे ज्यादा पद संविदा शिक्षक वर्ग के रिक्त हैं। केबिनेट ने
पिछले साल 41205 पदों को भरने के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद ये पद घटाकर
करीब 31 हजार कर दिए गए। बताया जाता है कि संविदा वर्ग एक के लिए 10905,
वर्ग दो के लिए 11200 और वर्ग तीन के लिए करीब 19000 पद भरे जाने हैं। इसके
अलावा दस हजार पद पटवारी के, नायब तहसीलदार के एक हजार से अधिक और करीब
600 पद नायब तहसीलदार के भरे
जाने हैं।
अतिथि शिक्षकों-गुरुजियों के लिए रिजर्व होंगे संविदा शाला शिक्षक के पद
प्रसं, भोपाल। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में संविदा शाला
शिक्षकों की भर्ती मेंं सरकार अतिथि शिक्षक और गुरुजियों को प्राथमिकता
देगी। रिक्त स्थानों में से 25 फीसदी अतिथि शिक्षकों की भर्ती होगी और
संविदा शाला शिक्षक वर्ग तीन की भर्ती में गुरुजियों को मौका दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने इसके लिए मध्यप्रदेश पंचायत संविदा शाला शिक्षक नियोजन एवं
संविदा की शर्तें नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर ली है। अब संविदा
शाला शिक्षकों के कुल रिक्त पदों में से 25 प्रतिशत स्थान अतिथि शिक्षकों
के लिए आरक्षित किए जाएंगे। इसमें उन्हें प्राथमिकता मिलेगी जिन्होंने
सरकारी स्कूल में कम से कम दो सौ दिन और न्यूनतम तीन या अधिक शैक्षणिक
सत्रों में काम किया हो। अतिथि शिक्षकों से पद नहीं भरे जाने पर शेष पदों
को अन्य पात्र उम्मीदवारों से भरा जाएगा। इन पदों पर प्रदेश के बाहर के
उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 25 वर्ष रखी गई है जबकि मध्यप्रदेश के
अनारक्षित वर्ग के पुरुषों के लिए चालीस और आरक्षित श्रेणियों के लिए 45
वर्ष आयु सीमा रखी गई है।
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