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मास्टरजी, आप कितना पढ़े हैं अपनी मार्कशीट दिखाएं

अशोकनगर(नवदुनिया न्यूज)। जिले में जितने भी शिक्षक शासकीय शालाओं में पदस्थ है अब उन शाला के शिक्षकों को कहा गया है कि वह शिक्षक के पद पर जब से भी पदस्थ है उसके पहले उनके द्वारा जिन-जिन बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होकर परीक्षा उत्तीर्ण की है उन सभी परीक्षाओं की अंकसूची अपने साथ लाकर जिला शिक्षा विभाग में जमा कराई जाएं। लेकिन शिक्षकों को उत्सुकता है कि ऐसी कौनसी वजह है कि शिक्षकों से अचानक यह मार्कशीटें मांगी जा रही है।

शिक्षकों ने बताया कि वह शालाओं में जब से पदस्थ हैं यह उनकी पदस्थापना जब भी हुई थी तब उनके द्वारा अपना पूरा रिकार्ड प्रस्तुत किया गया था। लेकिन अब शिक्षकों से कहा गया है कि वह अपने साथ हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी, बीए, बीएससी, बीकाम, बीएड, एमएड जहां तक भी पड़े है उनकी मार्कशीट आवश्यक रूप से जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में जमा कराएं। हालांकि शिक्षकों का रिकार्ड पहले से ही शिक्षा विभाग में है लेकिन शिक्षा विभाग अपने रिकार्ड को देखने के स्थान पर उल्टे शिक्षकों से रिकार्ड मांग रहा है। इसके पीछे यह संभावनाएं बनी है कि जिले में कई फर्जी नियुक्तियां हो सकती है जिनमें फर्जी अंकसूचियों का इस्तेमाल किया गया हो और इन अंकसूचियों के द्वारा शिक्षक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हो।
बताया गया है कि पूर्व में जिले के ही एक विधायक ने विधानसभा में एक प्रश्न उठाया गया था जिसके माध्यम से कहा गया था कि आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं उनमें अधिकांश शिक्षकों की नियुक्तियों में फर्जी अंकसूची का इस्तेमाल किया गया है।
जिला शिक्षा विभाग के प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी उदित नारायण मिश्रा का कहना है कि शिक्षकों की अंकसूचियों का रिकार्ड अभी तक संकुल स्तर पर रहता आया है। जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में इनका रिकार्ड नहीं है इस कारण सभी शिक्षकों से मार्कशीट मांगी गई है। उन्होंने फर्जी नियुक्तियों के मामले में दबी जवान से इंकार किया है लेकिन शिक्षकों में फर्जी नियुक्तियों को लेकर चर्चा का विषय है।
आजाद अध्यानपक संघ ने मांगा छटवां वेतन
कलेक्टर ने पूछा छटवां वेतन क्यों नहीं मिला, उन्होंने डीईओ से कहा इस माह सभी को छटवां वेतनमान मिलना चाहिए
अशोकनगर (नवदुनिया न्यूज)। स्थानीय जिला पंचायत के सभागार गृह में एक बैठक आयोजित की गई थी। यह बैठक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की थी। बैठक में जन शिक्षक के रूप में भीमसिंह यादव उपस्थित थे। वह आजाद अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष भी है। जब बैठक चल रही थी तब उन्होने बैठक में कलेक्टर से कहाकि सभी वेतन अहारण अधिकारियों को छटवां वेतनमान दिए जाने के आदेश जारी किये जा चुके है फिर शिक्षा विभाग के अध्यापकों को छटवां वेतनमान क्यों नहीं मिला?
