जिले में कार्यरत पुराने अतिथि शिक्षकों ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार
की तर्ज पर वैकल्पिक शिक्षकों की तरह स्थाई नियुक्ति देने की मांग की है।
साथ ही चेतावनी दी है कि यदि उन्हें स्थाई नियुक्ति नहीं दी गई तो वह ब्लॉक और जिला स्तर के बाद प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन करेंगे। इसके लिए संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ मप्र की जिला इकाई के बैनर तले बुधवार को प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मप्र में बीते 9 साल से 100 और 150 प्रति कार्यदिवस पर सेवा देने वाले अतिथियों के पक्ष में न्यायालय भी फैसला दे चुका है। मौजूदा सत्र में पुराने अतिथियों को प्राथमिकता दिए जाने की मांग की गई है। इसके पूर्व अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर स्वतंत्रता पार्क में बैठक भी की। इसके बाद रैली निकालकर वह कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।
साथ ही चेतावनी दी है कि यदि उन्हें स्थाई नियुक्ति नहीं दी गई तो वह ब्लॉक और जिला स्तर के बाद प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन करेंगे। इसके लिए संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ मप्र की जिला इकाई के बैनर तले बुधवार को प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मप्र में बीते 9 साल से 100 और 150 प्रति कार्यदिवस पर सेवा देने वाले अतिथियों के पक्ष में न्यायालय भी फैसला दे चुका है। मौजूदा सत्र में पुराने अतिथियों को प्राथमिकता दिए जाने की मांग की गई है। इसके पूर्व अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर स्वतंत्रता पार्क में बैठक भी की। इसके बाद रैली निकालकर वह कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।