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अतिथि शिक्षकों की जेब खाली टेंट और दरी उठा ले गए व्यापारी

झाबुआ। ब्यूरो संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ की हड़ताल सोमवार को 27वें दिन तक पहुंच गई। हड़ताल के चलते कई शैक्षणिक संस्थाओं में ताले लगे हुए हैं। ऐसे में शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। जिला मुख्यालय पर शिक्षक प्रतिदिन धरना दे रहे हैं।
सोमवार को तो टेंट व्यवसायी ने अपना टेंट ही हटा लिया और दरी उठाकर ले गए। शिक्षकों का कहना है कि अल्पवेतन के कारण वे टेंट व दरी का किराया नहीं दे पा रहे हैं। बगैर टेंट व दरी के अब जमीन पर बैठकर वे विरोध करेंगे।
अतिथि शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अजयपालसिंह राठौर ने बताया कि मप्र कि शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में मप्र शासन के मंशानुसार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति जनवरी 2007 से की गई है, जो शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होते ही प्रत्येक सत्र में नियुक्ति की जाती है। शैक्षणिक सत्र समाप्ति पर नियुक्ति निरस्त कर दी जाती है। शाला समय में पूरे कालखंड तक उपस्थित अतिथि शिक्षकों द्वारा शालाओं में समय पर शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। विषयवार प्रशिक्षण भी समय-समय पर शासकीय शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों को दिया जाता है। इसके बावजूद भी अतिथि शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। अतिथि शिक्षकों को मजदूरों से भी कम पारिश्रमिक दिया जा रहा है।
नियमितीकरण की मांग
संघ उपाध्यक्ष नाहरसिंह राणा का कहना है कि ऐसी समस्या को देखते हुए और अपने भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए मप्र के अतिथि शिक्षकों को शासन के समक्ष कई बार एक सूत्री मांग की जा रही है। मप्र के अतिथि शिक्षकों की गुरूजी शिक्षकों की तरह विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियमितिकरण किया जाए। मांग को लेकर कई बार आंदोलन किए जा चुके है। लेकिन अब तक आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है। शिक्षकों ने धरना, रैली, भूख हड़ताल, आमरण अनशन, चक्काजाम आदि आंदोलन कर सैकड़ों बार प्रयास किए, लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है।
चरमराई व्यवस्था
संघ के राकेश परमार का कहना है कि जिले के 2627 अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है। लगभग जिले की हर शैक्षणिक संस्था में अतिथि शिक्षक कार्यरत है। ऐसे में शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे है। जिले की 40 ऐसी संस्थाएं है जहां पर तालाबंदी हो चुकी है। 2011 के बाद घोषित हुई हाईस्कूल में तो अतिथि शिक्षक ही शैक्षणिक कार्य संभाल रहे है। हड़ताल पर चले जाने से कई संस्थाओं में तालाबंदी जैसे हालात उत्पन्न हो चुके है। सोमवार को हड़ताल 27वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, वे हड़ताल पर डटे रहेंगे।
अल्पवेतन बना कारण
संघ के मीडिया प्रभारी जावेद खान ने बताया कि अल्पवेतन के चलते शिक्षक पहले ही परेशान थे। वे जिला मुख्यालय पर कलेक्टोरेट कार्यालय परिसर में प्रतिदिन धरना दे रहे है। वहां पर लगा टेंट व दरी का किराया तक नहीं दे पा रहे है। व्यवसायी ने पैसे नहीं देने के कारण टेंट व दरी हटा दी है। अब जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती है, तब तक शिक्षक नीचे जमीन पर ही बैठकर अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। 

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