इस बैठक में जिले के सभी वेतन अहारण अधिकारी भी उपस्थित थे। इस मौके पर कलेक्टर ने जिला शिक्षाधिकारी से सवाल किया कि छटवां वेतनमान क्यों नहीं मिला। उन्होंने कहाकि इस माह सभी को छटवां वेतनमान मिल जाना चाहिए इसके लिए उन्होंने जिला शिक्षाधिकारी को शीघ्र एक पांच लोगों की समिति गठित करने का निर्देश दिया है ताकि वेतन निर्धारण में एकरूपता बन सके। इस आशय की जानकारी देते हुए आजाद अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष भीमसिंह यादव ने बताया कि वेतन अब तक न मिल पाने की वजह शिक्षा विभाग के बाबू भी है जो छटवे वेतनमान में लेट-लतीफी कर रहे है ताकि अध्यापकों का एरियर बन जाए और एरियर भुगतान के लिए उन्हें परेशान किया जाए। उन्होंने कहाकि अन्य जिलों में छटवां वेतनमान दीपावली से पहले ही बांटा जा चुका है लेकिन जिले में बाबुओं की तानाशाही के कारण छटवे वेतनमान के आदेश में विसंगति का बहाना लेकर उसे लेट-लतीफ किया जा रहा है। इसी मौके संघ के संभागीय प्रवक्ता महेश श्रीवास्तव ने बताया कि संघ के द्वारा एकबार सभी वेतन अहारण अधिकारियों को सही गणना का प्रपत्र दे दिया जाएगा जो 21 तारीख को जारी होगा। यदि इसके बाद भी उन्हें कोई परेशानी आती है तो संघ उनका सहयोग करेगा। इसके बाद भी यदि छटवां वेतनमान नहीं दिया जाता है तो 6 दिसम्बर को आजाद अध्यापक संघ प्रांतीय आव्हान पर ऐसे जिले जहां छटवां वेतनमान नहीं मिला है वहां वेतन अहारण केन्द्रों पर टेंट लगाकर अनिश्चित कालीन धरना देने पर मजबूर होगा।
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खबर नं.9
अनुपस्थित शिक्षकों के विरुद्घ की जाएगी निलंबन की कार्रवाई
शिक्षकों की शालाओं में उपस्थिति में सुधार हुआ लेकिन संतोष जनक नहीं
अशोकनगर(नवदुनिया न्यूज)। जिले में कलेक्टर के पद पर पदस्थ होने के दौरान कलेक्टर बी एस जामोद ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि उनका पहला उद्देश्य शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना है। पदस्थ होने के पहले दिन से ही उन्होंने शालाओं का निरीक्षण करना आरम्भ किया था। अनेक शिक्षकों पर निलंबन की कार्यवाही की गई। कई शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए। जिलेभर के शासकीय अमले को निर्देशित किया गया कि वह जब भी दौरे पर हों अपने भ्रमण के दौरान शालाओं का जरूर निरीक्षण करें। जिसे लेकर अधिनस्थ अधिकारियों द्वारा भी अपने प्रतिदिन कलेक्टर को सौंपे जा रहे हैं।
इसी बीच जिला पंचायत में दोपहर 11 बजे से शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक साढ़े 8 घंटे चली। इस बैठक में कलेक्टर शाम 4ः30 बजे पहुंचे। उन्होंने बैठक में पहुचने के बाद विकासखंड बार प्रत्येक बीईओ और बीएसी से चर्चा की और पूछा कि उन्होंने अब तक जाति प्रमाणपत्र क्यों जमा नहीं कराए। उन्होंने जाति प्रमाणपत्रों को लेकर असंतोष जताया तथा कहाकि तीन दिवस में जाति प्रमाणपत्र जमा कराएं जाए तथा प्रत्येक लोकसेवा केन्द्र से 7 दिवस में इन जाति प्रमाणपत्रों को आनलाइन किया जाए।
शिक्षक शालाओं में साफ-सफाई का ध्यान रखें और बच्चों को भी स्वच्छता से रखे
उन्होंने इस मौके पर शिक्षकों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए दो टूक शब्दों में कहाकि प्रारम्भिक शिक्षा हमारी प्राथमिकता में है। यदि शिक्षक शालाओं में नहीं पहुचते है तो ऐसे अनुपस्थित शिक्षकों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। मीटिंग में संबोधित करते हुए कहा कि अब हम अनुपस्थित शिक्षकों के विरूद्ध बडी कार्यवाही करेंगे। शिक्षकों की शालाओं में उपस्थिति में सुधार हुआ है किन्तु संतुष्टिप्रद नहीं है। कलेक्टर ने कहा कि शिक्षक अपनी शालाओं में साफ सफाई, आस पास का वातावरण एवं मनोरंजक बातावरण तैयार करें ताकि बच्चों की उपस्थित में सुधार आये तथा बच्चे खुद व खुद शाला में पढ़ने आयें तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो।
प्रत्येक स्कूल में फुल साइज का दर्पण, कंघी और तेल रखा जाए
