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2 का पहाड़ा भी नहीं सुना सके कक्षा दूसरी-तीसरी के बच्चे

शाजापुर। ब्यूरो सरकारी स्कूलों में बिगड़े शिक्षा के स्तर से पांच दिन पहले ही वाकिफ हुईं कलेक्टर ने सोमवार को जिले के 34 अफसरों को एक से तीन गांव की जिम्मेदारी सौंपते हुए औचक निरीक्षण करने भेज दिया।
अफसर टीएल मीटिंग छोड़ कुल 70 गांव के प्रावि-मावि, आंगनवाड़ी केंद्रों में पहुंचे और हालात जाने। कई स्कूलों में शिक्षक गायब मिले तो कई में शिक्षा का स्तर बेहद निम्न मिला। कक्षा दूसरी-तीसरे के कई बच्चे तो 2 का पहाड़ा भी नहीं सुना सके। निर्धारित फॉर्मेट भरकर अफसर कलेक्टर को मंगलवार या बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।
दरअसल, 1 फरवरी को कलेक्टर अलका श्रीवास्तव ने ग्राम जसवाड़ा, करजू, सरसोदिया, भंवसारा एवं मोहना के प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों का निरीक्षण किया था। उन्होंने बच्चों से 1 से 100 तक गिनती और पहाड़े पूछे थे। तब कई बच्चों का स्तर बेहद निम्न पाया था। लिहाजा, सोमवार को कलेक्टर ने प्रशासनिक अमला मैदान में उतार दिया। जिपं सीईओ, एडीएम से लेकर नायब तहसीलदार स्तर तक के अफसरों को एक से तीन गांवों की जिम्मेदारी सौंपी गई। कहा गया कि वे गांव के प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र एवं छात्रावास का औचक निरीक्षण करें। साथ ही निर्धारित फॉर्मेट भरकर दें।
कई शिक्षक तो स्कूल ही नहीं पहुंचे
हर सोमवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक कलेक्टोरेट में टीएल यानी समयावधि की बैठक होती है। प्रशासनिक अफसरों को सूचना मिली थी कि कई शिक्षक मीटिंग का फायदा उठाकर स्कूल ही नहीं पहुंचते हैं। इसलिए कलेक्टर ने सोमवार की मीटिंग कैंसिल करके अफसरों को स्कूल, आंगनवाड़ी व छात्रावास में जाने की जिम्मेदारी सौंपी। इसके लिए शनिवार एवं रविवार को ही अफसरों को अलर्ट कर दिया गया था। अफसर जब स्कूलों में पहुंचे तो कई शिक्षक अनुपस्थित मिले। इनकी समग्र रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को सौंपी जाएगी।
इन गांवों में पहुंचे अफसर
पनवाड़ी, अभयपुर, नारायणगांव, हीरपुरा टेका, हीरपुर बज्जा, टुकराना, छापीहेड़ा, सुनेरा, पिपलोदा, भदौनी, हरणगांव, मोरटा, निपानिया डाबी, बापचा, बाईहेड़ा, रामपुरा मेवासा, पचोला बनहल, खेरखेड़ी, टांडा बोर्डी, खेड़ा, बमोरी, लाहौरी, रिंगनीखेड़ा, धाराखेड़ी, मुल्लाखेड़ी, खामखेड़ा, बिकलाखेड़ी, गोपीपुर, लोहरवास, सिहोदा, साजोद, आक्या, चौसला कुल्मी, सेतखड़ी, मालीखेड़ी, तिलावद गोविंद, रेहली, सिरोलिया, कपालिया, पीर उमरोद, बड़नपुर, बटवाड़ी, बर्डियासोन, बिरगोद, घुंसी, हनोती, पलसावद सोन, देंदला, रूलकी, निछमा, झोंकर, कुंकड़ी समेत 70 गांव में अफसर पहुंचे।
गांवों में पहुंचे ये अफसर
