भास्कर संवाददाता | श्योपुर शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों को लेकर युक्ति
युक्तकरण की कार्रवाई शुरू कर दी है। अतिशेष शिक्षकों से 17 नवंबर तक सहमति
पत्र मांगे गए थे। सहमति पत्र जमा करने की तारीख निकलने के अगले ही दिन
शुक्रवार से शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के विरोध में उतर आए हैं।
मप्र शिक्षक कांग्रेस के बैनर तले शिक्षकों ने हजारेश्वर पार्क में
शुक्रवार को बैठक आयोजित की।
बैठक में डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। शिक्षकों ने का कहना है की बीच सत्र में युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई की जा रही है जो ठीक नहीं है।
इससे बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ेगा। यह कार्रवाई अगस्त से सितंबर महीने में ही पूरी हो जाना थी, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बीच सत्र में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह शासन के नियमों के खिलाफ भी है। शिक्षक कांग्रेस पदाधिकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में कहा है कि स्कूलों में कार्यरत शिक्षक और अध्यापकों का बीच सत्र में युक्तियुक्तकरण ठीक नहीं है। इसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश पनप रहा है। यह युक्तियुक्तकरण इस समय शिक्षक और छात्र दोनों के हित में नहीं है। शासन के आदेश हैं कि यह कार्रवाई 31 अगस्त से 30 सितंबर तक करना अनिवार्य है। बीच सत्र में युक्तियुक्तकरण किसी भी नजरिए से ठीक नहीं है।
28 तक होना है काउंसिलिंग: युक्तियुक्तकरण के लिए 17 नवंबर तक आवेदन लेने के बाद स्वेच्छिक 28 नवंबर को काउंसिलिंग होना है। इसके अगले दिन 29 को नियुक्ति आदेश निकाले जाएंगे। इसके बाद स्कूलों में शेष रहे अतिशेष कर्मचारियों की गणना कर नामवार आपत्ति के लिए सूची का प्रकाशन 5 दिसंबर को किया जाएगा। इस सूची पर आपत्ति की अंतिम तिथि 12 दिसंबर निर्धारित की है। दूसरी कांउसिलिंग 25 दिसंबर को होना है।
बैठक में इन शिक्षकों ने रखी मांग
अशफाक मोहम्मद, शमशाद खान, चेतन शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा, गोपाल सिंह रावत, आनंद स्वरूप शर्मा, चरनजोत सिंह, प्रमोद गुप्ता, उपेन्द्र सक्सैना, रामचरित रावत, अतिबल सिंह दादौरिया, विद्याराम परमार, लखन गर्ग, कैलाशचंद रावत आदि बैठक में शामिल हुए। इन सभी शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण रोकने की मांग की है।
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बैठक में डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। शिक्षकों ने का कहना है की बीच सत्र में युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई की जा रही है जो ठीक नहीं है।
इससे बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ेगा। यह कार्रवाई अगस्त से सितंबर महीने में ही पूरी हो जाना थी, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बीच सत्र में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह शासन के नियमों के खिलाफ भी है। शिक्षक कांग्रेस पदाधिकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में कहा है कि स्कूलों में कार्यरत शिक्षक और अध्यापकों का बीच सत्र में युक्तियुक्तकरण ठीक नहीं है। इसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश पनप रहा है। यह युक्तियुक्तकरण इस समय शिक्षक और छात्र दोनों के हित में नहीं है। शासन के आदेश हैं कि यह कार्रवाई 31 अगस्त से 30 सितंबर तक करना अनिवार्य है। बीच सत्र में युक्तियुक्तकरण किसी भी नजरिए से ठीक नहीं है।
28 तक होना है काउंसिलिंग: युक्तियुक्तकरण के लिए 17 नवंबर तक आवेदन लेने के बाद स्वेच्छिक 28 नवंबर को काउंसिलिंग होना है। इसके अगले दिन 29 को नियुक्ति आदेश निकाले जाएंगे। इसके बाद स्कूलों में शेष रहे अतिशेष कर्मचारियों की गणना कर नामवार आपत्ति के लिए सूची का प्रकाशन 5 दिसंबर को किया जाएगा। इस सूची पर आपत्ति की अंतिम तिथि 12 दिसंबर निर्धारित की है। दूसरी कांउसिलिंग 25 दिसंबर को होना है।
बैठक में इन शिक्षकों ने रखी मांग
अशफाक मोहम्मद, शमशाद खान, चेतन शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा, गोपाल सिंह रावत, आनंद स्वरूप शर्मा, चरनजोत सिंह, प्रमोद गुप्ता, उपेन्द्र सक्सैना, रामचरित रावत, अतिबल सिंह दादौरिया, विद्याराम परमार, लखन गर्ग, कैलाशचंद रावत आदि बैठक में शामिल हुए। इन सभी शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण रोकने की मांग की है।
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