केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की केंद्रीय शिक्षक अर्हता परीक्षा (सीटेट) परीक्षा का इंतजार कर रहे परीक्षार्थियों को अभी चार महीने और इंतजार करना होगा। सीबीएसई इस साल मई महीने में इस परीक्षा का आयोजन करेगा। मालूम हो, सीटेट की पिछली परीक्षा दो साल पहले हुई थी। ऐसे में स्कूलों में नियुक्तियां आने के बावजूद कई परीक्षार्थी इसके लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
सीटेट में हो रही देरी के सवाल पर सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिन्दुस्तान को बताया कि सीटेट के पाठ्यक्रम में बदलाव की किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को सौंपी गई है। पाठ्यक्रम में बदलाव का काम इस महीने में पूरा हो जाने की उम्मीद है। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद मार्च महीने में सीटेट के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। परीक्षा मई के अंत में या जून महीने की शुरुआत में होगी।
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत कक्षा एक से आठवीं तक शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक अर्हता परीक्षा का प्रावधान किया गया था। देश के अधिकतर राज्य अपने यहां राज्य स्तरीय शिक्षक अर्हता परीक्षा का आयोजन करते हैं। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सीबीएसई सीटेट का आयोजन करता है। सीटेट में दो साल की देरी से सबसे अधिक नुकसान दिल्ली के प्रतिभागियों को हुआ है, जिनके लिए सीटेट पास करना ही एकमात्र विकल्प है।
बीते दिसंबर महीने में दिल्ली सरकार में आई शिक्षक भर्ती मामले में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की प्रमुख बेंच ने हाल ही में इस आधार पर कुछ परीक्षार्थियों को बिना सीटेट के भी चयन प्रक्रिया में अंतरिम रूप से शामिल होने की अनुमति दे दी है, क्योंकि वर्ष 2017 में सीटेट का आयोजन ही नहीं हुआ। हालांकि, इन लाभार्थिंयों को मई में होने वाली सीटेट परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
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