जिपं सीईओ वीरेंद्रसिंह रावत, एडीएम मीनाक्षी सिंह, एडीशनल सीईओ एचएल वर्मा, सीएमएचओ डॉ. अनुसूया गवली, आदिम जाति कल्याण विभाग जिला संयोजक आरपी भद्रसेन, जिला कार्यक्रम अधिकारी डीएस जादौन, प्रभारी डीईओ अरुण व्यास, जिला पंजीयक पीके सक्सेना, उद्योग महाप्रबंधक एसडी जानोरिया, उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. एनएस सिकरवार, ईई पीएचई आरडी शाक्य, उप संचालक खनिज केपी दिनकर, तहसीलदार अनिरूद्घ मिश्रा, अनिल कुशवाह, आरएस जायसवाल, जनपद सीईओ जितेंद्रसिंह सेंगर, नायब तहसीलदार वीरेंद्र पौराणिक समेत 34 अफसर शामिल हैं।
स्कूल परिसर में भरा था पानी
सीएमएचओ डॉ. गवली ने ग्राम टुकराना के मावि एवं प्रावि स्कूल का मुआयना किया गया। वहीं आंगनवाड़ी केंद्र भी पहुंची। ग्राम छापीहेड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय के निरीक्षण में परिसर में ही गंदा पानी भरे होने की बात सामने आई। शिक्षकों ने बताया कि स्कूल के पीछे के भाग में पानी का भराव काफी अधिक होता है। स्कूल परिसर निचले स्थान पर होने के कारण गांव के गंदे पानी का गराव स्कूल के पास ही होता है। इस संबंध में कार्रवाई किए जाने की मांग भी की गई।
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ये पता लगाया
- गांव के प्रावि एवं मावि में शिक्षक उपस्थित थे या अनुपस्थित?
- क्या कोई शिक्षक अवकाश पर था। एप्लीकेशन में कोई जालसाजी तो नहीं की गई?
- स्कूल भवन की स्थिति कैसी है?
- बच्चों को गुणवत्तायुक्त मध्या- भोजन मिला या नहीं?
- आंगनवाड़ी खुली मिली या बंद?
- छात्रावास में बच्चों को कैसा भोजन दिया जा रहा था? आदि
किसी भी स्कूल में कभी भी पहुंचेगा दल
सोमवार को शाजापुर जनपद की 93 ग्राम पंचायत में से 70 के गांवों में अफसरों की टीम औचक निरीक्षक पर गई थी। शेष शाजापुर, शुजालपुर, मोहन बड़ोदिया एवं कालापीपल की कुल 256 ग्राम पंचायतों के स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों पर भी अफसर औचक निरीक्षण करेंगे। सूत्रों के अनुसार निरीक्षक गोपनीय रखा जाएगा। जिसकी जानकारी अफसरों को भी निरीक्षण के कुछ घंटे पहले दी जाएगी।
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52 बच्चों पर 7 शिक्षक, फिर भी घटिया शिक्षा का स्तर
एक फरवरी को कलेक्टर श्रीवास्तव ने मोहन बड़ोदिया जनपद के पांच गांव स्थित स्कूलों का निरीक्षण किया था। ग्राम जसवाड़ा के प्राथमिक विद्यालय में कुल 21 बच्चों पर 4 शिक्षक पदस्थ हैं। फिर भी शिक्षा की गुणवत्ता स्तरहीन मिली थी। करजू के प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत 52 बच्चों में से 22 बच्चे ही उपस्थित थे। जिन्हें पढ़ाने के लिए 7 शिक्षक हैं लेकिन बच्चों का शिक्षण स्तर ठीक नहीं मिला था। सभी स्कूल के 10 शिक्षकों की वेतनवृद्घि रोकने के कलेक्टर ने निर्देश दिए थे। ग्राम जसवाड़ा की आंगनवाड़ी में भी कई खामियां मिली थीं। इस कारण कलेक्टर ने अपने निरीक्षण के पांच दिन बाद ही अफसरों को गांवों की जिम्मेदारी सौंप दी।
निरीक्षण करवाया गया
अफसरों की टीमें स्कूल, आंगनवाड़ी एवं छात्रावासों में निरीक्षण करने के लिए भेजी गई थीं। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -अलका श्रीवास्तव, कलेक्टर 

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