भोपाल। राज्य शासन ने स्कूल
शिक्षा विभाग के शिक्षक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की तबादला नीति
शुक्रवार को घोषित कर दी है। कर्मचारी 18 जुलाई तक एजुकेशन पोर्टल के
माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। युक्तियुक्तकरण के चलते प्राइमरी और
मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को तबादलों से बाहर रखा गया है। फिर भी मिडिल
स्कूलों में विषयमान से अतिशेष शिक्षकों का दूसरे स्कूलों में तबादला हो
सकेगा। विभाग में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक मिलाकर 3 लाख से ज्यादा
कर्मचारी हैं। वहीं अध्यापक तबादला नीति को लेकर अब भी परेशान हैं।
तबादला नीति के मुताबिक शिक्षकों के स्वेच्छा के आधार पर भी अंतर जिला
तबादले हो सकेंगे। बशर्ते, संबंधित स्कूल में पद रिक्त हो और इस तबादले से
शैक्षिक व्यवस्था प्रभावित न हो। ऑनलाइन आवेदन का अधिकारी परीक्षण करेंगे
और शर्तों को पूरा करने पर तबादले होंगे।
तबादले आदेश पब्लिक डोमेन में डाले जाएंगे। ताकि आपत्ति होने पर कोई भी
शिकायत कर सके। जबकि प्रशासकीय आधार पर रिक्त पदों की पूर्ति के लिए तबादले
हो सकेंगे। इनमें भी शिक्षक विहीन और एक शिक्षक के स्कूलों में पहले
पोस्टिंग होगी। तबादले होने पर शिक्षकों को 25 जुलाई तक नई जगह पर ज्वाइन
करना होगा।
ऐसे तय होगी प्राथमिकता
एक ही स्कूल और पद के लिए एक से अधिक आवेदन आने पर सबसे पहले ऐसी महिला
शिक्षक को प्राथमिकता दी जाएगी, जो खुद गंभीर बीमारी से पीड़ित हो या परिवार
का कोई और सदस्य। दूसरे नंबर पर ऐसे ही पुरुष शिक्षक को प्राथमिकता दी
जाएगी। तीसरे नंबर पर नि:शक्त कोटे के अंतर्गत महिला और फिर पुरुष। फिर
विधवा या परित्यकता होने पर प्राथमिकता दी जाएगी।
तीन साल से एक ही पद पर बैठे लिपिकों का तबादला अनिवार्य
नीति में जिला शिक्षा अधिकारी और संभागीय संयुक्त संचालक (लोक शिक्षण)
कार्यालयों में तीन साल से जमे लिपिकों को अनिवार्यत: हटाने के निर्देश
हैं। हालांकि इन कर्मचारियों को स्वेच्छा से जगह चयन की आजादी रहेगी।
कलेक्टर कर सकेंगे तबादले
जिला स्तरीय पदों के तबादले जिले के अंदर ही कलेक्टर कर सकेंगे। हालांकि
उन्हें सूची का प्रभारी मंत्री से अनुमोदन कराना होगा। जबकि जिले में
अतिशेष शैक्षणिक अमले का संयुक्त संचालक संभाग में तबादला कर सकेंगे। ऐसे
ही राज्य स्तर के अफसरों के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन से प्रमुख
सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष करेंगे।