शिक्षकों बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए रोचक बातावरण निर्मित करें, जनप्रतिनिधियों, शाला प्रबंधन समितियों का सहयोग लें, स्कूल में सकारात्मक माहोल बनायें तथा सब मिलकर प्रयत्न करेंगे तो निश्चित रूप से शालाओं में बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी तथा स्कूलों में बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल सकेगी। प्रत्येक स्कूल में एक फुल साइज का दर्पण अनिवार्यतः रखा जाए कंघी एवं तेल भी रखा जाए ताकि बच्चे स्वछता से रह सकें। उन्हें बालों में तेल डालने तथा कंघी करने की शिक्षा दी जाए। यदि नहीं आते है तो स्कूल में व्यवस्था की जाए। शिक्षक बच्चों को स्वच्छता हेतु प्रेरित करें। जनशिक्षकों को निर्देशित किया है कि बच्चों की उपस्थिति बढाने के प्रयास करें तथा जिस स्कूल में उपस्थिति बहुत कम हैं ऐसे स्कूल में कारण जानकर उनकी मॉनिटरिंग अवश्य करें तथा ऐसे स्कूलो को फोकस करें।
जिद्दी गैंग को प्रत्येक स्कूल में प्रभावी बनाया जाए
कलेक्टर बाबूसिंह जामौद ने निर्देशित किया है कि बच्चों को गणवेश में आने के लिए प्रेरित करें, बच्चों को गणवेश हेतु राशि का वितरण उनके खातों में किया जा चुका है। बच्चों को गणवेश में आने के लिए प्रेरित भी करें। जिद्दी गेंग को प्रत्येक स्कूल में प्रभावी बनाया जाए तथा ग्राम में शौचालय बनवाने के लिए बच्चों, पालकों, एसएमसी एवं समस्त स्टाफ के सहयोग से खुले में शौच मुक्त कराने के प्रयास करें।
अतिथि शिक्षक हटेंगे
स्कूलों में अतिथि शिक्षक यदि रखे गए हैं और नियमानुसार नहीं रखे गए हैं तो उन्हें हटाने के निर्देश कलेक्टर बाबूसिंह जामौद ने दिए गए। ऐसे अतिथि शिक्षकों के लिए जनशिक्षक व संकुल प्राचार्य जिम्मेदार होंगे। जहां बास्तव में जरूरत है, वहीं निर्धारित योग्यता वाले अतिथि शिक्षक रखे जाएं। कई जगह शालाओं में यह देखने में आ रहा है कि वहां अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नियमानुसार नहीं की गई है। आये दिन कलेक्टर को इस तरह के आवेदन मिल रहे है जिसमें अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं किया गया है।
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फोटो187- जिला पंचायत के सभागार गृह में बैठक आयोजित की गई।
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खबर नं.10
युवा मोर्चा ने कांग्रेस के नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद का पुतला जलाया
अशोकनगर (नवदुनिया न्यूज)। भारतीय जनता युवा मोर्चा की अशोकनगर जिला इकाई द्वारा पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के पुतले का स्थानीय रसीला चौराहे पर दहन किया गया। यह विरोध युवा मोर्चा द्वारा गुलाब नबी आजाद के बयान को लेकर किया गया था जिसमें उन्होंने शहीदों की तुलना आतंकवादियों से की थी।
इस मौके पर युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सचिन चौधरी के नेतृत्व में स्थानीय विधायक गोपीलाल जाटव, ओमप्रकाश चौधरी, भानू रघुवंशी, डा जयमंडल यादव, डा हरवीर सिंह रघुवंशी, जयकुमार सिंघई, राजीव जाट आदि शामिल थे। इस मौके पर युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा आजाद के बयान की निंदा की गई। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि यदि सीमा पर सैनिक नहीं होते तो गुलाम नबी भी कभी आजाद नहीं हो पाते। उन्होंने आमजनों से आव्हान किया है कि अगर कोई देश के शहीदों का अपमान करें तो कोई सहन नहीं करेगा। इस मौके पर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और गुलाब नबी आजाद के पुतले को दहन कर जलाया। ज्ञात हो कि अशोकनगर जिला मुख्यालय पर पुतला जलाने की राजनीति पिछले एक साल से तेजी से सामने आ रही है। राजनैतिक दलों ने विरोध करने का तरीका पुतला जलाने के रूप में करना आरम्भ कर दिया है। जब भी कहीं कुछ होता है एक राजनीतिक दल दूसरे राजनीतिक दल के पुतले बढ़-चढ़कर जलाना आरम्भ कर देता है। पुतले जलाने की राजनीति को विरोध प्रदर्शन का अब शहर में माना जाता है। यही कारण है कि आए दिन नये-नये बयानों को लेकर चर्चित होने वाले नेता पहले बयान से चर्चित होते है बाद में विरोधी दल उनका पुतला जलाकर और उन्हें मीडिया में पब्लिसिटी प्रदान कर रहे है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि पब्लिसिटी के लिए ही नेताओं द्वारा इस तरह के बयान दिए जा रहे हों। इससे विरोध कम प्रसिद्घि ज्यादा मिल रही है।
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